मानसून ने किया दिल्ली-एनसीआर को निराश, जानिए- किस तारीख से है अच्छी बारिश का अनुमान
मौसम विज्ञान विभाग (India Meteorological Department) का अनुमान है कि बुधवार को भी बादल छाए रहेंगे। बूंदाबांदी भी हो सकती है। बृहस्पतिवार से दिन में तेज हवा चलने का अनुमान है।
नई दिल्ली, जेएनएन।Monsoon Update 2019 in Delhi and NCR: दिल्ली-एनसीआर के लोगों के लिए झमाझम बारिश का इंतजार बढ़ता रहा है। यूं तो दिल्ली-एनसीआर में मानसून दस्तक दे चुका है, लेकिन झमाझम बारिश के लिए 20 जुलाई के बाद तक का इंतजार करना पड़ सकता है। मंगलवार को भी बादल दिन भर छाए रहे, लेकिन न गरजे और न ही ठीक से बरसे। कहीं-कहीं हल्का-फुल्का बरसकर उड़ गए। बावजूद इसके गर्मी से राहत रही और इस बार नौ जुलाई का तापमान वर्ष 2012 के बाद सबसे कम दर्ज किया गया। बुधवार को भी हल्की बारिश की उम्मीद है। वर्ष 2012 में नौ जुलाई का अधिकतम तापमान 34 डिग्री सेल्सियस था।
मंगलवार को दिल्ली के ज्यादातर हिस्सों में बादलों की आवाजाही लगी रही। इंडिया गेट, सफदरजंग, लोधी रोड, जाफरपुर और नजफगढ़ समेत दिल्ली के कुछ हिस्सों में थोड़ी देर के लिए ही फुहारें पड़ीं। वह भी इतनी कि बस सड़क गीली हो सके। बादल छाने और रिमझिम फुहारों की वजह से दिल्ली के तापमान पर असर जरूर पड़ा। अधिकतम तापमान 34.2 डिग्री सेल्सियस रहा, जो कि सामान्य से दो डिग्री सेल्सियस कम है। वर्ष 2012 के बाद नौ जुलाई के दिन का यह सबसे कम तापमान है। न्यूनतम तापमान 28.8 डिग्री सेल्सियस रिकॉर्ड किया गया जो कि सामान्य से एक डिग्री ज्यादा है। नमी का स्तर 63 से 79 फीसद रहा।
मौसम विज्ञान विभाग (India Meteorological Department) का अनुमान है कि बुधवार को भी बादल छाए रहेंगे। बूंदाबांदी भी हो सकती है। बृहस्पतिवार से दिन में तेज हवा चलने का अनुमान है। तापमान 40 डिग्री सेल्सियस से ऊपर नहीं जाएगा। हल्की बारिश की वजह से हवा भी साफ श्रेणी की बनी हुई है। हालांकि प्रदूषक तत्व ओजोन की मौजूदगी अब भी बनी हुई है। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के मुताबिक मंगलवार को दिल्ली का एयर इंडेक्स 126 रहा। इस स्तर की हवा को सामान्य श्रेणी में रखा जाता है।
रखें ध्यान, बारिश में लापरवाही जान पर पड़ सकती है भारी
बरसात में बिजली की निर्बाध आपूर्ति सुनिश्चित करना बिजली वितरण कंपनियों (डिस्कॉम) के लिए बड़ी चुनौती रहती है। इसके साथ ही बरसात के मौसम में करंट लगने का भी खतरा बना रहता है। इसे ध्यान में रखकर मानसून एक्शन प्लान के तहत जरूरी कदम उठाए गए हैं। ट्रांसफार्मर व अन्य उपकरणों को पानी से बचाने के लिए जरूरी उपाय किए जा रहे हैं। दुर्घटनाओं को रोकने के लिए हेल्प लाइन नंबर भी जारी किए गए हैं। बांबे सबअर्बन इलेक्ट्रिसिटी सप्लाई (बीएसईएस) के अधिकारियों का कहना है कि ट्रांसफार्मर के चबूतरे को ऊंचा करने के साथ ही उसके चारो तरफ लोहे की जाली भी लगाई गई है। स्विच गियर्स को नमी और लीकेज से बचाने के लिए उसके ऊपर शेड लगाए गए हैं।
टीपीडीडीएल ने भेजा 42519 लोगों को नोटिस
टाटा पावर दिल्ली डिस्ट्रिब्यूशन लिमिटेड ने विशेष सुरक्षा अभियान शुरू किया है। इसके तहत बिजली के 14,432 खंभे, एटीएम बूथ, साप्ताहिक बाजार, और स्कूलों के नजदीक लगे बिजली उपकरणों की जांच की गई है। बिजली लाइन के आसपास अतिक्रमण करने वाले 42519 लोगों को नोटिस भेजा गया है। इसके साथ ही नुक्कड़ नाटक व अन्य कार्यक्रमों के जरिये लोगों को बरसात के दौरान सावधानी बरतने के लिए जागरूक किया जा रहा है।
बारिश में करंट का भी खतरा, वायरिंग रखें दुरुस्त
बारिश के दिनों में घर में भी सावधान रहना चाहिए। यदि स्विच गीला हो तो उसे छूने से बचना चाहिए। दीवारों में करंट आने की भी आशंका बनी रहती है, जिससे दुर्घटना हो सकती है। इस तरह की दुर्घटनाओं से बचने के लिए घर की वायरिंग की जांच के साथ ही अर्थ लीकेज सर्किट ब्रेकर (ईएलसीबी) लगवाना चाहिए। ईएलसीबी एक छोटा सा उपकरण है, जो बिजली के छोटे से छोटे लीकेज को भी पहचान लेता है। बिजली का लीकेज होने पर यह उपकरण ट्रिप हो जाता है, जिससे घर में बिजली आपूर्ति बंद हो जाती है।
बिजली चोरी है खतरनाक, हो सकती है दुर्घटना
बारिश के सीजन में बिजली चोरी की वजह से भी करंट फैलने का खतरा रहता है। यह न सिर्फ बिजली की चोरी करने वालों के लिए, बल्कि उनके पड़ोसियों के लिए भी खतरनाक है। तेज हवा व बारिश में बिजली चोरी करने के लिए लगाया गया कटिया गिर सकता है, जिसकी चपेट में आने से किसी की जान भी जा सकती है।
गड़बड़ी दिखे तो तुरंत करें शिकायत
अधिकारियों का कहना है कि कई बार नशेड़ी और असामाजिक तत्व ट्रांसफार्मर के चारो ओर लगी जालियां उखाड़ देते हैं, जिससे दुर्घटना की आशंका बनी रहती है। अधिकारियों का कहना है कि बिजली चोरी, बिजली के खंभे क्षतिग्रस्त होने आदि की हेल्प लाइन नंबर पर तुरंत शिकायत करनी चाहिए।
ट्रांसफार्मर व बिजली उपकरणों से रहें दूर
बरसात में ट्रांसफार्मर, बिजली के खंभे व अन्य उपकरणों के आसपास पानी जमा होने से करंट लगने का खतरा बना रहता है। इसे ध्यान में रखकर लोगों को बारिश के दिनों में बिजली के खंभे, सब-स्टेशन, ट्रांसफार्मर और स्ट्रीट लाइट से दूर रहना चाहिए। बच्चों को भी इसके नजदीक नहीं जाने देना चाहिए। उनकी चहलकदमी पर नजर रखें।
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