खेल-खेल में दबाया ट्रिगर, दोस्त की मौत, अस्पताल के गेट पर छोड़ कर भागे
खेल-खेल में एक व्यक्ति ने दोस्त की गोली मारकर हत्या कर दी। गोली लगने से घायल दोस्त उसे महाराजा अग्रसेन अस्पताल के गेट के पास छोड़कर फरार हो गये।
पश्चिमी दिल्ली, जेएनएन। पंजाबी बाग थाना क्षेत्र में खेल-खेल में एक व्यक्ति ने दोस्त की गोली मारकर हत्या कर दी। गोली लगने से घायल शख्स की हालत नाजुक होने के बाद आरोपितों ने उसे महाराजा अग्रसेन अस्पताल के गेट के पास छोड़कर फरार हो गये।
सात लोग गिरफ्तार
पुलिस ने मामले की जांच करते हुए मृतक के दोस्त समेत सात आरोपितों को गिरफ्तार कर लिया है। गिरफ्तार आरोपितों में एक बुजुर्ग भी है। पुलिस ने आरोपितों के खिलाफ हत्या और साक्ष्य छुपाने का मामला दर्ज किया है।
अस्पताल के बाहर गेट पर छोड़ कर भागा
पुलिस के अनुसार, बुधवार देर रात करीब सवा तीन बजे सूचना मिली कि महाराजा अग्रसेन अस्पताल के बाहर निकलने वाले गेट के पास एक शख्स घायल अवस्था में पड़ा है। मौके पर पहुंची पुलिस ने उसे इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती कराया। जहां चिकित्सकों ने उसे मृत घोषित कर दिया। उसके कंधे में गोली लगी थी। मृतक की पहचान हरीश शर्मा (40) के रूप में हुई है। मूल रूप से हिमाचल प्रदेश के धर्मशाला के रहने वाले हरीश अपनी पत्नी सुनीता और बेटी के साथ मादीपुर स्थित ए-ब्लॉक में रहते थे। वे नारायणा लोहा मंडी में काम करते थे।
शक के आधार पर हुई पूछताछ
छानबीन के दौरान पत्नी ने पुलिस को बताया कि खाना खाने के बाद हरीश मादीपुर में रहने वाले दोस्त राजू को दिवाली की मुबारकबाद देने के लिए निकले थे। सुनीता ने राजू पर पति की हत्या करने का शक जताया। पुलिस ने तुरंत राजू को हिरासत में लेकर पूछताछ की। राजू ने अपना गुनाह कबूल कर लिया। उसने बताया कि रात में उसके साथ छह अन्य दोस्त मादीपुर निवासी राम (33), राजेश (29), जितेंद्र (38), हरिकांत (38), कुलदीप (40) और रमेश कपूर (71) मौजूद थे।
खेल-खेल में चली गोली
राम अपने साथ पिस्टल लेकर आया था। जिसे वह चला रहे थे। इसी दौरान हरीश वहां पहुंचा और पिस्टल चलाने की बात कही। राजू ने खेल-खेल में पिस्टल से गोली निकालकर उसकी तरफ पिस्टल कर ट्रिगर दबा दिया। पुलिस के अनुसार, चेंबर में एक गोली फंसी हुई थी। यह गोली हरीश के कंधे में जा लगी। गोली लगने के बाद सभी घबरा गए। उन लोगों ने मौके पर फैले खून को साफ किया।
इस दौरान हरीश की हालत बिगड़ने लगी। आरोपितों ने हरीश को ले जाकर अस्पताल के गेट पर छोड़ दिया और फरार हो गये। पुलिस ने राजू के साथ-साथ छह अन्य सहयोगियों को भी गिरफ्तार कर लिया है। पुलिस ने बताया कि राजू के खिलाफ वर्ष 2008 में हरिनगर थाने में हत्या का एक मामला दर्ज है।