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UP: आय से अधिक मामले में फंसे DSP के खिलाफ FIR, दिल्ली-NCR में बनाई करोड़ों की संपत्ति

आय से अधिक संपत्ति के आरोप में यूपी पुलिस के एक डीएसपी के खिलाफ विजयनगर थाने में मुकदमा दर्ज किया गया है।

By Edited By: Published: Fri, 19 Apr 2019 10:34 PM (IST)Updated: Sat, 20 Apr 2019 01:56 PM (IST)
UP: आय से अधिक मामले में फंसे DSP के खिलाफ FIR, दिल्ली-NCR में बनाई करोड़ों की संपत्ति
UP: आय से अधिक मामले में फंसे DSP के खिलाफ FIR, दिल्ली-NCR में बनाई करोड़ों की संपत्ति

गाजियाबाद, जेएनएन। आय से अधिक संपत्ति के आरोप में यूपी पुलिस के एक डीएसपी के खिलाफ विजयनगर थाने में मुकदमा दर्ज किया गया है। आरोप गाजियाबाद के गोविंदपुरम स्थित 47वीं बटालियन पीएसी में असिस्टेंट कमांडेंट अशोक कुमार पर लगाए गए हैं, जो विजयनगर के सेक्टर-9 स्थित ई ब्लॉक में रहते हैं। मुकदमा 2004-12 के बीच उनकी आय और व्यय की जांच के आधार पर दर्ज किया गया है।

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एसपी सिटी श्लोक कुमार ने बताया कि एंटी करप्शन ब्यूरो, मेरठ के प्रभारी इंस्पेक्टर अरविंद कुमार ने विजयनगर थाने में पीएससी के असिस्टेंट कमांडेंट के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया है। भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम 1988 की धारा 13(1)(बी) और 13(2) की धाराओं में रिपोर्ट दर्ज कर ली गई है। मामले में आगे की विवेचना एंटी करप्शन ब्यूरो ही करेगा।

इंस्पेक्टर अरविंद कुमार की ओर से दर्ज कराई गई रिपोर्ट के मुताबिक अशोक कुमार की 2004 से 2012 के बीच नौ साल में करीब 47.50 लाख रुपये आय हुई। मगर इसी दौरान उन्होंने अपने और परिवार के भरण-पोषण और परिसंपत्ति अर्जित करने में 1.43 करोड़ रुपये से भी अधिक खर्च किए। उन्होंने आय से लगभग 96 लाख अधिक रुपये व्यय किए।

इस संबंध में अशोक कुमार को अपना पक्ष रखने को कहा गया, लेकिन आय से तीन गुने खर्चो के बारे में वह तर्कसंगत साक्ष्य प्रस्तुत नहीं कर पाए। यह जांच डीजीपी यूपी के निर्देश पर एसीबी मेरठ ने की थी।

1982 में यूपी पुलिस में एसआइ के रूप में भर्ती हुए अशोक कुमार लंबे समय से गाजियाबाद में परिवार के साथ रह रहे हैं। सूत्रों की मानें तो एसीबी की जांच में कई चौंकाने वाली बातें सामने आई हैं। वह परिवार के साथ दो बार विदेश घूमने गए हैं और दिल्ली-एनसीआर में उन्होंने कई प्लॉट खरीदे हैं। आरोप है कि बचने के लिए प्लॉट आदि अपनी पत्नी व अन्य परिजनों के नाम पर खरीदे गए।

सात साल में पूरी हुई जांच
साल 2012 में एक अज्ञात शिकायतकर्ता ने अशोक कुमार पर आय से अधिक संपत्ति होने की शिकायत वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों से की थी। इस पर संज्ञान लेते हुए नवंबर 2012 में डीजीपी यूपी ने एसपी एसीबी (भ्रष्टाचार निवारण संगठन) को पत्र लिखा था। एसपी एसीबी ने इसकी जांच मेरठ एसीबी को सौंपी। अशोक कुमार के खिलाफ जांच पूरी करने में एसीबी को सात साल लगे। जांच पूरी होने के बाद एसीबी प्रभारी इंस्पेक्टर अरविंद कुमार ने विजयनगर थाने में उन पर रिपोर्ट दर्ज कराई।

गाजियाबाद समेत कई जिलों में रहे तैनात
982 दरोगा में भर्ती हुए अशोक कुमार गाजियाबाद समेत कई जिलों में तैनात रहे हैं। फिलहाल एक साल से वह गोविंदपुरम स्थित 47वीं वाहिनी पीएसी में वह असिस्टेंट कमांडेंट हैं। डीएसपी के पद पर प्रमोशन होने के बाद वह लखनऊ में सीओ रहे। इससे पहले 1995-2000 के बीच गाजियाबाद के थानों के प्रभारी रहे हैं।

बोलने से बचे अधिकारी
अशोक कुमार के खिलाफ आय से अधिक संपत्ति के मामले में गाजियाबाद पुलिस के अधिकारियों ने ज्यादा जानकारी होने से इन्कार किया। वहीं 47वीं वाहिनी पीएसी के कमांडेंट योगेश कुमार ने भी जांच होने या मुकदमे की जानकारी होने से मना किया।

मुकदमा दर्ज कराने वाले एसीबी, मेरठ के प्रभारी इंस्पेक्टर अरविंद शर्मा के मुताबिक जांच में सामने आए तथ्यों का जिक्र मुकदमे में कर दिया गया है। वहीं अशोक कुमार ने मुकदमे की जानकारी होने से ही इन्कार कर दिया। उनका कहना था कि सभी आरोप बेबुनियाद हैं।

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