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Delhi Air Pollution: वायु प्रदूषण से त्वचा की गंभीर समस्याओं का खतरा, बचाव के लिए विशेषज्ञों ने दी ये सलाह

Delhi Air Pollution दिल्ली-एनसीआर में वायु प्रदूषण लगातार बढ़ता जा रहा है।ऐसी स्थिति में लोगों का सांस लेना भी मुश्किल हो रहा है। विशेषज्ञों का कहना है कि जैसे-जैसे ठंड बढ़ेगी इस समस्या में और भी इजाफा होता जाएगा और धुएं के कारण स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं भी बढ़ती जाएंगी।

By Pradeep Kumar ChauhanEdited By: Published: Fri, 11 Nov 2022 04:31 PM (IST)Updated: Fri, 11 Nov 2022 04:31 PM (IST)
Delhi Air Pollution: वायु प्रदूषण से त्वचा की गंभीर समस्याओं का खतरा, बचाव के लिए विशेषज्ञों ने दी ये सलाह
Delhi Air Pollution: धुएं के कारण स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं भी बढ़ती जाएंगी।

नई दिल्ली, एजेंसी। दिल्ली-एनसीआर में वायु प्रदूषण लगातार बढ़ता जा रहा है।ऐसी स्थिति में लोगों का सांस लेना भी मुश्किल हो रहा है। विशेषज्ञों का कहना है कि जैसे-जैसे ठंड बढ़ेगी, इस समस्या में और भी इजाफा होता जाएगा और धुएं के कारण स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं भी बढ़ती जाएंगी। दरअसल लोगों में धारणा है कि वायु प्रदूषण का सबसे ज्यादा असर फेफड़ों और अस्थमा के साथ त्वचा संबंधी मरीजों की संख्या में लगातार इजाफा होने लगता है।

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हेल्थ एक्सपर्ट का कहना है कि वायु प्रदूषण मस्तिष्क में कई प्रकार के परिवर्तन का कारण बनती है जो मानसिक बीमारियों के जोखिम को भी बढ़ा देती है। ओजोन और वायु प्रदूषण के अन्य घटक, शरीर में सूजन का कारण बनते हैं, जिसे चिंता विकार और गंभीर स्थितियों में अवसाद के खतरे को बढ़ाने वाला माना जाता है। कम आयु वर्ग के बच्चों और किशोर इन दुष्प्रभावों के प्रति विशेष रूप से संवेदनशील होते हैं क्योंकि वे अधिक समय घर से बाहर बिताते हैं। वायु प्रदूषण से बचाव करते रहना सभी उम्र के लोगों के लिए आवश्यक है। वायु प्रदूषण के चलते बुजुर्ग लोगों को अपना ध्यान रखने की ज्यादा जरूरत होती है। 

ये बरतें सावधानी

  • अधिक वायु प्रदूषण से बचने की हरसंभव कोशिश कीजिए। बिजी ट्रैफिक ऑवर में निकलने से बचिए। हमेशा मास्क का इस्तेमाल कीजिए।
  • ब्लड प्रेशर या डायबिटीज अथवा दोनों तरह के मरीज इन्हें डाइट और व्यायाम से नियंत्रित रखिए। कोलेस्ट्रॉल के स्तर को भी नियंत्रण में रखना जरूरी है क्योंकि रक्त धमनियों में अवरोध की वजह कोलेस्ट्रॉल ही होता है।
  • धूम्रपान पूरी तरह से छोड़ दीजिए। शराब के सेवन को भी सीमित करें या न करें तो बेहतर रहेगा।
  • अधिक से अधिक मात्रा में फल और हरी सब्जियों का सेवन करें। भोजन के साथ सलाद भी हमेशा खाएं, ताकि आपका वजन नियंत्रण में रहें। वजन को बीएमआई यानी बॉडी मास इंडेक्स के अनुसार रखें।
  • महिलाएं कुछ दवाओं जैसे पीरियड्स को आगे खिसकाने वाली टैबलेट्स का इस्तेमाल नहीं करें।
  • रोजाना के भोजन में नमक की मात्रा को कम करें। सैचुरेचेड फैट और ट्रांसफैट को भी सीमित करें। जब भी मौका मिले, पैदल ही चलें। रोजाना सुबह की सैर पर जाएं और सप्ताह में कम से कम पांच दिन 15 से 20 मिनट की कसरत करें।

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वायु प्रदूषण से इन बीमारियों का खतरा

  • कैंसर का भी कारण हो सकता है वायु प्रदूषण
  • मानसिक स्वास्थ्य के लिए भी हानिकारक
  • आंखों पर दुष्प्रभाव
  • न्यूरोलॉजिकल विकारों का जोखिम
  • फेफड़ों और श्वसन विकारों का खतरा

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