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यमुना का जलस्तर खतरे के निशान से ऊपर, दिल्ली में फिर बढ़ा बाढ़ का खतरा

पहाड़ी राज्यों हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड की पहाड़ियों में लगातार हो रही बारिश के चलते हरियाणा के यमुनानगर में हथिनी कुंड बैराज का जलस्तर बढ़ गया है।

By JP YadavEdited By: Published: Tue, 25 Sep 2018 08:01 AM (IST)Updated: Tue, 25 Sep 2018 02:53 PM (IST)
यमुना का जलस्तर खतरे के निशान से ऊपर, दिल्ली में फिर बढ़ा बाढ़ का खतरा
यमुना का जलस्तर खतरे के निशान से ऊपर, दिल्ली में फिर बढ़ा बाढ़ का खतरा

नई दिल्ली (जेएनएन)। पहाड़ी राज्यों हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड की पहाड़ियों में लगातार हो रही बारिश के चलते हरियाणा के यमुनानगर में हथिनी कुंड बैराज का जलस्तर बढ़ गया है। सोमवार शाम साढ़े सात बजे हथिनीकुंड का जलस्तर बढ़कर दो लाख क्यूसेक पर पहुंच गया। साथ ही दिल्ली में भी सूचना भिजवा दी गई कि आने वाले 50 घंटे में यह पानी दिल्ली पहुंचेगा। हालांकि, दिल्ली से तस्वीरें सामने आ गई हैं कि अभी यमुना का जलस्तर 206 मीटर तक पहुंच चुका है, जो खतरे के निशान से ऊपर है।

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यमुना में तेजी से पानी बढ़ने से निचले इलाकों में जलस्तर बढ़ना शुरू हो गया है। ऐसे में लोगों ने अपने घर खाली करने शुरू कर दिए हैं और ऊंचे स्थानों पर जाना शुरू कर दिया है। 

यमुना में फिर जलस्तर बढ़ने से रेलवे का निर्माणाधीन पुल भी जलमग्न हो गया है। माना जा रहा है कि शाम तक या फिर देर रात तक यमुना का जलस्तर और बढ़ेगा।  

वहीं, हरियाणा में भी प्रशासन की ओर से अलर्ट जारी कर दिया गया। नहरों की आपूर्ति भी बंद कर दी है। यमुना के आसपास के गांवों में मुनियादी करा दी गई कि है कि कोई भी व्यक्ति पानी के पास न जाए, जल स्तर बढ़ रहा है।

यमुना में फिर पानी बढ़ने से बाढ़ का खतरा

यहां पर बता दें कि तीन दिन से लगातार बरसात हो रही है। खासकर हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड के पहाड़ों में भी भारी बरसात हुई है। इसकी वजह से पहाड़ों से पानी नदियों में आ गया, जिससे हथनी कुंड का जलस्तर भी बढ़ने लगा। दो बजे से हथनी कुंड पर जलबहाव बढ़ना शुरू हुआ। दो बजे 42 हजार क्यूसेक पर पानी बह रहा था।

इसके बाद हर घंटे जल बहाव बढ़ने लगा। सोमवार शाम साढ़े सात बजे तक यह बढ़कर दो लाख क्यूसेक पर जा पहुंचा। जलबहाव खतरे के निशान से ऊपर होते ही प्रशासन भी अलर्ट हो गया। प्रशासन की ओर से सभी नहरों की सप्लाई रोक दी गई। 

बता दें कि हथनी कुंड पर जलबहाव 80 हजार आते ही खतरा बन जाता है। 80 हजार क्यूसेक पर जलबहाव आते ही हथनी कुंड बैराज पर पानी खतरे के निशान पर पहुंच जाता है। इसके बाद प्रशासन की ओर से अलर्ट जारी कर दिया जाता है। 


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