घोड़ा पछाड़ गैंग के चार जेबकतरे गिरफ्तार, जानें कैस नाम पड़ा 'घोड़ा पछाड़'
जेब काटने के दौरान अगर शख्स को जेब कटने का पता लग जाता था और वह विरोध करता था तो यह गैंग पीड़ित शख्स को गोली मारने या चाकू से हमला करने में भी गुरेज नहीं करता था।
दिल्ली, जेएनएन। घोड़ा पछाड़ गैंग के चार जेबकतरों को पुल प्रहलादपुर थाना पुलिस ने गिरफ्तार किया है। आरोपितों के पास से दो देसी पिस्तौल, चार कारतूस व दो चाकू बरामद किए गए हैं। यह गैंग बस में सफर के दौरान यात्रियों की जेब से पर्स, मोबाइल व अन्य सामान उड़ाता था। इन्होंने ज्यादातर वारदात एमबी रोड पर की है।
संजीव है गिरोह का सरगना
गिरफ्तार आरोपितों की पहचान संजीव उर्फ घोड़ा पछाड़ निवासी लाजपत नगर, आरिफ निवासी संगम विहार, मोहम्मद समन निवासी तुगलकाबाद एक्सटेंशन व जियाउल हक निवासी कोलकाता के रूप में हुई है। संजीव उर्फ घोड़ा पछाड़ इस गिरोह का सरगना है।
कैसे नाम पड़ा घोड़ा पछाड़
संजीव काफी तेज दौड़ता है। इसी के चलते उसका व गैंग का नाम घोड़ा पछाड़ पड़ा। वह दिल्ली विकास प्राधिकरण के पूर्व कैशियर का बेटा है। वह वर्ष 1988 से अपराधिक वारदातों को अंजाम दे रहा है। इसके खिलाफ विभिन्न थानों में लूट, हत्या के प्रयास, डकैती, चोरी व अन्य संगीन धाराओं में कुल 32 मुकदमे दर्ज हैं।
पहले भी जा चुका है जेल
वहीं, आरिफ स्नैचिंग के मामले में जेल जा चुका है। सात दिसंबर को सभी आरोपित वारदात को अंजाम देने के लिए एमबी रोड पर पहुंचे थे, लेकिन वारदात करने से पहले ही पुलिस ने दबोच लिया। पुलिस ने बताया कि जेब काटने के दौरान अगर शख्स को जेब कटने का पता लग जाता था और वह विरोध करता था तो यह गैंग पीड़ित शख्स को गोली मारने या चाकू से हमला करने में भी गुरेज नहीं करता था। बीते दिनों एक वारदात को अंजाम देने के दौरान इन्होंने ऐसे ही एक शख्स पर जानलेवा हमला कर घायल कर दिया था। गैंग के सरगना संजीव उर्फ घोड़ा पछाड़ समेत सभी आरोपित शराब व गांजे के नशे के आदी हैं।