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Delhi Fire: फैक्ट्री मालिक रिहान समेत 2 गिरफ्तार, आग से अब तक 43 लोगों की मौत

Delhi Anaj Mandi Fire Live दिल्ली के रानी झांसी रोड के पास अनाज मंडी में रविवार सुबह भीषण आग लग गई। आग में 43 लोगों की मौत हो चुकी है।

By Mangal YadavEdited By: Published: Sun, 08 Dec 2019 08:42 AM (IST)Updated: Sun, 08 Dec 2019 09:33 PM (IST)
Delhi Fire: फैक्ट्री मालिक रिहान समेत 2 गिरफ्तार, आग से अब तक 43 लोगों की मौत
Delhi Fire: फैक्ट्री मालिक रिहान समेत 2 गिरफ्तार, आग से अब तक 43 लोगों की मौत

नई दिल्ली [शुजाउद्दीन/संतोष शर्मा]। Delhi Anaj Mandi Fire Live: दिल्ली के फ़िल्मिस्तान इलाके में रानी झांसी रोड के पास अनाज मंडी में रविवार तड़के भीषण आग लग गई। ताजा जानकारी के मुताबिक आग में झुलसने से अब तक 43 लोगों की मौत हो चुकी है। गंभीर रूप से झुलसे लोगों को दिल्ली के लेडी हार्डिंग, सफदरजंग और एलएनजेपी अस्पताल में भर्ती करवाया गया है। 

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इस भीषण अग्निकांड मामले में सदर बाजार थाना पुलिस ने लापरवाही का मुकदमा दर्ज किया है। यह केस फैक्ट्री मालिक रिहान के खिलाफ दर्ज किया गया है। जांच केस क्राइम ब्रांच को सौंपी गई है। फैक्ट्री मालिक रिहान समेत दो को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। 

उधर, दिल्ली सरकार ने घटना की मजिस्ट्रेट से जांच के आदेश दिए हैं। पूर्वी जिले के जिलाधिकारी अरुण कुमार मिश्रा इस मामले की जांच करेंगे। वहीं घायलों को देखने के लिए मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और स्वास्थ्य मंत्री सतेंद्र जैन लोक नायक अस्पताल पहुंचे। वहीं लोकनायक अस्पताल में घायलों को देखने केंद्रीय स्वाथ्य मंत्री अश्वनी चौबे भी पहुंचे। इनके बाद केंद्रीय मंत्री हर्षवर्धन भी एलएनजेपी अस्‍पताल पहुंचे हैं।

मृतकों के परिजनों को मिलेगा 17-17 लाख मुआवजा

इस अग्निकांड में मारे गए मृतकों के परिजनों को दिल्ली सरकार, केंद्र सरकार और दिल्ली भाजपा की तरफ से कुल 17-17 लाख मुआवजा दिया जाएगा। जबकि घायलों को 75-75 हजार आर्थिक मदद दिया जाएगा। इन आर्थिक मदद में 10-10 लाख मुआवजा दिल्ली सरकार मृतकों के परिजनों को देगी। जबकि 5-5 लाख आर्थिक मदद दिल्ली भाजपा मृतकों के परिजनों को देगी। इसके अलावा 2-2 लाख आर्थिक मदद प्रधानमंत्री राहत कोष से दिया जाएगा। 

गंभीर रूप से घायलों को दिल्ली सरकार एक-एक लाख, प्रधानमंत्री राहत कोष से 50-50 हजार और भाजपा 25-25 हजार आर्थिक मदद देगी। 

बिहार सरकार भी देगी मुआवजा

बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने भी इस अग्निकांड में मार गए बिहार के लोगों को दो-दो लाख मुआवजा देने का एलान किया है। घटना के प्रति शोक जताते हुए उन्होंने कहा कि बिहार के जितने लोग इस हादसे में मारे गए हैं उनके नजदीकी परिजनों को आर्थिक मदद की जाएगी। बिहार के जितने लोग इस घटना में मरे हैं उनके परिजनों को केंद्र, दिल्ली सरकार, दिल्ली भाजपा और बिहार सरकार के कुल मुआवजा को मिलाकर 19-19 लाख रुपये मिलेगा। 

घायल ने बताया आंखों देखा हाल

आग में झुलसे मोहम्मद मुकीम ने बताया कि वे तीसरी मंजिल पर सो रहे थे। सुबह 6 बजे आंख खुली तो पाया कि आग लगी है। वह सीढ़ियों की ओर दौड़े। उसमें भी आग लगी थी तो झुलसकर जान बचाई। मोहम्मद मुकीम मूलरूप से बिहार के मधुबनी जिले के गांव मलमल के रहने वाले हैं। वह 10 साल से काम कर रहे थे।

