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सांसों का काला खेल : आक्सीजन सिलेंडर के बदले थमाया अग्निशामक यंत्र, मरीज की मौत

द्वारका में कोरोना संक्रमित एक महिला का घर में आइसोलेशन में उपचार हो रहा था। उनकी हालत बिगड़ने पर पीड़ित परिवार ने एक शख्स ने आक्सीजन सिलेेंडर के लिए संपर्क किया। संपर्क करने पर उसने अच्छी खासी रकम लेकर सिलेंडर उपलब्ध कराया। लेकिन कोरोना संक्रमित महिला की मौत हो गई।

By Prateek KumarEdited By: Published: Mon, 17 May 2021 06:10 AM (IST)Updated: Mon, 17 May 2021 07:28 AM (IST)
सांसों का काला खेल : आक्सीजन सिलेंडर के बदले थमाया अग्निशामक यंत्र, मरीज की मौत
द्वारका सेक्टर 23 थाना पुलिस कर रही मामले की तहकीकात

नई दिल्ली [गौतम मिश्रा]। दिल्ली में आक्सीजन की किल्लत अब भले ही काफी हद तक दूर हो चुकी है लेकिन पिछले दिनों आक्सीजन के लिए मची हाहाकार के बीच एक ठग की करतूत ने इंसानियत को शर्मसार करने का काम किया। द्वारका में कोरोना संक्रमित एक महिला का घर में आइसोलेशन में उपचार हो रहा था। उनकी हालत बिगड़ने पर पीड़ित परिवार ने एक शख्स ने आक्सीजन सिलेेंडर के लिए संपर्क किया। संपर्क करने पर उसने अच्छी खासी रकम लेकर सिलेंडर उपलब्ध कराया। लेकिन, कोरोना संक्रमित महिला को जैसे ही इस सिलेंडर से गैस देना शुरू किया गया, उनकी हालत बिगड़ती चली गई। कुछ देर बाद ही उन्होंने दम तोड़ दिया। बाद में पता चला कि जिस सिलेंडर से उन्हें सांस दी जा रही थी, वह आक्सीजन सिलेंडर नहीं बल्कि अग्निशामक यंत्र था। अब द्वारका सेक्टर 23 थाना पुलिस इस मामले की पड़ताल में जुटी है।

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पुलिस से की गई अपनी शिकायत में पीड़ित ने कहा कि उनकी पत्नी कोरोना संक्रमित थी। संक्रमण का पता चलने पर उन्होंने अपनी पत्नी को अस्प्ताल में भर्ती कराने का काफी प्रयास किया लेकिन कामयाबी नहीं मिली। अंत में घर में होम आइसोलेशन में उन्हें रखा गया। इस बीच उनकी हालत ज्यादा खराब हो गई। उन्हें आक्सीजन की तत्काल जरूरत थी। काफी प्रयास के बाद आक्सीजन सिलेंडर का इंतजाम नहीं हो पा रहा था। अंत में एक रिश्तेदार के माध्यम से उन्हें एक नंबर मुहैया कराया गया। जब उस नंबर पर संपर्क किया गया तो संतोष नामक एक आदमी मिला।

उसने पीड़ित पक्ष को फरीदाबाद आकर सिलेंडर लेने को कहा। सिलेंडर के एवज में 30 हजार रुपये की मांग की गई। रकम खाते में भेज दिया गया। शिकायतकर्ता के बेटे को सिलेंडर सौंपने के समय संतोष ने कहा कि इसमें साढ़े सात लीटर आक्सीजन गैस है। इतनी मात्रा एक मरीज के लिए करीब दस घंटे तक पर्याप्त है।

भरोसा करते हुए सिलेंडर घर द्वारका लाया गया। लेकिन, यह सिलेंडर केवल दो घंटे ही महिला को सांस दे पाया। इसके कुछ देर बाद महिला ने दम तोड़ दिया। महिला की मौत के बाद जब पीड़ित परिवार ने सिलेंडर के बारे में जानकारी एकत्रित करनी शुरू की तो पता चला कि यह आक्सीजन सिलेंडर नहीं बल्कि अग्निशामक यंत्र है। इसे लाल व काले रंग से पेंट कर दिया गया था। बाद में पता चला कि इस सिलेंडर को रिफिल भी नहीं किया जा सकता है। यदि इसे रिफिल किया जाए तो इसमें धमाका हो सकता है।

पीड़ित परिवार ने पुलिस से कहा कि उन्हें संदेह है कि सिलेंडर में आक्सीजन गैस और कार्बनडाइआक्साइड गैस का मिश्रण हो सकता है जो सांस के माध्यम से महिला के शरीर में गया जिससे महिला की मौत हो गई। पीड़ित परिवार का यह भी आरोप है कि सिलेंडर में साढ़े सात लीटर नहीं बल्कि दो लीटर गैस था।


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