कैंसर की रिपोर्ट को अनदेखा करने पर कोर्ट ने डॉक्टर पर लगाया 17 लाख का जुर्माना
कैंसर पीड़ित महिला के इलाज में लापरवाही बरतने के चलते उपभोक्ता फोरम ने पुसा रोड स्थित सिटी अस्पताल के डॉक्टर पर 17 लाख रुपये जुर्माना लगाया है।
नई दिल्ली [सुशील गंभीर]। कैंसर पीड़ित महिला के इलाज में लापरवाही बरतने के चलते उपभोक्ता फोरम ने पूसा रोड स्थित सिटी अस्पताल के डॉक्टर पर 17 लाख रुपये जुर्माना लगाया है। फोरम ने डॉक्टर आर सारंगी को मेडिकल लापरवाही का दोषी पाया और आदेश दिया कि पीड़ित परिवार को 30 दिन में मुआवजे की रकम अदा की जाए। इसके बाद रकम सात फीसदी ब्याज के साथ अदा करनी होगी।
ओल्ड राजेंद्र नगर निवासी अरुण ने अपनी पत्नी गीता के इलाज में लापरवाही बरतने के लिए अस्पताल और इसके डॉक्टरों के खिलाफ उपभोक्ता फोरम में 29 अगस्त 2011 को शिकायत दर्ज कराई थी। इसमें कहा गया था कि गीता के पेट में तेज दर्द होने पर मार्च 2009 में उसे अस्पताल लेकर गए, जहां दवा दी गई, लेकिन कई दिन तक दवा खाने के बाद भी राहत नहीं मिली।
कुछ दिन बाद फिर से अस्पताल लेकर गए, जहां डॉक्टरों ने कई परीक्षण करने के बाद गॉल ब्लाडर निकालने की सलाह दी। इसके बाद 22 अप्रैल 2009 को ऑपरेशन हुआ और 25 अप्रैल को अस्पताल से छुट्टी हो गई। इसके बाद भी दर्द से राहत नहीं मिली तो 30 अप्रैल को फिर से वह मरीज को अस्पताल लेकर गए।
11 अगस्त 2009 को सिटी अस्पताल की तरफ से कहा गया कि हर्निया का ऑपरेशन करना पड़ेगा। इस पर वह मरीज को दूसरे अस्पताल ले गए। यहां हर्निया के ऑपरेशन के बाद 21 अगस्त को छुट्टी हो गई। इस दौरान अस्पताल ने पिछली रिपोर्ट चेक कराई तो पता चला कि गीता को कैंसर है। जिसकी बॉयोप्सी रिपोर्ट 28 अप्रैल को ही सिटी अस्पताल को मिल गई थी, लेकिन डॉक्टरों ने उस पर गौर ही नहीं किया।
यही नहीं परिजनों को भी इसकी जानकारी नहीं दी गई। इस बीच कैंसर अंतिम चरण पर पहुंच जाने से मरीज को बचाया नहीं जा सका। इधर केस सुनवाई के दौरान पिछले साल शिकायतकर्ता अरुण का देहांत हो गया। इसके बाद उनके बेटे वंश को विशेष अधिकार के तहत इस केस में शिकायतकर्ता बनाया गया।