कंपनी में काम रहे थे बड़ी संख्या में लोग

बताया जा रहा है कि जहां पर आग लगी वहां पर तीन मंजिला एक ही कंपनी में सैकड़ों लोग काम कर रहे थे। कंपनी में अलग-अलग फ्लोर पर तीन कंपनियां संचालित हो रही थीं। बताया जा रहा है कि फैक्ट्री 600 गज की है। इसमें कपड़े, गत्ते और प्लास्टिक बैग बनाए जाते थे। इसके अलावा यहां पर प्लास्टिक के सामान भी बनाए जाते थे। 

यहां पर 400 लोग काम करते थे। जानकारी के मुताबिक काफी लोग कंपनी में ही रहते थे। और रात में रहते भी थे। ज्यादातर लोग घटना के वक्त सो रहे थे। बताया जा रहा है कि फैक्ट्री तीन सगे भाइयों की है। रिहान, शान और इमरान इनके नाम बताए जा रहे हैं। तीनों भाई बाडा हिंदू राव में रहते है। आग रिहान की फैक्ट्री में लगी थी। 

सैकड़ों लोगों को बचाया गया

इस हादसे में सैकड़ों लोगों को बचाया गया है। दमकल विभाग के एक अधिकारी के अनुसार आग पर काबू पा लिया गया है। 34 दमकल की गाड़ियों से आग पर काबू पाया। फैक्ट्री में अब कोई नहीं है। बचावकार्य में 2 पुलिसकर्मी और 2 दमकलकर्मी भी घायल हुए हैं। राहत और बचाव कार्य में एनडीआरएफ की टीम लगी हुई है। 

मरने वाले अधिकतर लोग यूपी, बिहार के

बताया जा रहा है कि घटना के वक़्त फैक्ट्री में लोग सोए हुए थे। इस हादसे में ज्यादातर लोगों की मौत धुंए के कारण दम घुटने से हुई। अस्पताल के इमरजेंसी वार्ड में पहुंचने वाले अन्य मरीज़ों को दूसरे अस्पताल में भेजा जा रहा है। वार्ड के सभी डॉक्टर आग में झुलसे मरीज़ों में लगे हुए हैं। हादसे में जिन लोगों की मौत हुई है, वह उत्तर प्रदेश औऱ बिहार के बताए जा रहे हैं। मृतकों में सभी पुरुष हैं। 

किस-किस अस्पताल में भर्ती हैं घायल

आग में झुलसे लोगों को राम मनोहर लाल लोहिया, हिंदू राव अस्पताल, लेडी हार्डिंग, सफदरजंग और लोक नायक अस्पताल में भर्ती करवाया गया है। लेडी हार्डिंग अस्पताल में 10 लोगों को लाया गया था, इसमें से 9 की मौत हो चुकी है। मरने वाले में 2 बच्चे भी थे। एक बच्चा अभी भी गंभीर हालत में आईसीयू में है। लोक नायक अस्पताल के निदेशक किशोर सिंह ने बताया कि अस्पताल में जो भी घायल लोग भर्ती हैं उनका इलाज बेहतर तरीके से किया जा रहा है। इनकी हालत स्थिर है। सुबह 34 लोगों को भर्ती करवाया गया था जो कि सभी मरे हुए थे।

जानकारी के मुताबिक सुबह 5.22 मिनट पर पुलिस को आग लगने की सूचना मिली। राम मनोहर लाल लोहिया और हिंदू राव अस्पताल में 20 लोगों को भर्ती करवाया गया है। यह घटना दिल्ली में अब तक की सबसे बड़ी घटना बताई जा रही है। 

स्थानीय लोगों का दावा अवैध है फैक्ट्री

इस घटना के बाद स्थानीय निवासी कन्हैया लाल ने बताया कि इस हादसे के लिए हम लोग खुद ज़िम्मेदार हैं, इलाके का नाम अनाज मंडी है। लेकिन यहां कोई अनाज नहीं बेचता, यहां सैलून का सामान बेचा जाता है। छोटे बच्चों से काम करवाया जाता है, पिछले सप्ताह ही इस इलाके से 75 बच्चों को छुड़वाया था।

एक अन्य स्थानीय निवासी अर्जुन कुमार ने बताया कि यह फैक्ट्री अवैध है। आग के बाद मैं खुद फैक्ट्री में होकर आया हूं। तीसरी मंजिल पर ज़्यादा नुकसान हुआ है। रात के वक़्त प्लास्टिक का कंटेनर आया था, फैक्ट्री कर्मचारियों ने रात के वक़्त माल उतारकर फेक्ट्री में रखा। उसके बाद सो गए। करीब पांच बजे फैक्ट्री में आग लगी। घटना स्थल के आसपास फैक्ट्री चलाने वालों ने बताया कि निगम ने सभी फैक्टरियों को सील करने का आदेश दिया हुआ है, कई लोग अपनी फैक्टरी खाली करने में लगे हुए थे। 

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