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Delhi: स्वास्थ्य मंत्रालय से ठेका दिलाने के नाम पर 15 करोड़ ठगने वाले पांच गिरफ्तार, तीन निकले सरकारी कर्मचारी

दिल्ली पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा ने केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय से कोरोना के टीके व अन्य दवाओं के ट्रांसपोर्टेशन का ठेका दिलाने के नाम पर छह ठेकेदारों से 15 करोड़ रुपये ठगी करने के आरोप में पांच आरोपितों को गिरफ्तार किया है।

By Rakesh Kumar SinghEdited By: GeetarjunPublished: Sun, 25 Sep 2022 03:56 PM (IST)Updated: Sun, 25 Sep 2022 03:56 PM (IST)
Delhi: स्वास्थ्य मंत्रालय से ठेका दिलाने के नाम पर 15 करोड़ ठगने वाले पांच गिरफ्तार, तीन निकले सरकारी कर्मचारी
स्वास्थ्य मंत्रालय से ठेका दिलाने के नाम पर 15 करोड़ ठगने वाले पांच गिरफ्तार।

नई दिल्ली, जागरण संवाददाता। दिल्ली पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा ने केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय से कोरोना के टीके व अन्य दवाओं के ट्रांसपोर्टेशन का ठेका दिलाने के नाम पर छह ठेकेदारों से 15 करोड़ रुपये ठगी करने के आरोप में पांच आरोपितों को गिरफ्तार किया है। गिरफ्तार आरोपितों में एक मंत्रालय का रिसेप्शनिस्ट और दो अनुबंध वाले चतुर्थश्रेणी कर्मचारी शामिल हैं।

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सरकारी कर्मचारी रहे रिसेप्शनिस्ट ने प्राथमिकी दर्ज होने की जानकारी मिलते ही गिरफ्तार होने के डर से पहले स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति ले ली थी। इस रैकेट में शामिल फरार तीन अन्य आरोपितों की तलाश जारी है।

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कोरोना के टीकों पर को लेकर की गई ठगी

विशेष आयुक्त आर्थिक अपराध शाखा रविंद्र सिंह यादव के मुताबिक गिरफ्तार किए गए आरोपितों के नाम हरमन सभरवाल, गोविंद तुलसियान,दीप्राना तिवारी, त्रिलोक सिंह और मृत्युंजय राय है। कोरोना के टीकों का अलग-अलग राज्यों में परिवहन के बहाने लोगों से ठगी की गई। पीड़ितों को विश्वास दिलाने के लिए आरोपितों ने स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय के जाली दस्तावेज तैयार किए थे।

रिसेप्शन अफसर ने पीड़ितों से भवन में आने की ली रिश्वत

रिसेप्शन आफिसर रहे मृत्युंजय राय को निर्माण भवन स्थित मंत्रालय के कान्फ्रेंस हाल में जाने देने के लिए प्रति व्यक्ति छह-छह हजार रुपये रिश्वत दिए गए थे। मृत्युंजय राय द्वारा मंत्रालय में प्रवेश के लिए पर्चियां बनाने के बाद चतुर्थश्रेणी कर्मचारी त्रिलोक सिंह और दीप्राणा तिवारी पीड़ितों को आरोपितों के कहने पर उन्हें कान्फ्रेंस हाल में ले गए थे।

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कोट पेंट पहनकर आरोपितों ने दिया झांसा

वहां पहले से कोट पेंट पहनकर मंत्रालय कर्मी बनकर बैठे आरोपित ने उनसे बातचीत कर जल्द ठेका दिला देने का आश्वासन दिया था। जिससे झांसे में आकर पीड़ितों ने आरोपितों को ठेका मिलने से पहले ही विश्वास में आकर 15 करोड़ रुपये का भुगतान कर दिया था।

कोविड टीकों का ठेका दिलाने के नाम पर हुआ ठगी का अहसास

हरमन सभरवाल नोएडा के सेक्टर-77 में रहता है। गोविंद तुलसियान, दीप्राना तिवारी, त्रिलोक सिंह, मृत्युंजय राय दिल्ली के अलग-अलग क्षेत्र के रहने वाले हैं। इसी साल सुनील कौशिक समेत छह पीड़ितों ने अपराध शाखा में शिकायत कर आरोप लगाया था कि मंत्रालय से कोविड टीकों के परिवहन का ठेका दिलाने के नाम पर उनसे 15 करोड़ रुपये ठग लिए गए।

जांच में पता चला कि पिछले साल मई आरोपितों ने शिकायतकर्ताओं से संपर्क कर ठेका दिलाने के लिए पेशकश की थी। शिकायतकर्ताओं को विश्वास में लेने के लिए वे पीड़ितों को स्वास्थ्य मंत्रालय लाए थे।

आरोपित ने ले ली थी अंतरिम जमानत

संयुक्त आयुक्त छाया शर्मा व डीसीपी एमआई हैदर के नेतृत्व में एसीपी हरि सिंह, निरीक्षक अमित प्रताप सिंह, रविंदर जून, एसआई निखिल सिंह, सुरजीत, संजीव, अमजद की टीम ने पहले हरमन सभरवाल को अगरतला के होटल पोलो ग्राउंड से गिरफ्तार कर लिया। बाद में उससे पूछताछ के बाद अन्य चार आरोपितों को दिल्ली से अलग-अलग जगहों से गिरफ्तार कर लिया गया। मृत्युंजय राय ने गिरफ्तारी से बचने के लिए अंतरिम जमानत ले ली थी, जिसे रद कराकर दबोच लिया गया।

हरमन सभरवाल एमबीए पास है। वह पहले एक कंपनी में एचआर में था। गोविंद तुलसियान, स्टेबलाइजर्स बनाने वाली एक कंपनी में काम करता था।


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