बिना अनुमति के संजय वन में न हो निर्माण कार्य, हाई कोर्ट ने DDA और पुलिस को दिया निर्देश
पीठ ने याचिका पर केंद्र व दिल्ली सरकार के अलावा दिल्ली पुलिस और दिल्ली विकास प्राधिकरण (डीडीए) को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है।
नई दिल्ली, जागरण संवाददाता। दिल्ली हाई कोर्ट ने बुधवार को पुलिस व दिल्ली विकास प्राधिकरण (DDA) को निर्देश दिया कि सुनिश्चित करें कि बगैर अनुमति के संजय वन में कोई भी निर्माण कार्य न हो। मुख्य न्यायमूर्ति डीएन पटेल व न्यायमूर्ति प्रतीक जालान की पीठ ने यह आदेश संजय वन (Sanjay Van area) में अवैध अतिक्रमण को लेकर सोशल मीडिया पर वायरल वीडियो का संज्ञान लेते शुरू की गई याचिका पर दिया।
पिछली सुनवाई पर पीठ ने प्राधिकारियों को संजय वन का ड्रोन से सर्वेक्षण करने का निर्देश दिया था। बुधवार को दिल्ली सरकार के के स्टैंडिंग काउंसल राहुल मेहरा के माध्यम से दिल्ली पुलिस ने बताया कि वसंत कुंज व महरौली स्थित वन क्षेत्र संजय वन में 77 मजार हैं और सभी बहुत ही पुराने हैं। वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से हुई सुनवाई के दौरान मेहरा ने कहा कि संजय वन में कुछ भी नया निर्माण नहीं हुआ है।
निर्माण कार्य को रोकने के लिए कोई व्यवस्था बनाने को कहा
इसी तरह की जानकारी डीडीए की तरफ से पीठ को दी गई। इसके बाद पीठ ने दोनों ही एजेंसियों को निर्देश दिया कि वे सुनिश्चित करें कि बगैर उनकी अनुमति के कोई भी अतिरिक्त निर्माण कार्य न हों और निर्माण कार्य को रोकने के लिए कोई व्यवस्था बनाएं। वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से सुनवाई करते हुए न्यायमूर्ति विपिन सांघी व रजनीश भटनागर की पीठ ने वीडियो का संज्ञान लेते हुए जनहित याचिका शुरू की।
हाई कोर्ट ने केंद्र व दिल्ली समेत से मांगा जवाब
पीठ ने याचिका पर केंद्र व दिल्ली सरकार के अलावा दिल्ली पुलिस और दिल्ली विकास प्राधिकरण (डीडीए) को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है। संजय वन दक्षिणी दिल्ली में वसंत कुंज और महरौली के पास एक वन क्षेत्र है। पिछली सुनवाई पर पीठ ने यह भी निर्देश दिया था कि अगर सर्वेक्षण के दौरान कोई अतिक्रमण मिलता है तो उसे तत्काल हटाया जाना चाहिए।