घोड़ों में फैला खतरनाक संक्रमण, लोग भी आ सकते हैं चपेट में; सतर्क हुई दिल्ली सरकार
मिली जानकारी के मुताबिक दिल्ली के घोड़ों में संक्रामक रोग ग्लेंडर्स का संक्रामक पाया गाया है जो संपर्क में आने वाले मनुष्यों में भी तेजी से फैलता है।
नई दिल्ली, जेएनएन। शादी-समारोह के दौरान घोड़ों के इस्तेमाल पर दिल्ली में सत्तासीन आम आदमी पार्टी (AAM AADMI PARTY) सरकार जल्द रोक लगा सकती है। मिली जानकारी के मुताबिक, दिल्ली के घोड़ों में संक्रामक रोग ग्लेंडर्स का संक्रामक पाया गाया है, जो संपर्क में आने वाले मनुष्यों में भी तेजी से फैलता है। इसी के चलते सरकार घोड़ों के इस्तेमाल पर पाबंदी लगाने का फैसला भी ले सकती है। इससे पहले वर्ष 2017 में भी दिल्ली सरकार घोड़ों के किसी भी प्रकार के इस्तेमाल पर रोक चुकी है।
बताया जा रहा है कि जांच में पॉजिटिव पाए जाने के बाद पुष्टि के लिए दोबारा हुई जांच में भी घोड़ों में ग्लेंडर्स का संक्रमण पॉजिटिव पाया गया है। अब सरकार इसे नोटिफाई करने की तैयारी में जुट गई है। एनिमल हसबेंडरी विभाग इसी काम में लगा है। नोटिफाई करने के बाद घोड़ों के इस्तेमाल पर पूरी तरह पाबंदी लग जाएगी।
मिली जानकारी के मुताबिक, दिल्ली में तकरीबन 3000 हजार घोड़े हैं, पिछले साल तकरीबन 40 घोड़े ग्लैंडर्स से पीड़ित थे। घोड़ों के दोबारा पॉजिटिव पाए जाने की रिपोर्ट हाल ही में सामने आई है। इसमें 7 घोड़े ग्लैंडर्स पीड़ित पाए गए हैं। घोड़ों के ब्लड सैंपल की जाच नेशनल रिसर्च सेंटर ऑन एक्वाइंस हिसार (हरियाणा) ने की है।
वर्ष-2017 में भी केंद्रीय कृषि मंत्रालय के हिसार स्थित राष्ट्रीय अश्व अनुसंधान केंद्र (एनआरसीइ) से दिल्ली में घोड़ों के ग्लेंडर्स संक्रमण से पीड़ित होने की पुष्टि हुई थी। इसके बाद दिल्ली सरकार ने घोड़ों के किसी प्रकार के प्रयोग पर अगले तीन महीने के लिए रोक लगा दी थी।
इसके ठीक बाद अधिसूचना जारी कर तत्काल प्रभाव से घोड़ा पालकों को इनकी सार्वजनिक आवाजाही से बचने के लिए कहा गया था। इस संबंध में दिल्ली सरकार की विकास आयुक्त मनीषा सक्सेना ने एक अधिसूचना भी जारी की थी। इसके अनुसार पश्चिमी दिल्ली के राजा गार्डन स्थित संजय गांधी पशुपालन केंद्र द्वारा एनआरसीई में जांच के लिए भेजे गए 13 सैंपल में से सात में संक्रमण की पुष्टि के बाद यह कदम उठाया गया था।
ग्लेंडर्स का संक्रमण
बता दें कि दिल्ली में व्यवसायिक इस्तेमाल के लिए पाले गए घोड़ों एव अन्य पशुओं को संक्रामक रोगों के परीक्षण के लिए पश्चिमी दिल्ली स्थित संजय गांधी पशुपालन केंद्र में नियमित रूप से पशुपालकों को ले जाना होता है। इसके मद्देनजर सरकार ने ग्लेंडर्स के संक्रमण को इसी क्षेत्र में सीमित रखने के लिए पश्चिमी दिल्ली जिले को रोग के लिहाज से नियंत्रित सीमित क्षेत्र घोषित किया है।
क्या है ग्लेंडर्स संक्रमण
मैलियोमाइसीज मैलाई नाम के जीवाणु द्वारा होने वाला संक्रामक रोग बरखेलडेरिया मैलाई चौपाये जंतुओं में होने वाला एक भीषण रोग है। घोड़ों में यह बहुत तेजी से फैलता है और गांठों-ग्रंथियों को प्रभावित करने के कारण इसे ग्लेडर बरखेलडेरिया मैलाई कहा जाता है।
खास तथ्य
- घोड़ों (या चौपायों) से यह मनुष्य व अन्य स्तनधारियों में पहुंचता है।
- इसके जीवाणु का वाहक ऑक्सीजन है।
- इसका संक्रमण नाक और मुंह (सांस यानि ऑक्सीजन) के जरिए होता है।
- घोड़े, खच्चर, गधे की शरीर की गांठों में इन्फेक्शन फैलता है व पस पड़ जाती है।
- शरीर में सूजन व पीड़ा होने से पशु उठ नहीं पाता है, इसके बाद मृत्यु हो जाती है।
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