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दिल्ली मेट्रो के इतिहास में पहली बार चार घंटे सेवा ठप, यलो लाइन पर यात्री परेशान

मंगलवार सुबह मजेंटा लाइन रूट (MAGENTA LINE Route) के अंतर्गत बॉटैनिकल गार्डन मेट्रो स्टेशन पर तकनीकी खामी के चलते सिर्फ एक गेट खोला जबकि बाकी गेट बंद कर दिए गए।

By JP YadavEdited By: Published: Tue, 21 May 2019 10:20 AM (IST)Updated: Wed, 22 May 2019 09:52 AM (IST)
दिल्ली मेट्रो के इतिहास में पहली बार चार घंटे सेवा ठप, यलो लाइन पर यात्री परेशान
दिल्ली मेट्रो के इतिहास में पहली बार चार घंटे सेवा ठप, यलो लाइन पर यात्री परेशान

नई दिल्ली/नोएडा। वर्ल्ड क्लास तकनीकी और सुविधाएं देने का दावा करने वाली दिल्ली मेट्रो रेल कॉरपोरेशन (Delhi Metro Rail Corporation) की ट्रेनों में तकनीकी खामियों का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा है। इसी कड़ी में मंगलवार सुबह मजेंटा लाइन के साथ यलो लाइन पर भी हजारों यात्रियों को परेशानी से गुजरना पड़ा। आलम यह रहा कि लोगों को ट्रेनों से उतर कर ट्रैक पर पैदल चलना पड़ा। 

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मिली जानकारी के मुताबिक, ओवर हेड इक्विपमेंट (ओएचई) में बिजली की आपूर्ति बंद होने से दिल्ली मेट्रो के इतिहास में पहली बार चार घंटे परिचालन ठप रहा। यलो लाइन पर कुतुबमीनार से सुलतानपुर के बीच व्यस्त समय में यह दिक्कत आई। इससे इस लाइन के अन्य स्टेशनों पर भी परिचालन प्रभावित हुआ और करीब पांच घंटे तक यात्री परेशान रहे। वहीं, हजारों यात्रियों ने गंतव्य तक पहुंचने के लिए सड़क मार्ग का सहारा लिया। इससे साकेत मेट्रो स्टेशन से छतरपुर तक लंबा जाम लग गया। 

दिल्ली मेट्रो रेल कॉरपोरेशन (डीएमआरसी) के अनुसार, ओएचई में मंगलवार सुबह 9.27 बजे पावर सप्लाई बंद हो गई। इससे कुतुबमीनार व सुलतानपुर स्टेशन के बीच दो ट्रेनें खड़ी हो गईं। दोनों ट्रेनों से 5600 यात्रियों को इमरजेंसी गेट से निकालकर ट्रैक के रास्ते स्टेशन पर पहुंचाया गया। कुतुबमीनार और सुलतानपुर के बीच 29 फीडर बसें चलाई गईं पर पीछे से आ रहीं मेट्रो ट्रेनों के कारण कुल यात्रियों के मुकाबले ये बसें नाकाफी साबित हुईं। करीब 11:45 बजे दोनों स्टेशनों के बीच सिंगल लाइन मेट्रो सेवा शुरू कर फंसी ट्रेनों को ट्रैक से हटाया गया और दोपहर 1:30 बजे दोनों तरफ से संचालन सामान्य हो सका। हालांकि, यात्रियों को दोपहर बाद तीन बजे तक परेशानी ङोलनी पड़ी। इधर, कुतुबमीनार, साकेत व छतरपुर आदि स्टेशनों तक ही मेट्रो संचालित होने से अप्रत्याशित भीड़ की वजह से सुरक्षा के मद्देनजर सभी स्टेशनों पर अतिरिक्त सुरक्षा बलों को तैनात करना पड़ा।

पहले मामले में कुतुब मीनार से सुल्तानपुर मेट्रो स्टेशन के बीच मंगलवार सुबह आठ बजे से दोपहर तक मेट्रो संचालन बाधित रहा। इसके चलते रोजाना सफर करने वाले हजारों-लाखों दैनिक यात्रियों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ा।

ओवरहेड वायर में खराबी ने यात्रियों को रुलाया
जो जानकारी मिली है उसके मुताबिक, मंगलवार सुबह छतरपुर मेट्रो स्टेशन पर अचानक मेट्रो को बिजली आपूर्ति करने वाली ओवरहेड वायर में खराबी आ गई थी, जिससे अचानक मेट्रो ट्रेन रुक गई। इससे स्टेशन के पास पैसेंजर लंबे समय तक फंसे रहे, यहां तक कि कुछ देर तो ट्रेन में ही फंसे रहे। फिर कुछ देर बाद इमरजेंसी गेट की मदद से  यात्रियों को ट्रेन से बाहर निकाला गया। इसके बाद मेट्रो ट्रैक पर चलते हुए यात्री मेट्रो स्टेशन तक पहुंचे। इसके डीएमआरसी ने दो लूप में मेट्रो परिचालन जारी रखने का निर्णय लिया गया। और फिर समयपुर बादली से कुतुब मीनार और सुलतानपुर से हूडा सिटी सेंटर के बीच दो लूप में ट्रेनें चलीं। 

वहीं, यात्रियों की परेशानी कम करने के लिए डीएमआरसी ने पहले कुतुब मीनार और सुल्तानपुर मेट्रो स्टेशन से मेट्रो फीडर बसें चलवाईं, लेकिन यात्रियों की संख्या के हिसाब से उन्हें लाने जे जाने में वह काफी नाकाफी साबित हुईं। भयंकर गर्मी में मेट्रो फीडर बसें यात्रियों से खचाखच भरकर रवाना हो रही थीं। इसके भी लोगों को काफी दिक्कत हुई। यात्रियों के बढ़ते दबाव के चलते डीएमआरसी ने बाद में कुतुब मीनार और सुल्तानपुर से पहले के मेट्रो स्टेशन साकेत व अरजनगढ़ में ही यात्रियों का उतारकर मेट्रो फीडर बसों से रवाना किया। वहीं, मेट्रो सेवा ठप होने के बाद ओला और उबर वालों ने भी लोगों से जमकर किराया वसूला। 

