दिल्ली HC की फटकार- क्या दिल्ली सरकार और MCD साथ मिलकर काम नहीं कर सकते
कोर्ट ने यह भी हिदायत दी है कि सभी एजेंसियां और दिल्ली सरकार अपनी जिम्मेदारी निभाएं।
नई दिल्ली (जेएनएन)। देश की राजधानी में डेंगू और चिकनगुनिया के बढ़ने मामलों पर दिल्ली हाई कोर्ट ने आम आदमी पार्टी (AAP) सरकार और तीनों एमसीडी की काम न करने की इच्छाशक्ति के मामले में जमकर खिंचाई की है।
शुक्रवार को हुई सुनवाई के दौरान कोर्ट ने दिल्ली सरकार और नगर निगमों से पूछा- क्यों सभी आपस में मिलकर डेंगू-चिकनगुनिया के खिलाफ लड़ाई में साथ नहीं आ सकते हैं। इसके साथ ही कोर्ट ने यह भी हिदायत दी है कि सभी एजेंसियां और दिल्ली सरकार अपनी जिम्मेदारी निभाएं।
कुछ महीने पहले डेंगू-चिकनगुनिया के मुद्दे पर हुई सुनवाई के दौरान दिल्ली हाईकोर्ट ने तीन नगर निगमों से कहा था कि वह सफाई कर्मचारियों की ड्यूटी को सुनिश्चित करें कि राजधानी की सड़कों से नियमित तरीके से कूड़ा हटाया जाए।
एमसीडी को हाई कोर्ट ने कहा था कि आपके काम करने की इच्छाशक्ति के अभाव में दिल्ली के लोग मलेरिया, डेंगू और चिकनगुनिया से सफर नहीं कर सकते। हाई कोर्ट ने एमसीडी से कहा है कि दिल्ली के नागरिक होने के नाते हम जानना चाहते हैं कि हम क्यों डेंगू और चिकनगुनिया से पीड़ित हों। एक रात में इतना कूड़ा एकत्र नहीं हो सकता। ये स्थिति इसलिए है कि लोग काम नहीं कर रहे हैं। चीफ जस्टिस ने कहा था कि इतना कूड़ा रातोंरात इकट्ठा नही हुआ है, काम नही किया गया इसलिए ये हालत है।
अदालत ने एमसीडी से कहा है कि आप अगर सही तरह से काम कर रहे हैं तो फिर राजधानी की सड़कों पर कूड़ा क्यों दिख रहा है। सुपरवाइजर को खुद सफाई कर्मियों पर नजर रखनी चाहिए ताकि वह सही तरह से अपनी ड्यूटी कर सकें। अदालत में एमसीडी के वकील ने कहा कि दिल्ली में अनअथॉराइज्ड कॉलोनियों में रहने वाले लोग सड़कों पर कूड़ा फेंक देते हैं इस कारण सड़कों पर कूड़ा कई बार रह जाता है।
देश में साल 2016 की तुलना में साल 2017 में डेंगू के 11,832 मामले अधिक दर्ज किए गए थे। वेक्टर से पैदा होने वाली बीमारी से होने वाली मौतों की संख्या 46 हो गई थी, जो पिछले साल की तुलना में 11 अधिक थी।