पहली बार लाल किले पर परेड को मनाही, देखने को मिलेंगी सिर्फ झांकियां, बढ़ाई गई इनकी संख्या
हर साल सैन्यकर्मियों समेत दिल्ली पुलिस का परेड राजपथ से शुरू होकर लालकिला तक जाती थी। परेड 8.2 किलो मीटर तक जाती थी। इसबार 3.3 किलो मीटर तक ही परेड जाएगी। प्रत्येक जत्था में 144 कर्मी शामिल होते थे। इसबार प्रत्येक जत्था में 96 कर्मी ही शामिल रहेंगे।
राकेश कुमार सिंह, नई दिल्ली। गणतंत्र दिवस परेड इस बार पहली बार एतिहासिक लाल किला तक नहीं जाएगी। इस बार केवल झांकियां ही लालकिला तक जाएगी। झांकियों की संख्या इस बार बढ़ा दी गई है। पहले जहां अमूमन 25 से 28 झांकियां रहती थी। इसबार उसकी संख्या 32 कर दी गई है। इसके अलावा भी बड़े स्तर पर समारोह की रूपरेखा में बदलाव किए गए हैं।
कोरोना संक्रमण के मद्देनजर ऐसा फैसला लिया गया है। हर साल सैन्यकर्मियों समेत दिल्ली पुलिस का परेड राजपथ से शुरू होकर लालकिला तक जाती थी। परेड 8.2 किलो मीटर तक जाती थी। इसबार 3.3 किलो मीटर तक ही परेड जाएगी। प्रत्येक जत्था में 144 कर्मी शामिल होते थे। इसबार प्रत्येक जत्था में 96 कर्मी ही शामिल रहेंगे। परेड राजपथ से चलकर इंडिया गेट के नेशनल स्टेडियम तक ही जाकर खत्म हो जाएगी। झांकियों की संख्या बढाई तो गई है ¨कतु वे झांकियां लालकिले तक जाकर लौट भी जाएगी।
पहले झांकियां लाल किले तक जाकर 31 जनवरी तक दर्शकों के लिए वहीं पर रखी जाती थी। गणतंत्र दिवस समारोह संपन्न होने के बाद उसी दिन शाम को लालकिला में भारत पर्व का शुभारंभ किया जाता था। इसमें लोग देश की विविधता के दर्शन करते थे। छह दिवसीय भारत पर्व का आयोजन पर्यटन मंत्रालय द्वारा किया जाता था। लालकिला के ठीक सामने सांस्कृतिक कार्यक्रमों की प्रस्तुति के लिए स्टेज बनाया जाता था। इस पर्व में विभिन्न राज्यों व मंत्रालयों के थीम स्टॉल, हस्त शिल्प के स्टाल और विभिन्न राज्यों के खानपान के स्टाल होते थे।
उस दौरान गणतंत्र दिवस के अवसर पर राजपथ पर प्रदर्शित की जाने वाली झांकियां को भी लोगों का अवसर मिलता था। यह सब इस बार देखने को नहीं मिलेगा। लालकिला को आम लोगों के लिए 31 जनवरी तक बंद रखा जाता था। इसबार भारत पर्व का आयोजन नहीं होने व झांकियां भी 26 जनवरी को ही वापस राजपथ पर लौट जाने के कारण आम लोगों के लिए लाल किला को 26 जनवरी को ही खोल दिया जाएगा।
पुलिस अधिकारी के मुताबिक सुरक्षा व्यवस्था की तैयारी हर साल की भांति ही इस बार भी की जा रही है। लेकिन आयोजन की रूपरेखा में भारी कटौती कर दी गई है। आम लोगों के लिए दर्शक दीर्धा भी नहीं बनाने की बात की जा रही है।
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