दिल्ली: रानी खेड़ा में कूड़ा गिराने पर बवाल, गामीणों ने निकाली ट्रकों की हवा
रानी खेड़ा डपिंग साइट पर दिनभर गहमागहमी बनी रही और ग्रामीण टेंट लगाकर विरोध प्रदर्शन करते रहे। इनमें महिलाएं भी शामिल थीं।
नई दिल्ली [जेएनएन]। गाजीपुर लैंडफिल साइट के कूड़े को मुंडका इलाके के रानी खेड़ा गांव में चिन्हित डंपिंग साइट पर गिराने के विरोध में दिनभर हंगामा चलता रहा। रविवार को महापंचायत चल ही रही थी कि कूड़े से लदे ट्रक फिर रानी खेड़ा पहुंच गए। इससे आक्रोशित रानी खेड़ा, मुंडका, कंझावला, कराला समेत कई गांवों के लोग सड़क पर उतर आए।
लोगों ने मुंडका में करीब एक घंटे जाम लगाकर रोहतक रोड पर यातायात संचालन ठप कर दिया। तीन ट्रकों को पंचर कर दिया और कई अन्य ट्रकों को लौटा दिया। ग्रामीणों के पहुंचने से पहले ही तीन ट्रकों का कूड़ा डपिंग साइट पर गिराया जा चुका था, लेकिन ग्रामीणों ने दो ट्रकों के कूड़े को जेसीबी की मदद से खुद ही खाली ट्रकों में डाल दिया।
रानी खेड़ा डपिंग साइट पर दिनभर गहमागहमी बनी रही और ग्रामीण टेंट लगाकर विरोध प्रदर्शन करते रहे। इनमें महिलाएं भी शामिल थीं। हालात ऐसे बन गए कि बाहरी जिले के अतिरिक्त पुलिस उपायुक्त पंकज सिंह को पुलिस बल के साथ खुद शाम तक डटे रहना पड़ा।
नगर निगम के अधिकारियों ने भी लोगों को समझाने की कोशिश की, लेकिन ग्रामीणों का कहना था कि किसी भी सूरत में कूड़ा नहीं गिराने दिया जाएगा। इसका उन्होंने संकल्प भी लिया। उनका कहना था कि करीब 54 एकड़ जमीन डपिंग साइट के लिए दी गई है, जबकि इस जमीन पर अन्य विकास कार्य होने चाहिए थे।
मालूम हो कि शनिवार को ही उपराज्यपाल ने संबंधित सरकारी विभागों की बैठक में गाजीपुर लैंडफिल साइट के कूड़े को कहीं और ठिकाने लगाने का निर्देश दिया था।
महापंचायत और जाम में भाजपा पार्षद भी हुए शामिल
सबसे अहम बात यह है कि रानी खेड़ा में आयोजित महापंचायत व जाम में भाजपा शासित उत्तरी दिल्ली नगर निगम के नेता सदन व क्षेत्रीय पार्षद जयेंद्र डबास भी शामिल हुए। इस विरोध में उनकी मौजूदगी से जहां नगर निगम के कूड़े निस्तारण की योजना में पेंच फंसता दिखाई दे रहा है, वहीं राजनीतिक सरगर्मी भी तेज हो गई है। हालांकि, जयेंद्र ने उपराज्यपाल से मिलकर समस्या के समाधान का लोगों को भरोसा दिलाया।
नगर निगम को घेरने का कांग्रेस को मिला मौका
'आप' के नेताओ ने पहले ही कहा था कि नगर निगम गाजीपुर लैंडफिल साइट के कूड़े को भलस्वा लैंडफिल साइट पर डालने की योजना बना रहा है। वहीं, निगम चुनाव में प्रत्याशी रहे नरेश लाकड़ा ने कहा कि उत्तरी दिल्ली नगर निगम व दिल्ली सरकार को गांव के लोगों की चिंता नहीं है। इसलिए कूड़े निस्तारण का ठोस प्रबंधन नहीं किया गया। ऐसे हालात में भाजपा के अपने ही पार्षद के विरोध में खड़े होने से पार्टी के सामने मुश्किल हालात बनने लगे हैं।
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