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अनधिकृत कॉलोनियों में रहने वालों के लिए जल्‍द डीडीए लाने वाला है अच्‍छी खबर

अनधिकृत कॉलोनियों में रहने वाले लाखों लोगों के लिए डीडीए ऐसी सुविधा ला रहा है जिससे इन लोगों को काफी मालिकाना हक पाने के लिए ज्‍यादा मेहनत नहीं करनी पड़ेगी।

By Prateek KumarEdited By: Published: Wed, 19 Feb 2020 06:45 PM (IST)Updated: Wed, 19 Feb 2020 06:45 PM (IST)
अनधिकृत कॉलोनियों में रहने वालों के लिए जल्‍द डीडीए लाने वाला है अच्‍छी खबर
अनधिकृत कॉलोनियों में रहने वालों के लिए जल्‍द डीडीए लाने वाला है अच्‍छी खबर

नई दिल्ली, जागरण संवाददाता। पिछले दो माह से भले ही अनधिकृत कॉलोनियों में मालिकाना हक देने का काम धीमी रफ्तार से चल रहा हो, लेकिन जल्द ही इसके रफ्तार पकड़ लेने की संभावना है। दिल्ली विकास प्राधिकरण (डीडीए) इसके लिए अपना सॉफ्टवेयर अपडेट कराकर उसे इंटरलिंक करवा रहा है। ऐसा होने के बाद आवेदकों को कन्वेंस डीड जारी करने की प्रक्रिया भी जोर पकड़ने लगेगी।

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16 दिसंबर से शुरू हुआ था पोर्टल

मालिकाना हक का पंजीकरण कराने के लिए डीडीए ने 16 दिसंबर को अपना पोर्टल शुरू किया था। करीब दो महीन में इस पोर्टल पर पंजीकरण की संख्या 2.21 लाख के करीब पहुंच गई है। लेकिन कन्वेंस डीड अभी तक केवल 151 लोगों को मिल पाई है। वजह है सर्वे और कागजों के सत्यापन में समय लगना। पोर्टल पर डीडीए के सभी मॉड्यूल भी आपस में लिंक नहीं हैं।

पोर्टल पर पंजीकरण कराकर मिलता है आइडी नंबर
मसलन, पहले पोर्टल पर पंजीकरण कराकर अपना आइ डी नंबर लेना पड़ता है। उसके बाद आवेदन जमा कराने के लिए फिर से पोर्टल पर जाना पड़ता है। संबंधित दस्तावेज भी अपलोड करने होते हैं। इसके बाद डीडीए के लिए काम कर रही निजी फर्मों की टीम संपत्ति का सर्वे करती है। इसके बाद दस्तावेजों का सत्यापन कर आवेदक द्वारा निर्धारित शुल्क जमा कराने पर उसे कन्वेंस डीड जारी की जाती है।

सभी मॉड्यूल को आपस में करवा रहा इंटरलिंक

डीडीए अब पोर्टल के सॉफ्टवेयर को अपडेट कराकर इसके सभी मॉड्यूल आपस में इंटर लिंक करवा रहा है। जल्द ही यह कार्य पूरा हो जाएगा। इसके बाद मालिकाना हक लेने वालों को बार-बार पोर्टल पर नहीं जाना पड़ेगा। एक ही बार में ज्यादातर काम पूरा हो जाएगा। फिर केवल संपत्ति के सर्वे और कागजी सत्यापन का काम बचेगा। इसके लिए भी डीडीए टीमें बढ़ा रहा है।

मंत्री हरदीप सिंह पुरी लेते हैं नियमित अपडेट

केंद्रीय आवास व शहरी विकास मंत्री हरदीप सिंह पुरी भी इस मुददे पर डीडीए से नियमित अपडेट लेते हैं। यही वजह है कि डीडीए ने 9,950 संपत्तियों का सर्वे पूरा कर लिया है। इससे करीब 1100 लोगों को कन्वेंस डीड देने का रास्ता भी साफ हो गया है। कन्वेंस डीड के आधार पर ही संबंधित सब रजिस्ट्रार कार्यालय से आवेदक को रजिस्ट्री जारी होती है।

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