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Farmer Protests: 30 मिनट में बनता है 3000 लोगों के लिए खाना, कुछ मिनट में मशीन मिटा देती है थकान

चावल और सब्जी बनाने के लिए पंजाब के एक गुरुद्वारे से बायलर -स्टीमर मंगाया गया है। इससे भाप के जरिये खाना पकाया जाता है। महज 25 से 30 मिनट में यह बायलर-स्टीमर दो ढाई हजार लोगों के लिए दाल सब्जी चावल पका देते हैं।

By JP YadavEdited By: Published: Tue, 15 Dec 2020 01:20 PM (IST)Updated: Tue, 15 Dec 2020 01:35 PM (IST)
Farmer Protests: 30 मिनट में बनता है 3000 लोगों के लिए खाना, कुछ मिनट में मशीन मिटा देती है थकान
हर मशीन एक मिनट में 40-40 रोटियां बना देती है।

नई दिल्ली [संजीव गुप्ता]। कृषि कानूनों को वापस लेने की मांग पर अड़े किसानों के लिए धरनास्थल पर ही उनकी सहूलियत का सामान जुटाना शुरू कर दिया गया है। कहने को भले ही किसान घर से दूर हों, लेकिन जरूरत की हर चीज उन्हें यहां भी उपलब्ध हो रही है। आलम यह कि तीसरे सप्ताह में पहुंच चुके इस आंदोलन के तहत अब तो सबकुछ मशीनों से हो रहा है। चाहे वह खाना-पीना हो या फिर थकान उतारना। सिंघु बार्डर पर पर आंदोलनकारी किसानों की बढ़ती संख्या के बीच अब लंगर की रोटियां भी मशीनों से बनाई जा रही हैं। विभिन्न गुरुद्वारों से यहां लाई गई हर मशीन एक मिनट में 40-40 रोटियां बना देती है। इसी तरह चावल और सब्जी बनाने के लिए पंजाब के एक गुरुद्वारे से बायलर -स्टीमर मंगाया गया है। इससे भाप के जरिये खाना पकाया जाता है। महज 25 से 30 मिनट में यह बायलर-स्टीमर दो ढाई हजार लोगों के लिए दाल, सब्जी, चावल पका देते हैं।

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सेवादारी में आंदोलनकारी किसानों को होने वाली थकान उतारने के लिए खालसा एड इंडिया ने यहां मसाज चेयर भी लगवा दी हैं। इन कुर्सियों पर बैठकर कुछ ही मिनटों में एक साथ 15 किसानों के पैरों की थकान मिट जाती है। इसके अलावा कुछ युवा किसानों ने तो धरनास्थल पर जिम भी बना लिया है। जिम के लिए पंजाब से ही यह किसान अपने साथ कुछ मशीनें और उपकरण लेकर आए हैं। बढ़ती सर्दी के बीच किसानों को ठंड का सामना न करना पड़े, इसके लिए कई ट्रैक्टर ट्रॉलियों के बीच देर शाम अलाव की व्यवस्था भी कर दी जाती है। इसके अलावा कहीं लोकगीत गायन टोलियां किसानों का मनरंजन करती हैं, तो कहीं किसानों को सिखों की कुर्बानियों वाली फिल्में दिखाई जाती हैं।

खालसा एंड इंडिया के निदेशक अमरप्रीत सिंह ने बताया कि हजारों किसान सर्दी में भी संघर्ष कर रहे हैं, इसीलिए उनकी सुख-सुविधा से जुड़ा हर सामान यहां उपलब्ध कराया गया है। इसी कड़ी में उनके कपड़े धोने के लिए अब धरनास्थल पर कई जगहों पर कई कई वॉशिंग मशीनें लगा दी गई हैं तो उन्हें ठंडे पानी से न नहाना पड़े, इसके लिए गीजरों तक की व्यवस्था भी कर दी गई है।

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