Google का दिल्ली हाई कोर्ट में दावा- उसके सर्च इंजन पर लागू नहीं होते हैं नए आइटी नियम
New Information Technology Rules दिल्ली हाई कोर्ट में बुधवार को अहम सुनवाई के दौरान Google की ओर से पेश वकील ने तर्क दिया है डिजिटल मीडिया के लिए सूचना प्रौद्योगिकी नियम उसके खोज इंजन पर लागू नहीं होते हैं।
नई दिल्ली [विनीत त्रिपाठी]। डिजिटल न्यूज मीडिया (Digital News Media) के नियम संबंधी नए सूचना प्रौद्योगिकी (Information Technology Rules) नियमों को चुनौती देने वाली याचिका पर दिल्ली हाई कोर्ट में बुधवार को अहम सुनवाई हुई। Google की ओर से पेश वकील ने तर्क दिया है डिजिटल मीडिया के लिए सूचना प्रौद्योगिकी नियम उसके खोज इंजन पर लागू नहीं होते हैं। इसके साथ गूगल ने हाई कोर्ट के एकल न्यायाधीश के उस आदेश को रद करने का आग्रह किया, जिसने कंपनी पर नियमों को हटाने से संबंधित एक मुद्दे से निपटने के दौरान नियमों को लागू किया था।
बता दें कि पिछले सुनवाई में केंद्र सरकार के नए आईटी नियमों के खिलाफ दिल्ली हाई कोर्ट ने सरकार से जवाब मांगा था। अदालत ‘फाउंडेशन फॉर इंडिपेंडेंट जर्नलिज्म’ की एक याचिका पर भी सुनवाई कर रही है, जिसमें उसने सरकार द्वारा 25 फरवरी को जारी नए आईटी नियमों को गैरकानूनी बताते हुए कहा कि इसका लक्ष्य डिजिटल न्यूज मीडिया को नियंत्रित करना और उसका नियमन करना है।
गौरतलब है कि पिछले सप्ताह गूगल ने भारत में नए आइटी नियमों के प्रावधानों का पालन करने की घोषणा की थी। गूगल की तरफ से कहा गया कि वह केंद्र के नए आइटी नियमों का पालन करने को तैयार है। इसके साथ अपनी पॉलिसी को बेहतर और पारदर्शी बनाने की कोशिश करेगा। गूगल की ओर आया बयान नए आईटी नियमों के जवाब के रूप में देखा जा रहा है। गूगल (Google) के प्रवक्ता ने अपने बयान में कहा था कि हम नए नियमों के अंतर्गत काम करना जारी रखेगे। उनकी कोशिश होगी की ऐसी पॉलिसी बनाए जो पारदर्शिता के साथ हो।
गूगल की ओर से कहा गया कि उनकी कोशिश होगी कि नए माध्यस से फर्जी और आपत्तिजनक कंटेंट को हटाने का प्रयास जारी रहेगा।
गौरतलब है कि सूचना प्रौद्योगिकी (मध्यस्थों और डिजिटल मीडिया आचार संहिता के लिए दिशानिर्देश) नियम, 2021 को केंद्र सरकार ने 25 फरवरी, 2021 को अधिसूचित किया था। इसके तहत सोशल मीडिया नेटवर्कों को इस बात का पता लगाना होगा कि कोई मैसेज सबसे पहले किसने भेजा। इसके साथ ही किसी पोस्ट, मैसेज के बारे में शिकायतों का निवारण के लिए स्थानीय शिकायत अधिकारी नियुक्त करने को कहा है।