Move to Jagran APP

गिराया जाएगा 53 साल पुराना मंदिर, जानें- क्यों धार्मिक स्थल को ध्वस्त किया जाएगा

हाई कोर्ट ने कहा- अतिक्रमण कर बनाए गए मंदिर का नहीं किया जा सकता बचाव। मंदिर प्रबंधन की तरफ से दायर की गई याचिका को अदालत ने किया खारिज।

By Amit SinghEdited By: Published: Mon, 24 Sep 2018 03:43 PM (IST)Updated: Mon, 24 Sep 2018 03:49 PM (IST)
गिराया जाएगा 53 साल पुराना मंदिर, जानें- क्यों धार्मिक स्थल को ध्वस्त किया जाएगा
गिराया जाएगा 53 साल पुराना मंदिर, जानें- क्यों धार्मिक स्थल को ध्वस्त किया जाएगा

नई दिल्ली (जेएनएन)। दिल्ली में बना 53 साल पुराना मंदिर जल्द गिराया जाएगा। इस मंदिर का निर्माण वर्ष 1965 में हुआ था। हाई कोर्ट ने धार्मिक स्थल को बचाने के लिए मंदिर प्रबंधन की तरफ से दायर याचिका खारिज कर दी है।

loksabha election banner

दरअसल ये मंदिर राष्ट्रीय राजधानी में वन विभाग की जमीन पर अतिक्रमण कर बनाया गया है। मंदिर को गिराए जाने के खिलाफ दाखिल याचिका पर सुनवाई करते हुए न्यायमूर्ति विभू बाखरू ने कहा कि अतिक्रमण करके बनाए गए मंदिर का बचाव नहीं किया जा सकता।

प्राचीन मंदिर के प्रबंधन की तरफ से दायर की गई याचिका को खारिज करते हुए पीठ ने कहा कि याचिका में स्पष्ट कहा गया है कि मंदिर का निर्माण वन भूमि पर अतिक्रमण करके किया गया था। ऐसे में वन विभाग को अपनी जमीन वापस लेने या ढांचे को गिराने से रोकने का कोई आधार नहीं है।

हाई कोर्ट में दायर याचिका में दावा किया गया कि दक्षिणी दिल्ली के जोनापुर गांव में मंदिर का निर्माण 1965 में किया गया था। याचिका में प्राधिकारियों को मंदिर को गिराने की कार्रवाई से रोकने की मांग की गई थी। हालांकि, सुनवाई के दौरान पीठ ने रिकॉर्ड पर लिया कि मंदिर का निर्माण वन विभाग की जमीन पर अतिक्रमण करके किया गया था।

पीठ ने याचिकाकर्ता के वकील से पूछा कि आपके पास भूमि पर कब्जा करने का क्या अधिकार है तो वकील ने जवाब दिया कि यह ग्राम सभा की जमीन है और इसी प्रक्रिया के तहत उसे हटाया जा सकता है। इस पर पीठ ने कहा कि याचिकाकर्ता के पास भूमि पर कब्जा करने का कोई अधिकार नहीं है और याचिका को खारिज किया जाता है।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.