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दिल्ली-NCR समेत देश के करोड़ों वाहन चालकों के लिए खुशखबरी, मिल सकती है बड़ी राहत

परिवहन विभाग ऑल इंडिया टूरिस्ट परमिट के वाहनों को पांच साल की एनओसी देता है। इसे बढ़ाकर नौ साल किया जा सकता है। इस बाबत सुप्रीम कोर्ट में विस्तृत रिपोर्ट दाखिल की गई है।

By JP YadavEdited By: Published: Sat, 27 Jul 2019 01:48 PM (IST)Updated: Sat, 27 Jul 2019 03:15 PM (IST)
दिल्ली-NCR समेत देश के करोड़ों वाहन चालकों के लिए खुशखबरी, मिल सकती है बड़ी राहत
दिल्ली-NCR समेत देश के करोड़ों वाहन चालकों के लिए खुशखबरी, मिल सकती है बड़ी राहत

नई दिल्ली, जेएनएन। पर्यावरण प्रदूषण नियंत्रण एवं संरक्षण प्राधिकरण (Environment Pollution Prevention and Control Authority) ने सीएनजी (Compressed natural gas) व पेट्रोल वाहनों को पांच के बजाय नौ साल के लिए अनापत्ति प्रमाण पत्र (No Objection Certificate) देने की सिफारिश की है। ईपीसीए ने सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) में इसे लेकर एक विस्तृत रिपोर्ट भी दाखिल की है। इसमें कहा गया है कि सीएनजी स्वच्छ ईंधन है और इसी वजह से डीजल की तुलना में इसे अधिक समय तक चलाने की छूट दी जा सकती है। यदि ऐसा हो जाता है तो दिल्ली-एनसीआर के साथ-साथ देशभर के करोड़ों टैक्सी चालकों को बड़ी राहत मिल सकती है।

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ईपीसीए ने सुप्रीम कोर्ट में दाखिल की इस आशय की विस्तृत रिपोर्ट

परिवहन विभाग ऑल इंडिया टूरिस्ट परमिट के वाहनों को पांच साल की एनओसी देता है। इसके बाद इसका नवीनीकरण नहीं किया जाता। यह नियम डीजल, सीएनजी और पेट्रोल तीनों तरह के वाहनों पर लागू होता है। मई 2016 में सुप्रीम कोर्ट के एक निर्देश के बाद से ही ऐसा हो रहा है। टैक्सी चालकों की मानें तो इस सबके कारण ही सीएनजी टैक्सियां घाटे का सौदा बन रही हैं। पांच साल बाद उन्हें सीएनजी टैक्सियों को काफी कम दामों में बेचना पड़ता है, जबकि सीएनजी हर जगह उपलब्ध भी नहीं है।

सीएनजी व पेट्रोल वाहनों को नौ साल की एनओसी देने की सिफारिश

ईपीसीए के अनुसार पिछले कुछ सालों से टैक्सी ऑपरेटर लगातार इस मुद्दे को उठा रहे थे। इसके बाद ही सुप्रीम कोर्ट में उक्त रिपोर्ट दी गई है और कहा गया है कि स्वच्छ ईंधन होने की वजह से सीएनजी और पेट्रोल की गाड़ियों को नौ साल के लिए परमिट दिया जाए।

दिल्ली टैक्सी टूरिस्ट ट्रांसपोर्टर एसोसिएशन के अध्यक्ष संजय सम्राट की याचिका पर 10 मई 2016 को सुप्रीम कोर्ट ने ऑल इंडिया टूरिस्ट परमिट (एआइटीपी) वाली डीजल टैक्सी के पांच साल पुराने परमिट के नवीनीकरण पर रोक लगाई थी।

लेकिन दिल्ली के परिवहन विभाग ने एआइटीपी वाली पांच साल पुरानी पेट्रोल और सीएनजी से चलने वाली टैक्सियों के भी परमिट नवीनीकरण करना बंद कर दिया। इससे हजारों सीएनजी व पेट्रोल से चलने वाली टैक्सियां खड़ी हो गईं।

वहीं, देश में 15 साल पुराने निजी व व्यावसयिक वाहन मालिकों के लिए  जल्द अच्छी खबर आ सकती है। सरकार कारों, मोटर साइकिलों व ट्रकों को कबाड़ घोषित नहीं करेगी। ऐसे वाहनों का फिटनेस प्रमाण पत्र व पंजीकरण का नवीनीकरण सड़क पर चलाया जा सकेगा। हालांकि सरकार ने पुराने निजी व व्यवसायिक वाहनों का नवीनीकरण शुल्क दो से तीन गुना कर दिया है।

सड़क परिवहन व राजमार्ग मंत्रालय के संयुक्त सचिव प्रियंक भारती ने 24 जुलाई को अधिसूचना जारी की है। इसमें 15 साल से अधिक पुराने वाहनों को प्रत्येक छह माह में सड़क पर चलाने के लिए फिटनेस प्रणाम पत्र लेना होगा। यदि कोई पुराने वाहन को कबाड़ में बेचने का प्रणाम पत्र पेश करता है तो नए वाहन की खरीद पर उससे पंजीकण शुल्क नहीं लिया जाएगा।

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