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मोदी सरकार के एलान के बाद 4 लाख से अधिक फ्लैट खरीदारों को मिली राहत

राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (National Capital Region) में आशियाना पाने की उम्मीद पाले 4 लाख से अधिक लोगों के लिए केंद्र सरकार को ओर से बड़ी खुशखबरी आई है।

By JP YadavEdited By: Published: Sat, 14 Sep 2019 07:13 PM (IST)Updated: Sun, 15 Sep 2019 05:53 PM (IST)
मोदी सरकार के एलान के बाद 4 लाख से अधिक फ्लैट खरीदारों को मिली राहत
मोदी सरकार के एलान के बाद 4 लाख से अधिक फ्लैट खरीदारों को मिली राहत

नई दिल्ली/ग्रेटर नोएडा/गुरुग्राम [धर्मेंद्र चंदेल/आदित्य राज]। राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (National Capital Region) में आशियाना पाने की उम्मीद पाले 4 लाख से अधिक लोगों के लिए केंद्र सरकार को ओर से बड़ी खुशखबरी आई है। दरअसल, वित्त मंत्री निर्मणा सीतारमण (Finance Minister Nirmala Sitharaman) ने पूरे देशभर में निर्माणाधीन इमारतों को पूरा करने के लिए सरकार की ओर से 20,000 करोड़ रुपये देने का ऐलान किया है। केंद्र सरकार के इस तोहफे के बाद नोएडा (तकरीबन एक लाख), ग्रेटर नोएडा ( तकरीबन 1.5 लाख), गुरुग्राम (50,000 से अधिक), फरीदाबाद (तकरीबन 50,000) और गाजियाबाद में एक लाख से अधिक फ्लैट्स का निर्माण पूरा होने की आस बंधी है।

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गौरतलब है कि वित्त मंत्री वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने शनिवार को 60 प्रतिशत तक पूरे हो चुके निर्माणाधीन आवासीय परियोजनाओं का काम पूरा करने के लिए 10 हजार करोड़ रुपये की विशेष सुविधा देने की घोषणा की। साथ ही इतनी ही राशि निजी क्षेत्र से जुटायी जाएगी। इस तरह से इस कोष में 20 हजार करोड़ रुपये की राशि उपलब्ध होगी।

वित्त मंत्री के इस ऐलान के बाद अपने घर का सपना देखने वाले 4 लाख से अधिक लोगों को बड़ी सौगात मिल गई है। ये वो लोग हैं जिन्होंने अपने मकान की चाहत में नोएडा, ग्रेटर नोएडा, गुरुग्राम, फरीदाबाद, गाजियाबाद इलाके में फ्लैट लेने के लिए विभिन्न बिल्डरों के प्रोजेक्ट्स में बुकिंग कराई हैं। वहीं, तकरीबन 10 साल बीत जाने के बाद भी बिल्डर्स ने फ्लैट के निर्माण का काम पूरा नहीं किया है। शनिवार को हुए ऐलान से जाहिर होता है कि इस काम में सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों की भी मदद ली जाएगी। 

NBCC पूरे कर सकती है अधूरे प्रोजेक्ट्स

सूत्रों के मुताबिक, मैकेनिज्म में NOIDA में निर्माणाधीन प्रोजेक्ट्स को पूरा करने का काम NBCC जैसी सरकारी कंपनियां कर सकती है। इन कंपनियों को नोएडा की builders companies की संपत्तियां दी जाएंगी, जिसे गिरवी रखकर या उन्हें बेचकर जो पैसे आएंगे उससे लटके हुए प्रोजेक्ट्स को पूरा करने का काम किया जाएगा। सूत्रों के मुताबिक, नोएडा के इन बिल्डरों के पास जमीन या उस जैसी कई अचल संपत्तियां हैं। 

कई बिल्डर पहुंचे जेल

इंदुमा ग्रुप के सीएमडी ऋषि सिंह का कहना है कि इस समय नोएडा-ग्रेटर नोएडा में 3 लाख से ज्यादा फ्लैट-शॉप का निर्माण में अधर में लटका पड़ा है। इसमें यूनिटेक बिल्डर, जेपी ग्रुप, आम्रपाली ग्रुप, उन्नति ग्रुप जैसे नामी बिल्डर्स की परियोजनाएं भी शामिल हैं। ऋषि का कहना है कि निवेशकों के कोर्ट जाने और रेरा का शिकंजा कसने का बाद नोएडा-ग्रेटर नोएडा के 20 से 25 बिल्डर जेल जा चुके हैं। इनमें से आम्रपाली समेत कई प्रोजेक्ट का मामला सुप्रीम कोर्ट में चल रहा है। ऋषि के अनुसार, रेरा के आने के बाद नए बिल्डर नियमानुसार कार्य कर रहे हैं और निवेशकों को समय पर पजेशन दे रहे हैं। इसमें वेलनैस ग्रुप ने नोएडा एक्सटेंशन प्रोजेक्ट समेत कई प्रोजेक्ट शामिल हैं।

जेपी, आम्रपाली और लोटस 3C में फंसे 70 लाख फ्लैट्स

पिछले कई सालों से सुस्त पड़े रियल एस्टेट सेक्टर की हालत वर्तमान भी खस्ता है। जेपी इन्फ्राटेक, आम्रपाली और लोटस 3C की ग्रेनाइट गेट जैसी कंपनी इस वक्त दिवालिया प्रक्रिया से गुजर रही हैं। जिसके कारण इनके पास लोगों के 70 हजार फ्लैट फंसे हुए हैं।

जुटाया जाएगा फंड

जाहिर है कि इन प्रोजेक्ट्स में अतिरिक्त रकम लागकर भी फ्लैट्स का काम पूरा किया जा सकता है। अटके फ्लैट्स की संख्या इसलिए बढ़ गई है क्योंकि एक ओर बिल्डर पैसे जुटाने में असक्षम हैं, तो वहीं दूसरी ओर फ्लैट के निर्माण को लेकर होम बायर्स ने भी पेमेंट करना बंद कर दिया है। 

अकेले आम्रपाली के पास फंसे 40 हजार से अधिक फ्लैट्स

आम्रपाली ग्रुप के पास 43 हजार फ्लैट फंसे हुए हैं और 10 हजार नए फ्लैट बनाने के लिए जमीन खाली है। जेपी ग्रुप के पास 3,500 एकड़ खाली जमीन है। सूत्रों के अनुसार सुपरटेक, यूनिटेक और 3C ग्रुप के पास भी काफी जमीन खाली पड़ी है, जिसे विकसित किया जा सकता है।

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