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Delhi Air Pollution: 15 अक्टूबर से GRAP लागू करने में असमर्थता जता रही है हरियाणा सरकार

हरियाणा बिजली विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव टीसी गुप्ता ने ईपीसीए के चेयरमैन भूरेलाल को पत्र लिखकर आग्रह किया है कि जिन क्षेत्रों में राज्य सरकार बिजली उपलब्ध कराने में असमर्थ है वहां डीजल जेनरेटर चलाने की अनुमति दी जाए।

By JP YadavEdited By: Published: Wed, 14 Oct 2020 07:52 AM (IST)Updated: Wed, 14 Oct 2020 07:52 AM (IST)
Delhi Air Pollution: 15 अक्टूबर से GRAP लागू करने में असमर्थता जता रही है हरियाणा सरकार
दिल्ली से सटे गुरुग्राम में वायु प्रदूषण की फाइल फोटो।

नई दिल्ली, जागरण संवाददाता। राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (एनसीआर) के शहरों में पर्यावरण संरक्षण एवं प्रदूषण नियंत्रण प्राधिकरण (ईपीसीए) का ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान (ग्रेप) लागू होना आसान नहीं है। ईपीसीए ने 6 अक्टूबर को एनसीआर के शहरों से संबंधित राज्य सरकारों को यह स्पष्ट कर दिया था कि 15 अक्टूबर से 15 मार्च तक डीजल जेनरेटर पूरी तरह बंद रहेंगे। बावजूद इसके हरियाणा बिजली विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव टीसी गुप्ता ने ईपीसीए के चेयरमैन भूरेलाल को पत्र लिखकर आग्रह किया है कि जिन क्षेत्रों में राज्य सरकार बिजली उपलब्ध कराने में असमर्थ है, वहां डीजल जेनरेटर चलाने की अनुमति दी जाए, लेकिन भूरेलाल ने इससे इनकार कर दिया है।

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EPCA चेयरमैन भूरेलाल का कहना है कि पिछले वर्ष भी हरियाणा सरकार ने ऐसे ही कारण बताकर छूट मांगी थी, मगर तब इस शर्त पर यह छूट दी गई थी कि एक वर्ष के अंदर सरकार ऐसी समस्याओं का निवारण कर देगी। भूरेलाल ने टीसी गुप्ता के पत्र के जवाब में हरियाणा के मुख्य सचिव विजय वर्धन को लिखे पत्र में साफ कहा कि ग्रेप का पालन कराना जरूरी है। भूरेलाल ने यह भी साफ कर दिया है कि रिहायशी, वाणिज्यिक क्षेत्रों में जरूरी सेवाओं के लिए डीजल जेनरेटर की छूट होगी।

बता दें कि हरियाणा और पंजाब में पराली जलाए जाने के कारण दिल्ली-एनसीआर में वायु प्रदूषण का स्तर बढ़ता जा रहा है। वहीं, दिल्ली उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने पराली के कारण पूरे उत्तर भारत में बढ़ते प्रदूषण पर चिंता जताई है। उन्होंने कहा कि इस साल कोरोना संकट के कारण पराली का प्रदूषण काफी जानलेवा है। उन्होंने आरोप लगाया कि उत्तर भारत को प्रदूषण से बचाने में केंद्र सरकार पूरी तरह से नाकाम है। उन्होंने केंद्र सरकार से तत्काल ठोस कदम उठाने की मांग की है। दिल्ली सरकार प्रदूषण रोकने का प्रयास पिछले कई साल से लगातार कर रही है, जबकि केंद्र सरकार हाथ-पर-हाथ धरे बैठी है।

दिल्ली सचिवालय के मीडिया सेंटर में आयोजित संवाददाता सम्मेलन के दौरान सिसोदिया ने कहा कि पराली का धुआं इस बार भी अपना असर दिखाने लगा है। दिल्ली सरकार ने पिछले कई वर्षो से प्रदूषण से निपटने के लिए लगातार ठोस कदम उठाए हैं। दिल्ली का अपना प्रदूषण कम करने में हमें लगातार सफलता भी मिल रही है। दिल्ली का ग्रीन जोन रिकॉर्ड तौर पर बढ़ा है, बड़ी संख्या में नए पेड़ लगाए गए हैं। नई वृक्षारोपण नीति भी लाई गई है, ताकि ग्रीन जोन लगातार बढ़ता रहे। स्मॉग टावर लगाने, ई-वाहन नीति लागू करने के साथ ही बसों की संख्या भी बढ़ाई गई है, ताकि सार्वजनिक परिवहन को बढ़ावा मिले।

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