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केजरीवाल सरकार का चुनावी दांव, दिल्ली के अनधिकृत कॉलोनीवासी होंगे संपत्ति के मालिक

सीएम अरविंद केजरीवाल ने कहा कि रजिस्ट्री करने वाले विभाग को भी निर्देश जारी कर दिए गए हैं । इस प्रस्ताव की मंजूरी मिलते ही दिल्ली में बड़े स्तर पर रजिस्ट्रियां शुरू हो जाएंगीं।

By JP YadavEdited By: Published: Fri, 19 Jul 2019 07:43 AM (IST)Updated: Fri, 19 Jul 2019 03:51 PM (IST)
केजरीवाल सरकार का चुनावी दांव, दिल्ली के अनधिकृत कॉलोनीवासी होंगे संपत्ति के मालिक
केजरीवाल सरकार का चुनावी दांव, दिल्ली के अनधिकृत कॉलोनीवासी होंगे संपत्ति के मालिक

नई दिल्ली, जेएनएन। दिल्ली विधानसभा चुनाव-2020 (Delhi Assembly Election-2020) में अभी छह महीने से अधिक का समय है, लेकिन दिल्ली में सत्तासीन आम आदमी पार्टी (aam aadmi party) सरकार एक के एक लोकलुभावन फैसले ले रही हैं। इस कड़ी में मेट्रो में महिलाओं के लिए मुफ्त सफर के एलान के बाद बृहस्पतिवार को मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने दिल्ली की अनधिकृत कॉलोनियों में रहने वाले लोगों को बड़ी सौगात देते हुए एलान किया है कि जल्द ही उन्हें अपनी संपत्ति का मालिकाना हक मिल जाएगा। इन सभी कॉलोनियों में रजिस्ट्री भी बहुत जल्द शुरू हो जाएंगी। उन्होंने यह भी कहा कि दिल्ली का विकास तभी हो सकता है। जब केंद्र और दिल्ली सरकार मिलकर काम करे। यह अच्छी बात है कि केंद्र सरकार दिल्ली सरकार के प्रस्तावों को मंजूरी दे रही है।

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उधर, मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के निर्देश पर शहरी विकास विभाग ने दिल्ली की अनधिकृत कॉलोनियों में बुनियादी विकास कार्यों के लिए 500 करोड़ रुपये जारी किए हैं। ये पैसे सिंचाई और सिंचाई और बाढ़ नियंत्रण विभाग को जारी कर दिए गए हैं।

बृहस्पतिवार को दिल्ली सचिवालय में आयोजित पत्रकार वार्ता में केजरीवाल ने कहा कि अभी तक इन कॉलोनियों में रहने वाले लोगों के साथ हमेशा धोखा होता आया है। चाहे केंद्र की सरकार हो या राज्य की सरकारें हों, चुनाव से पहले कच्ची कॉलोनी में रहने वाले लोगों के साथ बड़े-बड़े वादे किए जाते थे और चुनाव खत्म होने के बाद सभी सरकारें अपने वादों को भूल जाती थी। पांच साल तक कुछ नहीं किया जाता था। पांच साल बाद जब दोबारा चुनाव आते थे, फिर से वही वादे दोहराए जाते थे। लेकिन ,जैसे ही हमारी सरकार बनी हमने पहले ही दिन से ठान लिया था कि इन कॉलोनियों में रहने वाले लोगों को उनका हक दिलवाकर रहेंगे।

उन्होंने बताया, दो नवंबर 2015 को कैबिनेट में प्रस्ताव पास किया और 12 नवंबर 2015 को केंद्र सरकार को भेज दिया था। उन्होंने कहा कि यह जानकारी साझा करते हुए बेहद खुशी हो रही है कि बुधवार को केंद्र सरकार की ओर से हमें इस प्रस्ताव पर बहुत ही सकारात्मक प्रतिक्रिया प्राप्त हुई है। केंद्र सरकार इन कॉलोनियों को पक्का करने के लिए तैयार है। मैं दिल्ली की जनता और दिल्ली सरकार की ओर से केंद्र का धन्यवाद करना चाहता हूं ।

मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि केंद्र सरकार का जो प्रस्ताव आया है, उसमें उन्होंने कुछ प्रश्न पूछे हैं। इसके लिए उन्होंने संबंधित विभागों के अधिकारियों और मुख्य सचिव की एक बैठक बुलाकर सभी को निर्देश जारी कर दिए हैं कि वह जल्द से जल्द इन प्रश्नों के उत्तर केंद्र की संतुष्टि के मुताबिक तैयार करके केंद्र सरकार को भेज दें।

उन्होंने कहा, रजिस्ट्री करने वाले विभाग को भी निर्देश जारी कर दिए गए हैं । इस प्रस्ताव की मंजूरी मिलते ही दिल्ली में बड़े स्तर पर रजिस्ट्रियां शुरू हो जाएंगी। इसके लिए विभाग अभी से तैयारियां शुरू कर ले ताकि आगे चलकर कोई परेशानी न हो। अगर रजिस्ट्री के लिए कैंप लगाने की जरूरत पड़ी तो दिल्ली सरकार कैंप भी लगाएगी। मुख्यमंत्री ने बताया कि एक जनवरी, 2015 से पहले जिन कच्ची कॉलोनियों ने नियमित करने के आवेदन दिए थे, उन सभी कॉलोनियों को सरकार की इस पहल का लाभ मिलेगा। अब तक इन कॉलोनियों में रहने वाले लोगों की जिंदगी बहुत बदतर हालत में थी। हमारी सरकार इन कॉलोनियों में सड़क, नाली, गलियों इत्यादि के लिए 3500 और पानी एवं सीवर के लिए करीब 2500 करोड़ रुपये खर्च कर चुकी है या खर्च करने जा रही है। कुल करीब छह हजार करोड़ रुपये इन कॉलोनियों में विकास कार्यो के लिए लगाए जा रहे हैं।

