Move to Jagran APP

2012 Delhi Nirbhaya case: पहली बार तिहाड़ में एक साथ चार दोषियों को दी जाएगी फांसी

2012 Delhi Nirbhaya case चारों को तिहाड़ जेल की जेल नंबर-3 में एक साथ फांसी दी जाएगी इसके लिए तख्ता तैयार कर लिया जाएगा।

By JP YadavEdited By: Published: Tue, 07 Jan 2020 05:35 PM (IST)Updated: Tue, 07 Jan 2020 06:25 PM (IST)
2012 Delhi Nirbhaya case: पहली बार तिहाड़ में एक साथ चार दोषियों को दी जाएगी फांसी
2012 Delhi Nirbhaya case: पहली बार तिहाड़ में एक साथ चार दोषियों को दी जाएगी फांसी

नई दिल्ली, ऑनलाइन डेस्क। 2012 Delhi Nirbhaya case: दिल्ली की पटियाला हाउस कोर्ट ने निर्भया मामले के चारों दोषियों मुकेश, अक्षय, विनय और पवन के  खिलाफ डेथ वारंट जारी करते हुए आगामी 22 जनवरी को सुबह 7 बजे फांसी तय की है। तिहाड़ जेल प्रशासन के मुताबिक, चारों को तिहाड़ जेल की जेल नंबर-3 में एक साथ फांसी दी जाएगी, इसके लिए तख्ता तैयार कर लिया जाएगा। यह पहला मौका होगा, जब चार दोषियों को तिहाड़ जेल में एक साथ फांसी पर लटकाया जाएगा। इससे पहले एक साथ दो दोषियों रंगा और बिल्ला को साल 1982 में एक साथ फांसी  पर लटकाया गया था। 

loksabha election banner

तिहाड़ जेल नंबर तीन में दी जाएगी फांसी

यहां पर बता दें कि दिल्ली की जिस तिहाड़ जेल नंबर-3 में फांसी का स्थान है, उस इमारत में कुल 16 डेथ सेल बनाए गए हैं। यहां पर उन्हीं कैदियों को रखा जाता है, जिनकी फांसी की तारीख नजदीक हो। ऐसे में फिलहाल निर्भया के चारों दोषी अक्षय, पवन, विनय और मुकेश इसी जेल संख्या- 3 में रखे गए हैं। 

फरवरी, 2013 को अफजल गुरु को दी गई थी फांसी

वर्ष 2013 में तिहाड़ जेल में संसद हमले में दोषी अफजल गुरु को फांसी दी गई थी। यह जानकारी बहुत कम लोगों को होगी कि अफजल गुरु को बिना जल्लाद के ही दिल्ली की तिहाड़ जेल नंबर-3 में 9 फरवरी, 2013 को फांसी दी गई थी। इतना ही नहीं, यह फांसी किसी पेशेवर जल्लाद ने नहीं, बल्कि फांसी देने के लिए फांसी के तख्ते का लिवर तिहाड़ जेल के की एक कर्मचारी ने खींचा था।

यहां पर बता दें कि रंगा-बिल्ला दो दोषियों को दिल्ली की तिहाड़ जेल में साल 1982 में फांसी दी गई थी, तो अगले साल यानी 1983 में 27 नवंबर की तारीख को महाराष्ट्र के जोशी अभयंकर हत्याकांड मामले में 10 लोगों की हत्या में चार लोगों को पुणे की यरवदा जेल में फांसी दी गई थी। इस लिहाज से 21वीं सदी की यह पहली फांसी है जब चार लोगों को फांसी पर लटकाया जाएगा। मिली जानकारी के मुताबिक, महाराष्ट्र के पुणे जिले में 1976-77 के दौरान जोशी-अभयंकर मामले में राजेंद्र जक्कल, दिलीप सुतार, शांताराम और मुनव्वर ने कुल 10 लोगों को मौत के घाट उतार दिया था। यह जानकर हैरानी होगी कि ये सभी दोषी छात्र थे,लेकिन बालिग थे। वहीं, लंबे मुकदमें के बाद 27 नवंबर, 1983 को चारों दोषियों को पुणे की यरवदा जेल में फांसी पर लटकाया गया था।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.