साइबर सिटी में भी हो सकता है ग्रेटर नोएडा जैसा हादसा, नहीं उठाए जा रहे हैं सख्त कदम
बिल्डर फ्लोर बेचने के फेर में कई बिल्डर इमारतों की क्वालिटी से भी समझौता कर रहे हैं। सस्ते घर का सपना दिखाकर लोगों को झांसे में लिया जा रहा है। ऐसे में ग्रेटर नोएडा जैसा हादसा गुरुग्राम में भी हो सकता है।
गुरुग्राम [संदीप रतन]। साइबर सिटी में अगर आप सस्ता बिल्डर फ्लोर या फ्लैट खरीदने जा रहे हैं तो सतर्क हो जाएं। प्रॉपर्टी से जुड़े कागजात जांच लें और इमारत की गुणवत्ता का भी पता कर लें। शहर में नगर निगम से बिना नक्शा पास करवाए और हरियाणा बिल्डिंग कोड 2017 की अवहेलना कर जगह-जगह अवैध निर्माण किए जा रहे हैं।
लोगों को झांसे में लिया जा रहा है
सस्ते बिल्डर फ्लोर बेचने के फेर में कई बिल्डर इमारतों की क्वालिटी से भी समझौता कर रहे हैं। सस्ते घर का सपना दिखाकर लोगों को झांसे में लिया जा रहा है। ऐसे में ग्रेटर नोएडा जैसा हादसा गुरुग्राम में भी हो सकता है। इन अवैध निर्माणों की जानकारी नगर निगम के उच्चाधिकारियों को भी है, लेकिन अवैध निर्माण करवाने वालों के खिलाफ कोई सख्त कदम नहीं उठाया गया है। खतरा सिर्फ इन अवैध निर्माणों में रहने वालों को ही नहीं है, बल्कि आसपास की रिहायशी इमारतों को भी नुकसान पहुंच सकता है। बता दें कि ग्रेटर नोएडा के शाहबेरी में दो बहुमंजिला इमारतों के ढहने से कई लोगों की मौत हो चुकी है।
इन इलाकों में हो रहे हैं अवैध निर्माण
शहर के लक्ष्मण विहार, राजेंद्रा पार्क, विष्णु गार्डन, सूरत नगर, अशोक विहार, आनंद गार्डन, स्वरूप गार्डन, दयानंद कॉलोनी, जय विहार, हरि नगर, न्यू कॉलोनी, कृष्णा कॉलोनी, धनवापुर रोड, खांडसा, नरसिंहपुर, पटेल नगर, नोबल एंकलेव, झाड़सा, चकरपुर, इस्लामपुर में सबसे ज्यादा अवैध निर्माण हो रहे हैं।
मनमाने ढंग से हो रहा है निर्माण
नियमानुसार नगर निगम से नक्शा पास करवाने के बाद ही निर्माण कार्य किया जा सकता है। लेकिन अवैध कॉलोनियां काटकर व पुरानी बसी कॉलोनियों व गांवों में मनमाने ढंग से बहुमंजिला इमारतों का निर्माण किया जा रहा है।
सील करने का है प्रावधान
अगर नगर निगम से बिना स्वीकृति के अगर कोई निर्माण कार्य करता है तो उस इमारत को सील किया जा सकता है। अगर सील तोड़ने या सील तोड़ कर दोबारा निर्माण शुरू करने पर एफआईआर भी दर्ज करवाई जा सकती है। नियम सख्त होने के बावजूद शहर में अवैध निर्माणों पर रोक नहीं लग पा रही है।