Air Pollution: दिल्ली-एनसीआर में आज से ग्रेप के नियम लागू, जानिये- किसे मिली है छूट और किसे नहींं
Air Pollution News 17-18 को हल्की बारिश होने की संभावना के मद्देनजर अभी सप्ताह भर प्रदूषण नियंत्रण में ही रहने के आसार हैं। ऐसे में सीपीसीबी डीजल जेनरेटर के इस्तेमाल पर प्रतिबंध निगरानी टीमों के गठन और अन्य ठोस कदमों को लेकर अगले कुछ दिनों में बैठक करेगा।
नई दिल्ली [संजीव गुप्ता]। दिल्ली-एनसीआर में ठंड के दौरान वायु प्रदूषण से अब ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान (ग्रेप) निपटेगा। अपने परंपरागत शेड्यूल के मुताबिक शुक्रवार से इसके प्रविधान लागू हो गए हैं। यह आगामी 15 मार्च तक प्रभावी रहेगा। प्लान में चार अलग-अलग चरणों के तहत वायु प्रदूषण की विभिन्न परिस्थितियों से निपटने के प्रविधान हैं। हालांकि, 17-18 को हल्की से मध्यम स्तर की बारिश होने की संभावना के मद्देनजर अभी सप्ताह भर प्रदूषण नियंत्रण में ही रहने के आसार हैं। इसलिए केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) डीजल जेनरेटर के इस्तेमाल पर प्रतिबंध, निगरानी टीमों के गठन और अन्य ठोस कदमों को लेकर अगले कुछ दिनों में बैठक करेगा।
सीपीसीबी ने मंगलवार को ग्रेप की तैयारी को लेकर एक बैठक की भी थी, लेकिन एयर इंडेक्स के मध्यम श्रेणी में होने और मौसम पूर्वानुमान के आधार पर कोई बड़ा फैसला नहीं किया था। अलबत्ता, दिल्ली, हरियाणा, उत्तर प्रदेश और राजस्थान सरकार को एहतियात के तौर पर बहुत खराब श्रेणी के मद्देनजर कुछ उपायों को अभी से लागू करने की सलाह दी थी।
डा. के एस जयचंद्रन (सदस्य सचिव, डीपीसीसी) का कहना है कि अगले कुछ दिन वायु प्रदूषण नियंत्रण में ही बना रहेगा। इसके बाद सीपीसीबी और केंद्रीय वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग के जो दिशानिर्देश होंगे, उसके अनुरूप कदम उठाए जाएंगे।
वहीं, डा. एस नारायणन, (सदस्य सचिव, हरियाणा राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड) का कहना है कि परंपरागत शेड्यूल में शुक्रवार से ग्रेप के प्रविधान लागू हो जाएंगे, लेकिन जल्द ही सीपीसीबी आगे की स्थिति से निपटने के दिशानिर्देश जारी करेगा।
सख्ती के लिए अहम कदम
- होटल, रेस्तरां, ढाबों में कोयला और लकड़ी जलाने पर रोक रहेगी।
- ईंट भट्ठे वही चलाए जा सकेंगे, जो जिग जैग तकनीक अपना चुके होंगे।
- हाट मिक्स प्लांट व स्टोन क्रशर पर धूल बैठाने वाले उपाय किए जाएंगे। पानी के छिड़काव और मैकेनाइज स्वी¨पग जैसे कदम उठाए जाएंगे।
- सीपीसीबी, दिल्ली प्रदूषण नियंत्रण समिति (डीपीसीसी) सहित स्थानीय निकाय की टीमें खुले में आग जलाने, कंस्ट्रक्शन साइटों पर हो रही लापरवाही पर नजर रखेंगी।
- पुलिस प्रदूषण फैला रहीं गाड़ियों का चालान करेंगी।
- रात को भी प्रतिबंधित ईंधन नहीं जलने दिया जाएगा।
- औद्योगिक इकाइयों में जहां अब भी प्रदूषण फैलाने वाले ईंधन का इस्तेमाल हो रहा है, उन्हें सील किया जाएगा।
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