Haryana Home Minister Anil Vij : हरियाणा के गृह मंत्री अनिल विज को एम्स से मिली छुट्टी
Haryana Home Minister Anil Vij एम्स के डायरेक्टर डा. रणदीप गुलेरिया की अगुवाई में अनिल विज का इलाज कर रहे साथी डाक्टरों की मानें तो अब उनका स्वास्थ्य पहले से बेहतर है। इसके बाद उन्हें अस्पताल से डिस्चार्ज करने की इजाजत दी गई।
नई दिल्ली [रणविजय सिंह]। हरियाणा के स्वास्थ्य और गृह मंत्री अनिल विज (Haryana Health and Home Minister Anil Vij) के स्वास्थ्य में सुधार होने के बाद सोमवार शाम 6:30 बजे उन्हें दिल्ली स्थित अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान से छुट्टी दे दी गई है।
एम्स के डायरेक्टर डा. रणदीप गुलेरिया की अगुवाई में अनिल विज का इलाज कर रहे साथी डाक्टरों की मानें तो अब उनका स्वास्थ्य पहले से बेहतर है। इसके बाद उन्हें अस्पताल से डिस्चार्ज करने की इजाजत दी गई। इसके साथ ही कई तरह की हिदायतें भी दी गई हैं कि क्या करना है और क्या नहीं। खाने-पीने से संबंधित जानकारी भी मंत्री अनिल विज को डाक्टरों की ओर से दी गई है।
एम्स निदेशक रणदीप गुलेरिया का किया धन्यवाद
गौरतलब है कि एम्स से छुट्टी मिलने के बाद अनिल विज दिल्ली से अपने निवास स्थान अंबाला कैंट के लिए रवाना हो गए। उन्होंने एम्स के निदेशक डा. रणदीप गुलेरिया और संस्थान के डाक्टरों को धन्यवाद भी दिया है।
गौरतलब है कि अनिल विज को सांस लेने में परेशानी के कारण 27 सितंबर की रात करीब 8:30 बजे एम्स के प्राइवेट वार्ड में भर्ती किया गया था। जब उन्हें एम्स में लाया गया था तब उनके शरीर में आक्सीजन का स्तर भी कम था। इस वजह से उन्हें एम्स में आक्सीजन सपोर्ट भी देना पड़ा था। एम्स के निदेशक डा. गुलेरिया के नेतृत्व में ही उनका इलाज हुआ। इस दौरान उनकी कई जांचें भी की गई थीं। आठ दिन पर उन्हें एम्स से छुट्टी दे दी गई।दरअसल, एम्स के डाक्टरों ने अनिल विज की तकलीफ के लिए पोस्ट कोविड जटिलताओं को कारण माना और फिर इलाज शुरू किया।
गौरतलब है कि अनिल विज को कोविड वैक्सीन की पहली खुराक लेने के बाद कोरोना संक्रमण हुआ था। इसके बाद से उन्हें सांस लेने में परेशानी महसूस हो रही थी, जिसके चलते उन्हें हाल ही में चंडीगढ़ पीजीआई में भर्ती कराया गया था। वहां पर ज्यादा सुधार नहीं देखकर उन्हें डॉक्टरों की सलाह पर सोमवार रात को एम्स लाया गया। एम्स में विज को एक निजी वार्ड में भर्ती किया गया और डॉ. गुलेरिया के निर्देशन में पल्मोनरी विभाग से जुड़े तीन वरिष्ठ डॉक्टरों की टीम उनका उपचार कर रही थी।