भ्रष्टाचार छिपाने के लिए CAG रिपोर्ट पेश नहीं कर रही केजरीवाल सरकार: मनोज तिवारी
Delhi Newsयमुना भी साफ नहीं हुई। बावजूद इसके दिल्ली जल बोर्ड पर कर्ज चढ़ गया है। वर्ष 2015 के बाद से जल बोर्ड की बैलेंस शीट जारी नहीं की गई है। सीएजी ने 22 पत्र लिखें लेकिन दिल्ली सरकार ने जवाब नहीं दिया।
नई दिल्ली [संतोष कुमार सिंह]। दिल्ली प्रदेश भाजपा के पूर्व अध्यक्ष और सांसद मनोज तिवारी ने दिल्ली सरकार से भारत के नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (सीएजी) की रिपोर्ट विधानसभा में रखने की मांग की है। उन्होंने कहा कि भ्रष्टाचार छिपाने के लिए दिल्ली सरकार पिछले चार वर्ष से सीएजी की रिपोर्ट विधानसभा में पेश नहीं कर रही है।
सूचना के अधिकार (आरटीआइ) के तहत मिली जानकारी के अनुसार दिल्ली परिवहन निगम (डीटीसी), दिल्ली जल बोर्ड और बिजली विभाग में एक लाख 51 हजार करोड़ रुपये से ज्यादा की राशि की अनियमितता हुई है। सीएजी और उपराज्यपाल को इसकी फोरेंसिक जांच करानी चाहिए।प्रेस वार्ता में उन्होंने कहा कि वर्ष 2013 से पहले लाभ में रहने वाला डीटीसी वर्ष 2020 में 38 हजार करोड़ से ज्यादा के नुकसान में है।
छह सौ करोड़ रुपये के लाभ में रहने वाले दिल्ली जल बोर्ड पर अब 57 हजार 895 करोड़ रुपये से ज्यादा का कर्ज है। न सभी घरों में साफ पानी पहुंचा और न टैंकर माफिया खत्म हुए। यमुना भी साफ नहीं हुई। बावजूद इसके दिल्ली जल बोर्ड पर कर्ज चढ़ गया है। वर्ष 2015 के बाद से जल बोर्ड की बैलेंस शीट जारी नहीं की गई है। सीएजी ने 22 पत्र लिखें लेकिन दिल्ली सरकार ने जवाब नहीं दिया।
उन्होंने कहा कि सत्ता में आने से पहले अरविंद केजरीवाल बिजली वितरण कंपनियों के खिलाफ भ्रष्टाचार के कागज दिखाते थे। सत्ता में आने के बाद उन कंपनियों को 49 हजार करोड़ रुपये से ज्यादा का लाभ पहुंचाया गया है। उन्होंने आरोप लगाया कि आम आदमी पार्टी, केजरीवाल और अन्य आप नेताओं का इंटरनेट मीडिया का अकाउंट विदेश से चल रहा है।