सुबह पीक आवर में कई रूट्स में ट्रेनों की रफ्तार धीमी रही तो कई रूट पर ट्रेनें पूरी तरह से बाधित रही। छतरपुर से कुतुब मीनार के बीच डेढ़ घंटे से अधिक समय तक एक ट्रेन फंसी रही। इसके बाद ट्रेन में कुछ लोगों की तबीयत खराब होने पर सारे गेट खोल दिए गए। ऐसा करने के बाद यात्री ट्रैक के बगल में बने छोटे-से फुटपाथ से गंतव्य के लिए निकले। यह नजारा काफी समय बाद देखने को मिल रहा है, जब ट्रेन यात्री ट्रैक पर चलकर ऑफिस या अन्य कार्यस्थलों के लिए जाने को मजबूर हुए।

वहीं, मंगलवार सुबह मजेंटा लाइन रूट (MAGENTA LINE Route) के अंतर्गत बॉटैनिकल गार्डन मेट्रो स्ट्रेशन पर तकनीकी खामी के चलते सिर्फ एक गेट खोला, जबकि बाकी गेट बंद कर दिए गए। इससे मंगलवार सुबह पीक आवर में नोएडा और गाजियाबाद से दिल्ली जा रहे यात्रियों को दिक्कत पेश आई। यहां पर बता दें कि पिछले चार दिनों के मजेंटा लाइन रूट (MAGENTA LINE Route) दूसरी बार ऐसा हुआ है, जब यात्रियों को भारी दिक्कत पेश आई है। 

गौरतलब है कि ओखला एनएसआइसी स्टेशन उन लोगों के लिए बेहद महत्वपूर्ण है जो ओखला फेज 2 फेज 3 में काम करते हैं। इसके अलावा ओखला मंडी जाने वालों के लिए कालका जी मंदिर जाने वालों के लिए यह बहुत महत्वपूर्ण स्टेशन है और सुबह के वर्किंग के टाइम पर इस तरह से सिर्फ एक गेट का चलना लोगों के लिए मुसीबत और दर्द का कारण बना, जिससे लोगों का गुस्सा भी फूटा।इससे परेशान यात्रियों की स्टेशन स्टाफ के साथ नोकझोंक और बहस भी हुई।

परेशानी से जूझ यात्रियों के सामने सबसे बड़ा संकट मेट्रो स्टेशन से बाहर निकलना रहा, खासकर एक ही गेट खुला होने के चलते मेट्रो स्टेशन पर अफरातफरी की स्थिति रही।

18 मई मजेंटा लाइन पर दो घंटे परिचालन रहा प्रभावित

मजेंटा लाइन पर सिग्नल में खराबी के कारण शनिवार (18 मई) को करीब दो घंटे तक मेट्रो का परिचालन प्रभावित रहा। इस वजह से सुबह के वक्त जनकपुरी पश्चिम से एयरपोर्ट टर्मिनल-1, दक्षिणी दिल्ली व नोएडा के बॉटैनिकल गार्डन की तरफ जाने वाले यात्रियों को परेशानी का सामना करना पड़ा। ब्लू लाइन की तरह मजेंटा लाइन पर भी तकनीकी खराबी की मामले अधिक देखे जा रहे हैं। यह भी तब जब इस कॉरिडोर पर मेट्रो का परिचालन शुरू हुए अभी बहुत ज्यादा समय नहीं हुआ है।

करीब 38 किलोमीटर लंबे इस मेट्रो कॉरिडोर पर दो चरणों में मेट्रो का परिचालन शुरू हुआ था। कालकाजी से बॉटैनिकल गार्डन के बीच 25 दिसंबर 2017 को परिचालन शुरू हुआ था। वहीं, कालकाजी से जनकपुरी पश्चिम के बीच मई 2018 में परिचालन शुरू हुआ। इस कॉरिडोर पर अत्याधुनिक सिग्नल सिस्टम सीबीटीसी (कंप्यूटर बेस्ड ट्रेन कंट्रोल) का इस्तेमाल किया गया है।

दिल्ली मेट्रो रेल निगम (डीएमआरसी) के अनुसार, सुबह सात बजे जसोला मेट्रो स्टेशन पर सिग्नल में खराबी आ गई। इससे वजह से मेट्रो की रफ्तार थम गई। डीएमआरसी का कहना है कि सिग्नल में खराबी से ओखला से बॉटैनिकल गार्डन के बीच परिचालन प्रभावित हुआ, जबकि यात्री कहते हैं कि पूरे कॉरिडोर पर परिचालन प्रभावित रहा। इस बीच स्टेशनों पर काफी देर तक रुक-रुक कर मेट्रो ट्रेनें चल रही थीं। सुबह 8:55 बजे परिचालन सामान्य हुआ।  

यलो लाइन पर भी परिचालन रहा प्रभावित

यलो लाइन पर दोपहर तीन बजे से तकनीकी खराबी के कारण विश्वविद्यालय से समयपुर बादली के बीच 10 मिनट के लिए परिचालन प्रभावित हुआ। इसके बाद शाम करीब 5:40 बजे विश्वविद्यालय से समयपुर बादली के बीच परिचालन प्रभावित हो गया। इस दौरान करीब 35 मिनट तक परिचालन प्रभावित रहा।

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