Delhi News: मुंडका अग्निकांड के बाद चार मंजिला अटलांटिस बैंक्वेट हाल में भीषण आग, मैनेजर की जलकर मौत
राष्ट्रीय राजधानी में आग लगने की घटनाएं थम नहीं रही है। मंगलवार देश शाम को जीटी करनाल रोड स्थित अटलांटिस बैंक्वेट हाल में भीषण आग लग गई। इस दौरान सूचना पर अग्निशमन विभाग की 12 गाड़ियां मौके पर पहुंच गई हैं जो आग बुझाने की कोशिश में जुटी हैं।
नई दिल्ली, न्यूज एजेंसी। राष्ट्रीय राजधानी में आग लगने की घटनाएं थम नहीं रही है। मंगलवार देश शाम को जीटी करनाल रोड स्थित चार मंजिला अटलांटिस बैंक्वेट हाल में भीषण आग लग गई। इस दौरान सूचना पर अग्निशमन विभाग की 12 गाड़ियां मौके पर पहुंच गई हैं, जो आग बुझाने की कोशिश में जुटी हैं। आग से बैंक्वेट हाल के मैनेजर की मौत हो गई। मैनेजर की पहचान हर्ष चोपड़ा के रूप में हुई है। अभी तक आग लगने के कारणों का पता नहीं लग पाया है।
13 मई को मुंडका में 27 लोगों की जलकर हो गई ती मौत
मुंडका इलाके के मेट्रो स्टेशन के पास चार मंजिला व्यावसायिक इमारत में शुक्रवार को चार बजे आग लगी थी। लापता लोगों के परिजन अपनों का इंतजार कर रहे हैं। ज्यादार शव इतने जल गए हैं, कि परिजन अपनों को नहीं पहचान पा रहे हैं। अस्पताल परिसर में मौजूद लोग अपने लापता जान-पहचान के लोगों के लौट आने का इंतजार कर रहे हैं।
हादसे में 27 लोगों की मौत हो गई, जिनमें सात लोगों की पहचान हुई है। अभी तक 29 लोग लापता हैं, इनमें 24 महिलाएं व 5 पुरुष शामिल हैं। पुलिस के मुताबिक मृतकों की पहचान तानिया भूषण, मोहिनी पाल, यशोदा देवी, रंजू देवी, विशाल मिथलेश, कैलाश ज्यानि और दृष्टि के रूप में हुई है। बाकी शवों की जांच डीनीए के जरिए हो रही है।
उत्तरी नगर निगम के 3 अधिकारी सस्पेंड
अग्निकांड में दोषी अधिकारियों के खिलाफ उत्तरी नगर निगम ने बड़ी कार्रवाई की है। निगम में लाइसेसिंग इंस्पेक्टर संदीप कौशिक, सेक्शन आफिसर (जर्नल ब्रांच) एसके शर्मा और संपत्तिकर के सेक्सन आफिसर बीआर मीणा को सस्पेंड कर दिया है। वहीं, पहली बार 2011 में अवैध निर्माण के लिए जिम्मेदार जूनियर इंजीनियर पर कार्रवाई हुई।
मुंडका अग्निकांड के निगम का एक्शन
मुंडका अग्निकांड से सबक लेते हुए पूर्वी निगम ने फैक्ट्रियों का सर्वे शुरू कर दिया है। मंगलवार को अधिकृत और अनाधिकृत रूप से चल ही फैक्ट्रियों को शामिल किया गया है। अब तक 138 फैक्ट्रियों का सर्वे किया गया है। इनमें से नौ फैक्ट्रियों के पास निगम से लाइसेंस नहीं था। इन सभी को चालान जारी कर दिया गया है। चालान के तहत छह हजार रुपये का जुर्माना लगाया जाता है। इसके साथ लाइसेंस लेने के लिए दो सप्ताह का समय भी दिया जाता है। इसके बाद भी लाइसेंस नहीं लेने पर निगम सीलिंग की कार्रवाई कर सकता है।