Delhi: जैस्मीन शाह की याचिका पर सुनवाई 24 मई तक स्थगित, LG ने दिल्ली HC से कहा- मामला राष्ट्रपति के पास लंबित
दिल्ली हाईकोर्ट ने जैसमीन शाह को (दिल्ली संवाद एवं विकास आयोग ) डीडीसीडी के उपाध्यक्ष पद से हटाने की याचिका पर उपराज्यपाल के बयान के बाद सुनवाई को 24 मई तक के लिए स्थगित कर दिया है। (फाइल फोटो)
नई दिल्ली, जागरण संवाददाता। दिल्ली हाईकोर्ट ने जैसमीन शाह को (दिल्ली संवाद एवं विकास आयोग ) डीडीसीडी के उपाध्यक्ष पद से हटाने की याचिका पर उपराज्यपाल के बयान के बाद सुनवाई को 24 मई तक के लिए स्थगित कर दिया है।
उपराज्यपाल का प्रतिनिधित्व कर रहे अतिरिक्त सालिसिटर जनरल संजय जैन ने बुधवार को शाह की याचिका पर सुनवाई कर रही न्यायमूर्ति प्रतिभा एम सिंह के समक्ष कहा कि जैसमीन शाह को डीडीसीडी के उपाध्यक्ष पद से हटाने के मामलें में पूर्व निर्णय नहीं लेना चाहिए और राष्ट्रपति के फैसले का इंतजार करना चाहिए। उन्होंने कहा कि शाह को हटाने का मामला राष्ट्रपति के समक्ष लंबित है और इस स्तर पर इसी मुद्दे पर एक अदालत का आदेश संविधान की योजना को बाधित करेगा।
वहीं, कोर्ट ने सुनवाई को 24 मई को सूचीबद्ध करते हुए कहा कि इस बीच राष्ट्रपति का फैसला आ सकता है। याचिका में शाह ने दिल्ली सरकार के निदेशक (योजना) द्वारा जारी 17 नवंबर, 2022 के आदेश को चुनौती दी है। जिसमें उपराज्यपाल ने मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल से अनुरोध किया था कि उन्हें दिल्ली के संवाद और विकास आयोग (डीडीसीडी) के उपाध्यक्ष के पद से हटा दिया जाए।
जैन ने कहा कि याचिका समय से पहले है और उपराज्यपाल और परिषद के बीच मतभेद के मद्देनजर दिल्ली सरकार के नियमों के अनुसार इसे राष्ट्रपति के समक्ष रखने के लिए केंद्र को भेजा गया था। याचिकाकर्ता की ओर से पेश वरिष्ठ वकील ने कहा कि मौजूदा मामला सुप्रीम कोर्ट के समक्ष लंबित मामले के दायरे में नहीं आता है।
इससे पहले, शाह के वकील ने तर्क दिया कि राष्ट्रपति का संदर्भ कानून के अनुसार नहीं था और वर्तमान में नियुक्ति के मामले मुख्यमंत्री के अधिकार क्षेत्र में आते हैं, जिसे उपराज्यपाल ने भी मान्यता दी है। अपनी याचिका पर शाह ने कहा कि उनके खिलाफ पारित आदेश शक्ति और प्रक्रिया का घोर दुरुपयोग है। उन्होंने अपने कार्यालय पर ताला लगाने और सभी सुविधाओं के साथ-साथ विशेषाधिकार वापस लेने के आदेशों का भी विरोध किया।