रोड़ा अटकाने वाले मुख्यमंत्री केजरीवाल अब लेना चाहते हैं श्रेय: भाजपा

वहीं, भाजपा का कहना है कि कांग्रेस और आम आदमी पार्टी (आप) ने अनधिकृत कॉलोनियों को नियमित करने के नाम पर लोगों को सिर्फ गुमराह किया है। केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार के बार-बार कहने के बावजूद आप सरकार इन कॉलोनियों की रिपोर्ट देने में टालमटोल करती रही। इस वजह से केंद्र सरकार ने अपने स्तर पर अनधिकृत कॉलोनियों को नियमित करने की प्रक्रिया शुरू कर दी है। अब राजनीतिक नुकसान होता देख मुख्यमंत्री अर¨वद केजरीवाल इस काम का श्रेय लेने की कोशिश में जुट गए हैं।

दिल्ली प्रदेश भाजपा अध्यक्ष मनोज तिवारी ने कहा कि विधानसभा चुनाव से पहले केंद्र सरकार के अनुमोदन से दिल्ली की अनधिकृत कॉलोनियों को नियमित कर दिया जाएगा। यहां के निवासियों को अपने मकानों का मालिकाना हक मिल जाएगा। यह दिल्लीवासियों के लिए केंद्र सरकार का सबसे बड़ा तोहफा होगा। इन कॉलोनियों में अब विकास हो सकेगा। यहां के लोग अब मूलभूत सुविधाओं से वंचित नहीं रहेंगे। उन्होंने कहा कि इन कॉलोनियों को नियमित करने के लिए केंद्रीय शहरी विकास मंत्रालय ने दिल्ली सरकार से वर्ष 2015 में रिपोर्ट मांगी थी जिसे देने के बजाय केजरीवाल टालमटोल करते रहे। उनके इस रवैये की वजह से शहरी विकास मंत्रलय ने उपराज्यपाल के नेतृत्व में एक कमेटी गठित की जिसने तीन माह में अपनी रिपोर्ट सौंप दी है, जिसके आधार पर इन कॉलोनियों को नियमित करने का काम तेजी से चल रहा है। उन्होंने कहा कि यदि मुख्यमंत्री अनधिकृत कॉलोनियों के निवासियों के लिए कुछ करना चाहते हैं तो इन कॉलोनियों की सीमा तय करने का काम तुरंत शुरू कराएं। पहले इस काम के लिए दिल्ली सरकार ने वर्ष 2019 तक का समय मांगा था। अब वह 2021 तक का समय मांग रही है।

दिल्ली विधानसभा के नेता प्रतिपक्ष विजेंद्र गुप्ता ने कहा कि जब यह बात सामने आई कि नरेंद्र मोदी सरकार के एक सौ दिन के एजेंडे में दिल्ली की 1797 अनधिकृत कॉलोनियों को नियमित करने का मुद्दा शामिल है तो केजरीवाल बहती गंगा में हाथ धोकर श्रेय लेने की कोशिश कर रहे हैं। कल तक इन कॉलोनियों को लेकर मोदी सरकार को कोसने वाले मुख्यमंत्री आज उसके गुणगान करने को मजबूर हो गए हैं।

भाजपा का कहना है कि इन कॉलोनियों में रहने वाले लोग आम आदमी पार्टी के झांसे में नहीं आएंगे। उन्हें मालूम है कि उन्हें उनके मकान का मालिकाना हक किसके प्रयास से मिलने जा रहा है।

पूर्वांचल समाज के लोगों को होगा बड़ा फायदा

दिल्ली की अनधिकृत कॉलोनियों में रजिस्ट्री खुलने का फायदा सबसे अधिक पूर्वांचल समाज के लोगों को होगा। इन कॉलोनियों में बहुत बड़ी संख्या में पूर्वाचल से संबंध रखने वाले लोग रहते हैं। ये बातें मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कही। वह अपने आवास पर आयोजित कार्यक्रम में मैथिली व पूर्वांचल समाज के लोगों को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि मुझे लगातार ये चिंता थी कि इतनी बड़ी संख्या में पूर्वांचलवासियों ने मुझपर विश्वास जताया था। क्या मैं उनके सपने को पूरा कर सकूंगा। देश में दिल्ली सरकार ने सबसे पहले मैथिली को वैकल्पिक भाषा के तौर मान्यता देने का कार्य किया है। साथ ही मैथिली अकादमी भी शुरू की जाएगी, जिसमें बच्चे आइएएस की तैयारी मैथिली भाषा में कर सकेंगे। मनीष सिसोदिया ने कहा कि अफसोस तो इस बात का है कि अच्छे कामों का भी विपक्ष विरोध करता आ रहा है। जो काम सभी के हित के हैं आखिर उसमें किस बात का विरोध?

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