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धरने ने बढ़ाई दिल्लीवालों की परेशानी, पहले प्रदूषण और अब बिजली पानी के संकट से जूझ रहे लोग

प्रदेश अध्यक्ष अजय माकन का कहना है कि एक सप्ताह से चल रही इस राजनीति ने दिल्लीवासियों की परेशानी बढ़ा दी है। पहले प्रदूषण से जूझे और अब बिजली पानी संकट से जूझ रहे हैं।

By Sanjay PokhriyalEdited By: Published: Tue, 19 Jun 2018 01:51 PM (IST)Updated: Tue, 19 Jun 2018 01:51 PM (IST)
धरने ने बढ़ाई दिल्लीवालों की परेशानी, पहले प्रदूषण और अब बिजली पानी के संकट से जूझ रहे लोग
धरने ने बढ़ाई दिल्लीवालों की परेशानी, पहले प्रदूषण और अब बिजली पानी के संकट से जूझ रहे लोग

नई दिल्ली [राज्य ब्यूरो]। प्रदेश कांग्रेस कमेटी ने आम आदमी पार्टी व भाजपा की वातानुकूलित राजनीतिक धरने की कडे़ शब्दों में निंदा की है। प्रदेश अध्यक्ष अजय माकन का कहना है कि एक सप्ताह से चल रही इस राजनीति ने दिल्लीवासियों की परेशानी बढ़ा दी है। पहले प्रदूषण से जूझे और अब बिजली पानी संकट से जूझ रहे हैं। कांग्रेस ने सोमवार को इसके विरोध में एक निंदा प्रस्ताव भी पारित किया।

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यह प्रस्ताव पास करने से पूर्व कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं की एक बैठक भी हुई। इस बैठक में माकन के अलावा पूर्व मंत्री डॉ. वालिया, हारून युसूफ, अरविंदर सिंह लवली, किरण वालिया, डॉ. नरेंद्र नाथ, पूर्व सांसद सज्जन कुमार, रमेश कुमार व प्रदेश प्रभारी पीसी चाको सहित कई पूर्व प्रदेश अध्यक्ष एवं विधायक भी मौजूद रहे। बैठक के बाद पत्रकारों से बातचीत में माकन ने कहा कि आप और भाजपा दोनों धरना करके एक दूसरे की मदद कर रही हैं।

उन्होंने कहा कि इस प्रस्ताव के द्वारा हम उन चार मुख्यमंत्रियों का ध्यान इस बात पर दिलाना चाहते हैं कि केजरीवाल एक अवसरवादी नेता हैं। वे सेक्यूलर तो बिल्कुल नहीं हैं। माकन ने कहा कि और शक्तियां लेने की मांग करके केजरीवाल अपने साढे़ तीन साल के कार्यकाल में जो कार्य नही किए गए, उनसे भागने का रास्ता अख्तियार कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि हम दोनों केंद्र व राज्य की सत्ताधारी पार्टियों से यह अपील करते हैं कि इस गतिरोध को जल्द से जल्द सुलझाएं क्योंकि दिल्ली को पिछले चार वर्षों में काफी परेशानियों से गुजरना पड़ा है।

माकन ने यह भी कहा कि कांग्रेस ने अपने 15 वर्षों के कार्यकाल में दिल्ली में वर्तमान संवैधानिक ढांचे के तहत ही अपने वादों को पूरा किया था। यद्यपि 1998 से 2004 के बीच में केंद्र में भाजपा की सहयोग न देने वाली सरकार थी, लेकिन तब भी कांग्रेस की दिल्ली सरकार ने बिजली सुधार किए, समस्त सार्वजनिक परिवहन व्यवस्था को सीएनजी में बदला, बहुत सारे फ्लाईओवर बनाए, मेट्रो की शुरुआत कर उसका जाल बिछाया तथा सोनिया विहार

वाटर जलशोधन संयंत्र भी तैयार किए। 


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