आद्या का इलाज सही हुआ या नहीं, 2 स्वास्थ्य निदेशक करेंगे जांच
बच्ची को अस्पताल से ले जाते वक्त नीचे डाली गई चादर के भी सात सौ रुपये ले लिए। अस्पताल प्रबंधन ने 15 दिन के इलाज में 18 लाख रुपये की रकम ले ली।
गुरुग्राम [जेएनएन]। डेंगू की चपेट में आकर मासूम आद्या की मौत व इलाज में फोर्टिस अस्पताल प्रशासन ने लापरवाही बरती और अधिक रकम ली, इन आरोपों की जांच प्रदेश के दो स्वास्थ्य निदेशक मिलकर करेंगे। उनकी टीम में गुरुग्राम के मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. बीके रजौरा व एक शिशु रोग विशेषज्ञ भी होंगे।
हालांकि इसके पहले सीएमओ की अध्यक्षता में डीसी के निर्देश पर तीन चिकित्सकों की टीम जांच कर चुकी है। टीम ने पाया था कि बिल अस्पताल ने अपने नियम के मुताबिक दिए हैं। रेट सही हैं या नहीं इस बात की जांच उच्चाधिकारी करेंगे।
15 दिन के इलाज में 18 लाख का बिल
द्वारका (दिल्ली) निवासी डेंगू से पीड़ित सात वर्षीय बच्ची आद्या को 31 अगस्त को गुरुग्राम के फोर्टिस अस्पताल में दाखिल कराया गया था। 4 सितंबर को अस्पताल से छुट्टी हुई थी। उसी रात बच्ची की मौत हो गई। बच्ची के परिजनों ने सोशल साइट पर यह आरोप लगाया था कि फोर्टिस अस्पताल प्रबंधन ने 15 दिन के इलाज में 18 लाख रुपये की रकम ले ली।
जांच के आदेश
दवाओं व ग्लब्स के रेट कई गुना ज्यादा लगाए। यहां तक कि बच्ची को अस्पताल से ले जाते वक्त नीचे डाली गई चादर के भी सात सौ रुपये ले लिए। मामले की जानकारी मिलने के बाद केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा ने परिवार से पूरी जानकारी देने की बात कह जांच के आदेश दिए थे।
मंगलवार शाम को स्वास्थ्य मंत्रालय की टीम ने केस फाइल भी अस्पताल प्रशासन से ली थी। हालांकि अस्पताल प्रशासन का कहना है कि जांच सही हुई, पैसे भी अस्पताल के नियमों के तहत लिए गए। बच्ची की हालत के बारे में परिजनों को रोज जानकारी दी जाती रही है।
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