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ASI की बड़ी कामयाबी, राजस्थान के बिंजौर में मिला हड़प्पाकालीन औद्योगिक क्षेत्र

डॉ. संजय मंजुल का कहना है कि यहां कई बार उत्खनन कार्य किया गया है, मगर हड़प्पाकालीन समय का औद्योगिक क्षेत्र पहली बार मिला है।

By JP YadavEdited By: Published: Wed, 06 Sep 2017 10:47 AM (IST)Updated: Wed, 06 Sep 2017 09:26 PM (IST)
ASI की बड़ी कामयाबी, राजस्थान के बिंजौर में मिला हड़प्पाकालीन औद्योगिक क्षेत्र
ASI की बड़ी कामयाबी, राजस्थान के बिंजौर में मिला हड़प्पाकालीन औद्योगिक क्षेत्र

नई दिल्ली (वीके शुक्ला)। राजस्थान के बिंजौर में हड़प्पाकालीन स्थल पर चल रहे उत्खनन कार्य में भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआइ) को बड़ी सफलता मिली है। एएसआइ को यहां पर एक औद्योगिक क्षेत्र मिला है। एएसआइ का दावा है कि यह किसी हड़प्पाकालीन स्थल पर मिला पहला औद्योगिक क्षेत्र है। यह लगभग पांच हजार साल पुराना है।

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इस स्थल पर एएसआइ की उत्खनन शाखा व आर्कियोलॉजी इंस्टीट्यूट संयुक्त रूप से काम कर रहे हैं। आर्कियोलॉजी इंस्टीट्यूट के निदेशक डॉ.संजय मंजुल व उत्खनन शाखा की अधीक्षण पुरातत्वविद डॉ. अरविन मंजुल 2014 से इस पर काम कर रहे हैं।

पिछले साल उत्खनन के दौरान कुछ यूनिट मिलीं जिनसे यह बात सामने आई कि इस इलाके में हड़प्पा सभ्यता के समय क्राफ्ट का कोई काम होता होगा, लेकिन स्थिति स्पष्ट नहीं हो सकी।

इस साल उत्खनन का कार्य जब शुरू किया गया तो इस स्थल पर सौ से अधिक यूनिट मिलीं। इनमें कुछ कच्चे माल के अवशेष व तैयार सामान के अवशेष मिले। अलग-अलग स्थानों पर तांबे की परतें, अर्धविकसित आकार में तांबे के कुछ औजार व अन्य अवशेष मिले।

कुछ यूनिट ऐसी मिली हैं जिनके बारे में पता चला है कि उनमें आग से किसी चीज को पिघलाया जाता था। अलग-अलग स्थानों पर विभिन्न प्रकार के बीज मिले हैं। प्राप्त अवशेषों पर किए गए शोध के बाद एएसआइ इस नतीजे पर पहुंचा है कि यह एक औद्योगिक क्षेत्र था।

जहां कच्चा माल दूसरे स्थानों से लाया जाता था और माल को तैयार कर दूसरे स्थानों पर बेचने के लिए भेजा जाता था। राजस्थान में जहां यह स्थल है वह भारत-पाकिस्तान सीमा से कुछ दूरी पर है।

डॉ. संजय मंजुल का कहना है कि यहां कई बार उत्खनन कार्य किया गया है, मगर हड़प्पाकालीन समय का औद्योगिक क्षेत्र पहली बार मिला है। एएसआइ ने आगे भी उत्खनन कार्य जारी रखने का फैसला लिया है।


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