ALERT : दिल्ली-एनसीआर में मिला पहला स्वाइन फ्लू का मरीज, ऐसे करें बचाव
स्वाइन फ्लू वायरस से संक्रमित व्यक्ति का खांसना और छींकना या ऐसे उपकरणों का स्पर्श करना जो दूसरों के संपर्क में भी आता है, तो वो दूसरे को संक्रमित कर सकता है।
गुरुग्राम, जेएनएन। जिले में स्वाइन फ्लू का पहला मरीज मिला है। सिविल सर्जन डॉ. बीके राजौरा का कहना है कि दो दिन पहले पांच मरीजों के सैंपल जांच के लिए नेशनल सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल (एनसीडीसी) भेजे गए थे, जिनमें एक मरीज स्वाइन फ्लू ग्रस्त मिला है। बुधवार को आई रिपोर्ट में पाया गया कि गांव ढोरका की 45 वर्षीय रेखा स्वाइन फ्लू ग्रस्त हैं। हालांकि, रेखा ठीक होकर घर जा चुकी है। इस मौसम में रेखा पहली मरीज हैं जो स्वाइन फ्लू से ग्रस्त पाई गई है। हालांकि, इन पांचों मरीजों का प्राइवेट अस्पताल में स्वाइन फ्लू का इलाज किया गया था और उनमें चार मरीज स्वाइन फ्लू ग्रस्त नहीं मिले।
जुकाम की पहचान
सर्दी-जुकाम के समय पहले गले में खराश पैदा होती है और जलन होती है। नाक बंद हो जाती है या बहने लगती है। रोगी को बार-बार छींक आती है। हल्का बुखार भी आ जाता है। सामान्य लोगों में आमतौर पर सात दिनों के बाद जुकाम दूर हो जाता है लेकिन यह स्वाइन फ्लू नहीं है।
स्वाइन फ्लू के लक्षण
- गला खराब होना
- जुकाम होना
- नॉर्मल कोल्ड होना
- आंखों में दर्द व पानी आना
- सिर दर्द करना
- खांसी होना
- मांसपेसियों में दर्द होना
- आंखे लाल होना
- जी मचलाना
ऐसे करें बचाव
स्वाइन फ्लू वायरस से संक्रमित व्यक्ति का खांसना और छींकना या ऐसे उपकरणों का स्पर्श करना जो दूसरों के संपर्क में भी आता है तो वो दूसरे को संक्रमित कर सकता है, जो संक्रमित नहीं हैं। वे भी दरवाजे के हैंडल, टेलीफोन के रिसीवर या टॉयलेट के नल के स्पर्श के बाद स्वयं की नाक पर हाथ लगाने भर से संक्रमित हो सकते हैं।
मरीज को मॉक्स पहनकर रखना चाहिए। कोई भी मरीज स्वयं मेडिकल स्टोर से दवा लेकर न खाए। जुकाम व खांसी होने के बाद डाक्टर को जरूर दिखाए। डाक्टर अपनी जांच कर दवा देगा। अगर किसी भी मरीज ने एक बार टैमी फ्लू टेबलेट खा ली और जब स्वाइन फ्लू होगा, तो टैमी फ्लू काम नहीं असर नहीं करेंगी।