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मंडी में किसम-किसम के बकड़े, 5 लाख कीमत वाले बकड़े के साथ सेल्‍फी लेने की होड़

270 किलो के बकरे पर लोगों की नजर ठहर जा रही है। हालत यह कि लोग इसके साथ सेल्फी ले रहे हैं। लोग इसको खरीदना भी चाहते हैं

By Ramesh MishraEdited By: Published: Thu, 31 Aug 2017 11:46 AM (IST)Updated: Thu, 31 Aug 2017 11:46 AM (IST)
मंडी में किसम-किसम के बकड़े, 5 लाख कीमत वाले बकड़े के साथ सेल्‍फी लेने की होड़
मंडी में किसम-किसम के बकड़े, 5 लाख कीमत वाले बकड़े के साथ सेल्‍फी लेने की होड़

नई दिल्ली [ जेएनएन ] । बकरीद को लेकर जामा मस्जिद का बकरा बाजार गुलजार है। उत्तर प्रदेश, राजस्थान व हरियाणा समेत अन्य राज्यों से हजारों की संख्या में बकरा बिकने के लिए मंडी आए हुए हैं। इनमें अल्लाह और 786 लिखे बकरे विशेष आकर्षण के केंद्र हैं।

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इसके अलावा 270 किलो के बकरे पर लोगों की नजर ठहर जा रही है। हालत यह कि लोग इसके साथ सेल्फी ले रहे हैं। लोग इसको खरीदना भी चाहते हैं, मगर इसकी कीमत उन्हें कदम पीछे खींच लेने पर मजबूर कर देती है।

बदायूं से आए शाहनवाज पहलवान ने इसकी कीमत 5 लाख रुपये रखी है। वहीं, बिजनौर के रफीक जिस बकरे को बाजार में लाए हैं, उसकी गर्दन व पीठ पर अल्लाह लिखा हुआ है। उसके मुताबिक यह जन्म से ही लिखा हुआ है। उन्होंने इसकी कीमत ढाई लाख रुपये तय की है। इस बार 786 व अल्लाह लिखे बकरे मंडी में खूब आए हैं, जिनके मालिकों ने इनकी कीमत दो से तीन लाख रुपये तक तय की है।

दो सितंबर को है बकरीद 

बकरीद 2 सितंबर को है, जिसमें कुर्बानी के लिए लोग बकरे की खरीदारी कर रहे हैं। कोई एक बकरा खरीद कर संतुष्ट है तो कुछ लोग जोड़े भी बकरे खरीद रहे हैं। बकरा मंडी में बकरा खरीदने पुरानी दिल्ली के अलावा पूर्वी दिल्ली समेत दिल्ली के अन्य भागों से भी लोग पहुंच रहे हैं।

उनके मुताबिक यहां बकरा अच्छा और कुछ सस्ता मिल जाता है। वैसे, पिछले वर्ष के मुकाबले इस बार बकरों की कीमत कुछ अधिक है, लेकिन इसका असर बकरों की बिक्री पर नहीं है। लोग जमकर बकरों की खरीदारी कर रहे हैं।

मंडी में हैदराबादी, देसी, जम्मू, बरबरा, मेवाती, पंजाबी, गजरा सहित कई नस्ल के बकरे मौजूद हैं, लेकिन सबसे ज्यादा मांग राजस्थान के लंबे कान वाले बकरों की है। वैसे, सामान्य बकरे की कीमत 10 हजारे रुपये से शुरू हो जा रही है।

बाजार में सजा-धजा कर लाए बकरे

कुछ बकरों के नाज नखरे और उनकी सजावट ऐसे की गई है लोगों की नजरें बसबस ही उनकी ओर खिंची चली जाती हैं। बकरे गले में झालर व कड़ा के साथ ही घुंघरू पहने हुए हैं। इन्हें रोज नहलाया जाता है और साफ-सफाई का विशेष ध्यान रखा जाता है। खाने में भी किसी को काजू-पिस्ता और फल खिलाया जाता है तो कोई दूध ही पीता है।


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