Delhi News: कोरोना महामारी में अनाथ हुए बच्चों को मुफ्त शिक्षा, सरकारी-प्राइवेट किसी भी स्कूल में ले सकेंगे दाखिला
कोरोना महामारी के कारण अनाथ हुए बच्चों के लिए दिल्ली सरकार ने बड़ा फैसला लिया है। अब ऐसे बच्चों को दिल्ली के निजी स्कूलों में आठवीं तक मुफ्त शिक्षा मिलेगी। इसके बाद उन्हें सरकारी स्कूलों में दाखिला दिलाया जाएगा। इस पहल का उद्देश्य कोरोना महामारी के कारण अनाथ हुए छात्रों को निजी व सहायता प्राप्त स्कूलों में अपनी पढ़ाई जारी रखने के लिए आवश्यक सहायता उपलब्ध कराना है।
जागरण संवाददाता, नई दिल्ली। कोरोना महामारी के बाद बहुत से ऐसे बच्चे जो कोरोना महामारी के कारण अनाथ हो गए या जिनके माता-पिता की मृत्यु हो गई, उन बच्चों को शिक्षा निदेशालय ने मुफ्त शिक्षा के आदेश दिए हैं। निदेशालय ने कहा कि ऐसे छात्रों को निजी स्कूलों या सहायता प्राप्त स्कूलों में आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग (ईडब्ल्यूएस) व वंचित समूह (डीजी) श्रेणी में दाखिला दिला कर आठवीं तक की पढ़ाई पूरी कराई जाएगी। आठवीं के बाद इन बच्चों का सरकारी स्कूलों में दाखिला करा कर उनकी पढ़ाई जारी रखी जाएगी।
निदेशालय ने उप शिक्षा निदेशकों को निर्देश दिया कि ऐसे छात्रों की शिक्षा जारी रहे ये सुनिश्चित करने के लिए इन विद्यार्थियों को उसी स्कूल में समायोजित किया जाए, जहां वे पढ़ाई कर रहे हैं। निदेशालय के एक अधिकारी ने बताया कि इस पहल का उद्देश्य कोरोना महामारी या उसके बाद अनाथ हुए छात्रों को निजी व सहायता प्राप्त स्कूलों में अपनी पढ़ाई जारी रखने के लिए आवश्यक सहायता उपलब्ध कराना है।
स्कूल सरकार से ले सकते हैं फीस
निदेशालय ने कहा कि जिला शिक्षा उप निदेशकों को यह सुनिश्चित करने का निर्देश दिया गया है कि ये छात्र बिना किसी रुकावट के अपनी शिक्षा जारी रख सकें। निदेशालय के अनुसार, निजी स्कूल प्राथमिक स्तर तक शिक्षा निदेशालय से छात्रों की फीस की प्रतिपूर्ति का दावा कर सकते हैं।
सुप्रीम कोर्ट ने दिया था निर्देश
उल्लेखनीय है कि वर्ष 2021 में, सुप्रीम कोर्ट ने राज्य सरकारों को निर्देश दिया था कि वे उन बच्चों की निजी स्कूल फीस वहन करें, जिन्होंने कोरोना महामारी के दौरान अपने दोनों या एक माता-पिता को खो दिया है।
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निदेशालय के सभी उप शिक्षा निदेशकों को निर्देश दिया कि ऐसे मामले स्कूल, क्षेत्रीय या जिला स्तर पर लंबित न रहें। यदि कोई मामला किसी भी स्तर पर लंबित है, तो उसका प्रस्ताव 30 सितंबर तक सक्षम प्राधिकारी के समक्ष प्रस्तुत किया जाएगा।