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Good News: JNU परिसर में बनेगा 500 बेड का सुपर स्पेशियलिटी अस्पताल, जानिए अन्य डिटेल

जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय परिसर में 500 बेड का सुपर स्पेशियलिटी अस्पताल खोलेगा। मंगलवार को जेएनयू अकादमिक परिषद की बैठक आयोजित हुई। जिसमें सर्वसम्मति से स्कूल आफ मेडिकल साइंस और अस्पताल शुरू करने का प्रस्ताव पास किया गया। नई शिक्षा नीति के तहत मेडिकल साइंस की पढ़ाई होगी।

By Vinay Kumar TiwariEdited By: Published: Wed, 18 Aug 2021 03:14 PM (IST)Updated: Wed, 18 Aug 2021 03:14 PM (IST)
Good News: JNU परिसर में बनेगा 500 बेड का सुपर स्पेशियलिटी अस्पताल, जानिए अन्य डिटेल
जेएनयू अकादमिक परिषद की बैठक में पास किया गया प्रस्ताव।

नई दिल्ली, जागरण संवाददाता। जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय, परिसर में 500 बेड का सुपर स्पेशियलिटी अस्पताल खोलेगा। मंगलवार को जेएनयू अकादमिक परिषद की बैठक आयोजित हुई। जिसमें सर्वसम्मति से स्कूल आफ मेडिकल साइंस और अस्पताल शुरू करने का प्रस्ताव पास किया गया। नई शिक्षा नीति के तहत मेडिकल साइंस की पढ़ाई होगी। जेएनयू प्रशासन ने बताया कि स्कूल आफ मेडिकल साइंस के तहत पीएचडी, एमडी-पीएचडी, एमडी, एमएस, एमबीबीएस की डिग्री प्रदान की जाएगी। इसमें दाखिले नीट के जरिए दिए जाएंगे। अस्पताल में कार्डियोलाजी, अंग प्रत्यारोपण, न्यूरोलाजी, न्यूरोसर्जरी और पल्मोनोलाजी, गैस्ट्रोलाजी आदि का उपचार संभव होगा। इसकी लागत 900 करोड़ रुपये आंकी गई है।

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जेएनयू अधिनियम 1966 और नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी) 2020 के अनुसार विस्तृत कार्ययोजना तैयार करने में एम्स समेत अन्य चिकित्सा संस्थानों की मदद ली जाएगी। जेएनयू परिसर में 25 एकड़ भूमि पर स्कूल और अस्पताल स्थापित करने का प्रस्ताव है। अकादमिक परिषद की बैठक में पेश प्रस्ताव में कहा गया कि 259 फैकल्टी की नियुक्ति की जाएगी। अब इस योजना को कार्यकारी परिषद की बैठक में प्रस्तुत किया जाएगा। कार्यकारी परिषद की अनुमति मिलने के बाद इसे अमलीजामा पहनाने की प्रक्रिया प्रारंभ होगी।

एनसीसी अब इलेक्टिव क्रेडिट कोर्स

जेएनयू में अभी तक एनसीसी (राष्ट्रीय कैडेट कोर) अभी एक्स्ट्रा करिकुलर एक्टिविटी यानी ईसीए के अंतर्गत था। अकादमिक परिषद की बैठक में एक प्रस्ताव पारित कर इसे इलेक्टिव क्रेडिट कोर्स श्रेणी में शामिल कर लिया गया है। इसमें थ्योरी, प्रायोगिक कार्य समेत कैंपस ट्रेनिंग होंगे। कुल छह सेमेस्टर होंगे। जेएनयू प्रशासन ने बताया कि इस कोर्स को चुनने वाले छात्रों को सफलता पूर्वक ट्रेनिंग करने पर क्रमश: एनसीसी 'बी' और फिर एनसीसी 'सी' सर्टिफिकेट जारी किया जाएगा। नई शिक्षा नीति के तहत ही एनसीसी के बी और सी सर्टिफिकेट के सिलेबस को विश्वविद्यालयों में छह सेमेस्टर में कुल 24 क्रेडिट के अनुसार डिजाइन किया गया है।

बीटेक में एबीसी लागू

अकादमिक परिषद में स्कूल आफ इंजीनियरिंग के तहत पांच वर्षीय बीटेक पाठ्यक्रम में एबीसी यानी अकेडमिक बैंक आफ क्रेडिट लागू कर दिया है। बीटेक छात्र चार साल बाद पढ़ाई छोड़ सकते हैं।


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