दिल्ली में एक और पुलिसकर्मी ठगी का शिकार, सेना का अधिकारी बताकर कांस्टेबल को लगाया चूना
साइबर अपराधियों से निपटने वाली दिल्ली पुलिस के अधिकारी और कर्मचारी भी इसके शिकार हो रहे हैं।
नई दिल्ली, जेएनएन। साइबर अपराधियों से निपटने वाली दिल्ली पुलिस के अधिकारी और कर्मचारी भी इसके शिकार हो रहे हैं। कुछ दिन पहले संयुक्त पुलिस आयुक्त इसके शिकार हुए थे। ताजा मामले में फर्श बाजार में एक कांस्टेबल साइबर अपराध का शिकार हो गए। सेना का अधिकारी बताकर पुरानी कार बेचने के नाम पर कांस्टेबल से तीस हजार रुपये हड़प लिए गए।
कांस्टेबल राकेश कुमार की शिकायत पर फर्श बाजार पुलिस ने अज्ञात के खिलाफ केस दर्ज कर मामले की जांच शुरू कर दी है। राकेश कुमार दिल्ली पुलिस में कांस्टेबल के पद पर हैं। वह फर्श बाजार में रहते हैं। उन्होंने फेसबुक पर पुराने सामानों की बिक्री का एक विज्ञापन देखा था। उन्होंने कार खरीदने में दिलचस्पी दिखाई। अप्रैल में उनके पास अक्षय ठाकुर नाम के शख्स का फोन आया, उसने खुद को सेना का अधिकारी बताया। उसने कहा कि उसकी तैनाती फिलहाल जैसलमेर, राजस्थान में है। अब उसका तबादला जम्मू-कश्मीर हो गया है। उसके पास एक कार है, जिसे वह बेचना चाहता है। उसने 1.60 लाख रुपये में कार बेचने की बात कही।
कांस्टेबल को भरोसा दिलाने के लिए उसने वाट्सएप पर अपना फर्जी पहचान पत्र और सेना के कैंटीन का कार्ड भी भेजा, जो असली लग रहा था। सौदा तय होते ही आरोपित ने कार को भेजने के नाम पर राकेश कुमार से 30 हजार रुपये पेटीएम वॉलेट में ट्रांसफर करा लिए। भुगतान के बाद साहिल नाम के एक अन्य शख्स ने राकेश को फोन किया। उसने भी खुद को सेना से बताया और कहा कि कार दिल्ली पहुंच गई है, लेकिन कार लेने से पहले कुछ और पैसे देने पड़ेंगे।
बार-बार पैसे मांगे जाने पर राकेश को शक हुआ तो उन्होंने अपने स्तर पर मामले की जांच की। इसमें उन्हें अक्षय और साहिल के फर्जी होने का पता चला। इसके बाद उन्होंने फर्श बाजार थाने में शिकायत दी। पुलिस ने मंगलवार को केस दर्ज कर लिया। इससे पहले संयुक्त आयुक्त (ट्रांसपोर्ट रेंज) अतुल कटियार से क्रेडिट कार्ड का विवरण लेकर आरोपितों ने 28 हजार रुपये ठग लिए थे।