'आप' को संभाल नहीं पाए केजरीवाल, पार्टी में जमे बैठे हैं मौकापरस्त लोग
वेदप्रकाश ने कहा कि यह ऐसी पार्टी थी, जिस पर लोगों ने भरोसा कर प्रचंड बहुमत दिया, लेकिन पार्टी के मुखिया दो साल भी इसे संभाल नहीं पाए।

नई दिल्ली [जेएनएन]। नगर निगम चुनाव से पहले आम आदमी पार्टी व दिल्ली विधानसभा की सदस्यता से इस्तीफा देने वाले पूर्व विधायक वेदप्रकाश ने कहा कि नगर निगम चुनाव में हुई आम आदमी पार्टी की दुर्गति इस पार्टी के खत्म होने का संकेत हैं।
वेदप्रकाश ने कहा कि यह ऐसी पार्टी थी, जिस पर लोगों ने भरोसा कर प्रचंड बहुमत दिया, लेकिन पार्टी के मुखिया दो साल भी इसे संभाल नहीं पाए। इनके झूठ की कलई कुछ ही माह में खुल गई। जागरण से बातचीत में वेदप्रकाश ने बताया कि 'आप' के कई विधायक परेशान हैं ही, जनता ने भी जिस तरह से इनके खिलाफ और भाजपा के पक्ष में जनसमर्थन दिया उससे साफ हो गया है कि दिल्लीवासी भी अब इनसे तंग आ चुके हैं।
वेदप्रकाश का कहना है कि जिस समय मैं 'आप' में शामिल हुआ तो लगा था कि बहुत अच्छी पार्टी है। देश और दिल्लीवालों के हित में कुछ अच्छा करेंगे, मगर मेरा यह भ्रम कुछ ही दिनों में टूट गया। समझ में आ गया कि यह कोई विचारधारा या सिद्धांतों पर आधारित राजनीतिक दल नहीं है, अपितु इसमें कुछ मौकापरस्त लोगों का जमावड़ा है।
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पूर्व 'आप' नेता ने कहा कि देश व दिल्ली की जनता भी यह बात अच्छी तरह से समझ चुकी है कि केवल भाजपा ही एकमात्र ऐसी राजनीतिक पार्टी है, जो देश की दशा सुधार उसे सही दिशा में ले जाने का कार्य कर रही है।
वेदप्रकाश का कहना है कि अगर आज दिल्ली विधानसभा के चुनाव हो जाएं तो आम आदमी पार्टी के लिए एक भी सीट बचा पाना मुश्किल होगा। उन्होंने मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को चुनौती देते हुए कहा कि अगर उनमें हिम्मत है तो निगम चुनाव में पराजय के बाद नैतिकता के आधार पर इस्तीफा देकर दोबारा चुनाव कराकर अपनी लोकप्रियता को परख लें।

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