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चोटी गैंग से सहमी दिल्ली, राजस्थान, हरियाणा और यूपी की महिलाएं

पहली नजर में यह पहलू सामने आ रहा है कि ज्यादातर इस तरह की घटनाएं अंधविश्वासी लोग फैला रहे हैं।

By JP YadavEdited By: Published: Wed, 02 Aug 2017 02:36 PM (IST)Updated: Thu, 03 Aug 2017 09:21 AM (IST)
चोटी गैंग से सहमी दिल्ली, राजस्थान, हरियाणा और यूपी की महिलाएं
चोटी गैंग से सहमी दिल्ली, राजस्थान, हरियाणा और यूपी की महिलाएं

नई दिल्ली (जेएनएन)। महिलाओं की चोटी काटे जाने से दिल्ली-एनसीआर में दहशत का माहौल है। पिछले कुछ दिनों के दौरान दिल्ली, हरियाणा, उत्तर प्रदेश और राजस्थान में महिलाओं की चोटी काटने के मामले में इजाफा हुआ है। दिल्ली समेत चार राज्यों में दो दर्जन से अधिक मामले सामने आ चुके हैं। चोटी काटने की घटनाओं से महिलाओं में इस कदर खौफ पैदा हो गया है कि वो रात में सिर पर कपड़ा बांधकर सो रही हैं। यहां तककि कुछ इलाके के लोग खुद पहरा दे रहे हैं।

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गुरुग्रामः एक ही गांव की तीन महिलाओं की चोटी काटी

ग्रामीण इलाकों में महिलाओं की चोटी कटने का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा है। फरुखनगर के गांव जोनियावास में भी तीन महिलाओं की चोटी कट गई। घटना से गांव के लोग दहशत में हैं। लोगों नें रात को ठीकरी पहरा शुरू कर दिया है।

गांव इस मामले को लेकर एक पंचायत भी हुई जिसमें गांव के मौजिज लोग शामिल हुए। सभी ने कहा इस तरह की घटनाएं मानसिक रूप से परेशान लोगों के साथ ही हो रही हैं। संभव है कि बीमारी के फेर में महिलाएं खुद चोटी काट लेती हों। जिन महिलाओं की चोटी कटी है उनमें से एक के घर में सीसीटीवी भी लगा हुआ है। फुटेज में घर के अंदर घर के सदस्यों के अलावा किसी बाहरी के आने का दृश्य कैद नहीं है।

गांव की सरपंच गीता देवी ने कहा लोगों की सुरक्षा पहली प्राथमिकता है लिहाजा गांव में ठीकरी पहरा व पुलिस गश्त बढ़ा दी गई है। किसी भी अज्ञात व्यक्ति के दिखाई देने पर उससे पूछताछ करने पर ही आगे जाने दिया जा रहा है। सरपंच का कहना है कि सब अंधविश्वास है। अगर कोई अदृश्य शक्ति है तो वह मेरी चोटी काट कर दिखाए।

छात्रा को भी नहीं छोड़ा

शहर में चोटी काटने के मामले मंगलवार को भी सामने आए। तेरह साल की एक बच्ची, स्कूल में काम करने वाली महिला सहित तीन महिलाओं की चोटी काट गई। घटना के बाद तरह-तरह की अफवाह फैल गई। वहीं पुलिस अधिकारी मामले को अंधविश्वास से जोड़कर देख रहे हैं। जागरूक लोग भी किसी शरारती तत्व की हरकत बता रहे हैं। अधिकतर मामले स्लम एरिया में ही सामने आ रहे हैं।

बसई रोड पर तेरह साल की एक लड़की की चोटी काट ली गई। सुबह वह जब स्कूल के लिए तैयार हो रही थी तो कंघा करते वक्त उसकी हाथ में चोटी आ गई। इसी प्रकार सेक्टर सात में एक महिला की चोटी रात को सोते वक्त कट गई। वह जब सुबह उठी तो इसकी जानकारी मिली।

यह महिला सेक्टर चार के एक नामी स्कूल में कर्मचारी है। इसके अलावा विश्वकर्मा कॉलोनी और फिरोजगांधी कॉलोनी में दो महिलाओं की चोटी कटी। किसी की ओर से पुलिस को शिकायत नहीं दी गई। इसके बाद भी पुलिस आयुक्त ने कहा जांच होगी तो सब कुछ सामने आ जाएगा।

मनोचिकित्सक डा. ब्रम्हदीप सिंधू ने कहा किसी के साथ किसी की शरारत हो सकती है। कुछ मामले में महिलाओं की मानसिक अवसाद में रहने की वजह भी हो सकती है।

उन्होंने कहा कि कुछ मानसिक बीमारी है जिसमें कुछ देर के लिए व्यक्ति अजीबो गरीब हरकत करता है फिर बेहोश हो जाता है। हो सकता है कि इसी स्थित में महिला खुद के बाल अपने हाथ से ही काट लेती हो। जब उसकी हालत ठीक होती है तो उसे पहले की घटना का अहसास नहीं होता है।

गुरुग्रामः फतेहपुर तगा में काटी दो युवतियों की चोटी

गांव फतेहपुर तगा में दो युवतियों की चोटी काटने की बात सामने आई है। इससे गांव में अफरा-तफरी का माहौल हैं। ग्रामीण शाम होते ही लड़कियों को घरों से बाहर निकलने से मना कर रहे हैं। ग्रामीण व शहरी क्षेत्र में महिलाओं व युवतियों की चोटी काटने की अफवाह फैल रही है।

एक महिला व पुरुष घरों में घुसकर चोटी काट कर ले जाते है। ऐसे ही दो मामले गांव फतेहपुर तगा में सुनने को मिले। गांव में चारों तरफ चर्चा का विषय बना हुआ था कि कोई दो युवतियों की चोटी काटकर ले गया।

क्षेत्र की सिकरौना पुलिस चौकी के इंचार्ज जगमाल सिंह का कहना है कि उनके पास अभी तक किसी भी ग्रामीण ने कोई शिकायत नहीं की है।

यदि ऐसी कोई घटना घटती तो निश्चित तौर पर लोग उनके पास आकर शिकायत करते। ज्यादातर इस तरह की घटनाएं अंधविश्वासी लोग फैला रहे हैं।

यहां बता दें कि चोटी काटने के मामले नूंह जिले से शुरू हुए, फिर पड़ोसी जिले पलवल के हथीन में इस तरह की घटनाएं हुई और अब इसकी धमक फरीदाबाद में भी सुनाई देने लगी है। इस तरह की चर्चाओं से रेलवे रोड स्थित एसी नगर, भगत सिंह कॉलोनी, इंद्रा कॉलोनी, गांव सीकरी आदि में भी भय का माहौल है।

एसी नगर निवासी राजकुमार ने बताया कि गर्मियों तो लोग रात को बाहर चारपाई बिछा कर सो जाते हैं, पर फिलहाल वो डरे हुए हैं और महिलाएं जो अंदर सो रही हैं, वो भी कमरों की कुंडी को दो बार चेक करने के बाद ही सोने जाती हैं।


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