ओम प्रकाश चौटाला को बड़ा झटका, दिल्ली हाई कोर्ट ने रद की पैरोल
अदालत ने कहा कि चौटाला ने बीमारी को आधार बना अदालत को बहकाया है। उन्होंने कोर्ट का अनादर किया है
नई दिल्ली [जेएनएन]। जेबीटी शिक्षक भर्ती घोटाला मामले में 10 साल की सजा काट रहे हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री ओम प्रकाश चौटाला की पैरोल हाई कोर्ट ने रद कर दी है। न्यायमूर्ति विपिन सांघी ने उन्हे तुरंत सरेंडर करने का आदेश दिया है।
अदालत ने कहा कि चौटाला ने बीमारी को आधार बना अदालत को बहकाया है। उन्होंने कोर्ट का अनादर किया है। मीडिया रिपोर्ट व प्रकाशित फोटो को देखकर ऐसा प्रतीत होता है कि चौटाला चुस्त-दुरुस्त है और समय-समय पर बैठकें कर रहे हैं।
अदालत ने कहा कि 2013 में भी उनकी अंतरिम जमानत रद हो चुकी है क्योंकि वह स्वास्थ्य कारणों से जमानत पर थे, लेकिन राजनीतिक गतिविधियों में शमिल हुए और इनेलो का प्रचार किया। अदालत ने कहा कि पैरोल चौटाला को उम्र व बीमारी के चलते दी गई थी ताकि वह इलाज करवा सकें। उन्होंने उन पर किए गए विश्वास को तोड़ा है। चौटाला ने अदालत को धोखा दिया है और इसे बदला नहीं जा सकता।
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अदालत के समक्ष एक व्यक्ति ने याचिका दायर कर शिकायत की थी कि पैरोल पर बाहर आए ओपी चौटाला सार्वजनिक बैठकें कर रहे है। अदालत ने पैरोल के साथ तिहाड़ जेल द्वारा उन्हें दी गई तीन हफ्ते की फर्लो भी रद कर दी।
उधर, चौटाला के वकील ने इसका विरोध किया। उन्होंने कहा कि मीडिया रिपोर्ट यह नहीं बताती कि चौटाला ने बैठकें कीं। रिपोर्ट में उन इलाकों का जिक्र है, जो उनके गांव के रास्ते में पड़ते हैं और वहां जाते हुए रास्ते में लोग उनसे मिलने के लिए आए थे।
6 फरवरी को चौटाला को परिवार के सदस्यों से मिलने व सामाजिक दायित्व निभाने के लिए पैरोल प्रदान की गई थी। चौटाला व उनके पुत्र अजय चौटाला को निचली अदालत ने दस-दस वर्ष कैद की सजा सुनाई थी। इसके बाद हाई कोर्ट व सुप्रीम कोर्ट ने भी सजा को बरकरार रखा था।
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