दिल्ली न्यूज : गाजीपुर गांव तक सुनी गई बम धमाके की आवाज, लोगों को लगा अब नहीं बचेंगे
लावारिस बैग मिलने के कुछ ही देर बाद बम की सूचना जंगल में आग की तरह फैल गई। गाजीपुर गांव व कौशांबी के लोग बम मिलने से सहमे रहे उन्हें हर पल डर सता रहा बम अगर फट गया तो बचेंगे नहीं।
नई दिल्ली [शुजाउद्दीन]। लावारिस बैग मिलने के कुछ ही देर बाद बम की सूचना जंगल में आग की तरह फैल गई। गाजीपुर गांव व कौशांबी के लोग बम मिलने से सहमे रहे, उन्हें हर पल डर सता रहा बम अगर फट गया तो बचेंगे नहीं। पुलिस ने मंडी को खाली करवाकर आसपास के क्षेत्र को सील किया, एनएसजी की टीम ने रोबोट के जरिये बम को एक मशीन में रखा और मंडी के अंदर ले गई। जिस मंडी में लोगों की चहल पहल रहती थी, वहां अचानक सन्नाटा हो गया।
पुलिस और मीडियाकर्मी मंडी के बाहर खड़े थे। दोपहर में बम धमाका हुआ, लोगों के चहरे की हवाइयां उड़ गई। करीब पांच मिनट तक भी डरे सहमे खड़े रहे, एनएच-नौ पर वाहन रुक गए। धमाके की आवाज से लोगों को लगा बम फट गया है।
बम की आवाज करीब दो किलोमीटर तक सुनाई दी। मंडी के पास गाजीपुर गांव के लोगों को एक बार को लगा शायद अब वह बच नहीं पाएंगे। उस आवाज के बाद किसी तरह की हलचल नहीं हुई, लोग दहशत में रहे। मंडी के बाहर चाय की दुकान लगाने वाली महिला ने कहा कि मंडी में पुलिस आती जाती रहती है, लेकिन शुक्रवार दोपहर को एक अलग सा सूट पहने हुए पुलिस के कुछ लोग आए। इस तरह के लोगों को टीवी में ही देखा है, अचानक एक बड़ी सी मशीन में से एक रोबोट निकला और एक बैग में रखे सामान को उठाया और मशीन के अंदर चला गया।
मशीन मंडी के अंदर गई और कुछ देर के बाद तेज आवाज में धमाका हुआ और आसमान में धुआं छा गया। पैरों तले जमीन निकल गई, कभी इस तरह का मंजर नहीं देखा। गाजीपुर गांव में रहने वाले नरेंद्र चौधरी ने बताया कि वह पौने दो बजे घर में थे, मंडी में बम की खबरें देख रहे थे। तभी धमाके की आवाज सुनाई दी। दिल बुरी तरह से घबरा गया।
बम को ज्यादा दूर नहीं लेकर जा सकते थे
पुलिस के एक अधिकारी ने बताया कि बम काफी शक्तिशाली था, उसे ज्यादा दूर तक लेकर नहीं जाया जा सकता था। एनएसजी की टीम के पास एक ऐसा वाहन होता है, जिसमें बम को रखकर दूर स्थान पर लेकर जाया जाता है। बम अगर उस वाहन में फट जाता है तो ज्यादा नुकसान नहीं होता है। बम कई तरह के होते हैं, कई बार इन्हें निष्क्रिय करने पर धमाके की आवाज होती है। कई उपकरणों के माध्यम से बम को कमजोर किया जाता है, उसके बाद समतल जमीन में गहरा गड्ढा करके निष्क्रिय किया जाता है, ऐसा करने पर ज्यादा नुकसान नहीं होता है। मंडी में जगह थी, इसलिए उस बम को दूर ले जाने के बजाय वहीं पर निष्क्रिय किया गया।