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DU में छात्रों के पैसे से शिक्षकों, कर्मचारियों को वेतन देने पर हाई कोर्ट ने लगाई रोक

न्यायमूर्ति नवीन चावला ने मौखिक तौर पर पाया कि स्टूडेंट फंड का इस्तेमाल वेतन देने में करने के बजाए सरकार को वेतन देना चाहिए। उन्होंने यह मामला सुनवाई के लिए न्यायमूर्ति ज्योति सिंह की अदालत में भेज दिया जहां पहले से ही इस तरह के अन्य मामले विचाराधीन हैं।

By Mangal YadavEdited By: Published: Fri, 23 Oct 2020 08:07 PM (IST)Updated: Fri, 23 Oct 2020 08:07 PM (IST)
DU में छात्रों के पैसे से शिक्षकों, कर्मचारियों को वेतन देने पर हाई कोर्ट ने लगाई रोक
दिल्ली सरकार के निर्णय के खिलाफ डूसू ने दायर की थी याचिका

नई दिल्ली [सुशील गंभीर]। दिल्ली सरकार से अनुदान प्राप्त दिल्ली यूनिवर्सिटी के 12 कॉलेजों के शिक्षकों और कर्मचारियों को स्टूडेंट सोसायटी फंड (एसएसएफ) से वेतन देने के फैसले पर हाई कोर्ट ने रोक लगा दी है। न्यायमूर्ति नवीन चावला ने यह आदेश दिल्ली यूनिवर्सिटी स्टूडेंट यूनियन (डूसू) की तरफ से दायर याचिका पर दिया है। दिल्ली सरकार ने विगत 16 अक्टूबर को निर्णय लिया था कि 12 कॉलेजों के 1500 से ज्यादा स्टाफ को एसएसएफ से दो सप्ताह के अंदर वेतन देना होगा। सरकार के इस फैसले को डूसू ने हाई कोर्ट में चुनौती देते हुए कहा था कि छात्रों के फंड को वेतन देने के लिए खर्च नहीं किया जा सकता। इस फंड का इस्तेमाल सिर्फ छात्र कल्याण के लिए किया जा सकता है। डूसू की याचिका को दिल्ली यूनिवर्सिटी ने भी अपना समर्थन दिया था।

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दिल्ली यूनिवर्सिटी के 12 कॉलेज, जोकि दिल्ली सरकार से अनुदान प्राप्त हैं, उनमें शिक्षकों और गैर शैक्षणिक कर्मचारियों को पिछले तीन माह से वेतन नहीं मिला है। कॉलेजों में इस समस्या निपटाने के लिए सरकार ने एसएसएफ का इस्तेमाल करने का निर्णय लिया तो डूसू ने इस फैसले को हाई कोर्ट में चुनौती दे दी। हाई कोर्ट ने इस पर उच्च शिक्षा निदेशालय, दिल्ली यूनिवर्सिटी और दिल्ली सरकार को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है।

न्यायमूर्ति नवीन चावला ने मौखिक तौर पर पाया कि स्टूडेंट फंड का इस्तेमाल वेतन देने में करने के बजाए सरकार को वेतन देना चाहिए। उन्होंने यह मामला सुनवाई के लिए न्यायमूर्ति ज्योति सिंह की अदालत में भेज दिया, जहां पहले से ही इस तरह के अन्य मामले विचाराधीन हैं। डूसू की तरफ से अदालत को बताया गया था कि यह फंड छात्रों से जमा किया जाता है और इसमें सरकार से कुछ नहीं मिलता है। ऐसे में इस फंड को वेतन में खर्च करने पर रोक लगनी चाहिए।

इन कॉलेजों में नहीं मिला तीन माह से वेतन

आचार्य नरेंद्र देव कॉलेज, डॉ. भीम राव अंबेडकर कॉलेज, भास्कराचार्य कॉलेज ऑफ एपलाइड साइंस, भागिनी निवेदिता कॉलेज, दीन दयाल उपाध्याय कॉलेज, आदिती महाविद्यालय महिला कॉलेज, इंदिरा गांधी इंस्टीट्यूट ऑफ फिजिक्ल एजूकेशन, केशव महाविद्यालय, महाराजा अग्रसेन कॉलेज, महार्षि वाल्मीकि कॉलेज ऑफ एजूकेशन, शहीद राजगुरू कॉलेज ऑफ एप्लाइड साइंस फॉर वुमेन और शहीद सुखदेव कॉलेज ऑफ बिजनेस स्टडीज में वेतन को लेकर पिछले काफी समय से तनाव का माहौल चल रहा है।

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