दिल्ली प्रदेश कांग्रेस कमेटी के गठन में जमकर चला भाई भतीजावाद
दिल्ली प्रदेश कांग्रेस कमेटी के गठन में जमकर भाई भतीजावाद चला। अध्यक्ष पद पर अनिल चौधरी की नियुक्त को छोड़ दें तो उपाध्यक्ष पद दिल्ली के दिग्गज नेताओं की चली।
नई दिल्ली, ऑनलाइन डेस्क। दिल्ली को एक अध्यक्ष और चार उपाध्यक्ष मिलते ही कांग्रेस पर एक बार फिर परिवारवाद का आरोप लगा है। मसलन कुल मिला कर कहें तो दिल्ली प्रदेश कांग्रेस कमेटी के गठन में जमकर भाई भतीजावाद चला। अध्यक्ष पद पर अनिल चौधरी की नियुक्त को छोड़ दें तो उपाध्यक्ष पद दिल्ली के दिग्गज नेताओं की चली। उन्होंने अपने बेटा-बेटी का ही उपाध्यक्ष बनवा दिया। जहां सुभाष चोपड़ा ने अपनी बेटी शिवानी चोपड़ा को उपाध्यक्ष बनवाया तो पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष जेपी अग्रवाल अपने बेटे मुदित अग्रवाल को भी उपाध्यक्ष पद दिलवाने में कामयाब रहे।
कांग्रेस पार्टी ने दिल्ली को नया प्रदेश अध्यक्ष बुधवार दिया। इसके साथ ही कांग्रेस ने चार उपाध्यक्ष भी बनाएं हैं। अध्यक्ष पद के लिए अनिल चौधरी पर कांग्रेस पार्टी ने विश्वास जताया है। वहीं, चार उपाध्यक्ष पद के लिए अभिषेक दत्त, जयकिशन, मुदित अग्रवाल, अली हसन और शिवानी चोपड़ा पर पार्टी ने दांव लगाया है। आश्चर्य की बात तो यह है कि कांग्रेस अपने ऊपर लग रहे भाई-भतीजावाद के आरोप से नहीं निकल पाई। आइए जानते हैं कैसे फिर से कांग्रेस पर एक बार फिर से परिवारवाद का आरोप लगा है। दिल्ली को मिले चार उपाध्यक्ष पद के लिए जिन तीन नामों का चयन हुआ है वह सभी किसी ना किसी बड़े कद्दावर नेता के पुत्र या पुत्री हैं। आइए सिलसिलेवार तरीके से इसको समझते हैं।
पहला नाम- मुदित अग्रवाल
मुदित अग्रवाल जेपी अग्रवाल के बेटे हैं जो पूर्व में कांग्रेस पार्टी के अध्यक्ष रह चुके हैं। पार्टी में उनका कद काफी बड़ा माना जाता रहा है। उनका नाम पार्टी के कद्दावर नेताओं में शुमार है। चांदनी चौक से चुनाव लड़े मगर उन्हें जीत नहीं मिल सकी थी।
दूसरा नाम- अली हसन
अली हसन, हसन अहमद के बेटे हैं। हसन अहमद के बारे में बताया जाए तो यह पूर्व विधायक रह चुके हैं।
तीसरा नाम- शिवानी चोपड़ा
शिवानी चोपड़ा, हाल में ही पूर्व प्रदेश अध्यक्ष सुभाष चोपड़ा की बेटी है। वह हाल में ही कालकाजी सीट से मैदान में विधानसभा चुनाव लड़ा मगर उन्हें सफलता नहीं मिली।