ओलों की सफेद चादर से पट गया दिल्ली-एनसीआर, दिन में ही छा गया अंधेरा
स्काइमेट के मौसम वैज्ञानिक महेश पलावत ने बताया कि पिछले एक दशक में इतनी ओलावृष्टि नहीं हुई है। शहर की सड़कें व पार्क पहाड़ी क्षेत्र का एहसास करा रहे थे।
नोएडा, जेएनएन। दिल्ली से सटे उत्तर प्रदेश के नोएडा में बृहस्पतिवार शाम हुई ओलावृष्टि से आधे से ज्यादा शहर बर्फ की चादर से ढक गया। इस दौरान 10-15 एमएम तक ओला वृष्टि रिकॉर्ड की गई। स्काइमेट के मौसम वैज्ञानिक महेश पलावत ने बताया कि पिछले एक दशक में इतनी ओला वृष्टि नहीं हुई है।
शहर की सड़कें व पार्क पहाड़ी क्षेत्र का एहसास करा रहे थे। नोएडा-ग्रेटर नोएडा एक्सप्रेस-वे की सड़क सफेद रंग में रंग गई। मजबूरी में चालकों को वाहन एक्सप्रेस-वे पर खड़े करने पड़े, जिससे जाम लग गया। वहीं सेक्टरों और सोसायटी के लोग इसका आनंद उठाने के लिए घरों के बाहर निकल आए।
शहर में सुबह से ही हल्की बारिश की शुरुआत हो गई थी। शाम करीब पांच बजे नोएडा-ग्रेटर नोएडा में ओला वृष्टि के बाद अंधेरा छा गया। स्काइमेट मौसम वैज्ञानिक महेश पलावत के अनुसार पश्चिमी विक्षोभ के चलते मौसम का मिजाज बदल गया है। उत्तरी पाकिस्तान और उससे सटे भारतीय इलाकों में वेस्टर्न डिस्टरबेंस एक्टिव होने से देश के कई राज्यों में अगले कुछ दिनों तक मौसम बिगड़ा रहेगा।
सोशल मीडिया में छाई ओलों संग सेल्फी
भारी ओलावृष्टि के बाद शहर का बर्फीला नजारा लोगों को खूब भाया। बच्चे, युवा, बड़े, बुजुर्ग सभी घरों के बाहर निकल ओलों के साथ सेल्फी लेते नजर आए। साथ ही सोशल मीडिया पर तस्वीरें भी जमकर पोस्ट की।
इस कारण गिरते हैं ओले
मौसम वैज्ञानिक महेश पलावत ने बताया कि नदियों, समुद्र आदि का पानी भाप बनकर ऊपर उठता रहता है, जिससे बादल बनते हैं। यही बादल समय-समय पर बरसते हैं, लेकिन जब आसमान में करीब 3 किलोमीटर ऊपर तापमान शून्य से कई डिग्री कम हो जाता है, तो वहां मौजूद पानी की छोटी-छोटी बूंदें जमने लगती हैं। जमी हुई बूंदों पर धीरे-धीरे और पानी जमने लगता है जो बर्फ के गोल टुकड़ों का रूप ले लेते हैं। इन टुकड़ों का वजन अधिक हो जाता है तो नीचे गिरने लगते हैं। ये बड़े बर्फ के टुकड़े नीचे आते आते छोटा रूप ले लेते हैं, जिन्हें ओले कहा जाता है।
बारह मकान गिरे, 32 लोग घायल
ईकोटेक तीन कोतवाली क्षेत्र के अलीवर्दीपुर गांव में बृहस्पतिवार रात आठ बजे के करीब एक दर्जन से अधिक मकान तेज बारिश के चलते गिर गए। हादसे में 32 लोग घायल हो गए। घायलों को आसपास के अलग-अलग अस्पताल में भर्ती कराया गया है। भूमाफिया द्वारा काटी गई अवैध कॉलोनी में कम दाम के लालच में आकर लोगों ने मकान बनाए थे। अब यही मकान उनके लिए हादसे का सबब बने है। घायलों में कई महिलाएं व बच्चे भी हैं।
बृहस्पतिवार रात हुई तेज बारिश के बाद अचानक अलीवर्दीपुर गांव में एक दर्जन से अधिक मकान गिर गए। बताया गया है कि दो-दो कमरे के सभी मकान बने हुए थे। मकानों को भूमाफिया द्वारा मध्यम वर्ग के लोगों को बेचा गया था। अलग-अलग मकान गिरने से रोहिन, रेस्मा, नजराना, निसा, परवीन, कासम, तबारक, मेहरू, सुबान, नूरबानो, अहसान, फरहान सहित 32 लोग घायल हो गए। घायलों का उपचार निजी अस्पताल में चल रहा है।