फाइनेंस सेक्टर में करियर बनाने की बेहतर संभावनाएं, जानें क्या हैं जरूरी क्वालीफिकेशन
वित्तीय मामलों में ज्यादातर आंकड़ों का खेल होता है। इसलिए एक अच्छा फाइनेंशियल एडवाइजर बनने के लिए जरूरी है कि आपको फाइनेंस की भाषा की अच्छी समझ हो। जो अपने ग्राहकों को अच्छी सर्विस वित्तीय राय और सही गाइड कर सके।
नई दिल्ली, अमित गोयल। ग्राहकों को उपयोगी वित्तीय सलाह देने के लिए इन दिनों फाइनेंशियल एडवाइजर की काफी मांग देखी जा रही है। ऐसे प्रोफेशनल्स की हर कंपनी के एकाउंट्स विभाग में आवश्यकता होती है। दरअसल, वित्तीय मामलों में ज्यादातर आंकड़ों का खेल होता है। इसलिए एक अच्छा फाइनेंशियल एडवाइजर बनने के लिए जरूरी है कि आपको फाइनेंस की भाषा की अच्छी समझ हो। जो अपने ग्राहकों को अच्छी सर्विस, वित्तीय राय और सही गाइड कर सके। ये कई तरह की सर्विस देते हैं, जैसे कि इंवेस्टमेंट मैनेजमेंट, इनकम टैक्स या एस्टेट प्लानिंग आदि। फाइनेंशियल एडवाइजर को फाइनेंशियल प्लानर भी कहा जाता है। फाइनेंस सेक्टर में हो रहे विकास के कारण आज इस क्षेत्र में करियर की काफी बेहतर संभावनाएं बन रही हैं।
कार्यक्षेत्र
अपने ग्राहकों की वित्तीय स्थिति को सुधारने के लिए उपयोगी सलाह देने का काम फाइनेंशियल एडवाइजर करते हैं। इनका काम अपने ग्राहकों को निवेश, बीमा, बचत योजनाओं, कर्ज आदि के बारे में सही सलाह देना होता है। साथ ही, यह भी सुनिश्चित करना होता है कि ग्राहकों को ज्यादा से ज्यादा मुनाफा और कम से कम नुकसान हो।
शैक्षिक योग्यता
फाइनेंस सेक्टर में करियर बनाने के लिए आप कैट एग्जाम के जरिए भारत के किसी भी अच्छे बिजनेस या मैनेजमेंट संस्थान में एडमिशन ले सकते हैं। इस सेक्टर में उच्च शिक्षा के लिए किसी भी स्ट्रीम में बैचलर डिग्री का होना जरूरी है। वैसे, पहले केवल कामर्स के छात्र ही इस क्षेत्र में भविष्य बनाते थे, लेकिन इसके बढ़ते क्षेत्र को देखते हुए बीएससी (मैथ-बायो), बीए, बीबीए और बीई के छात्र भी एडमिशन ले सकते हैं। इस क्षेत्र में करियर बनाने के लिए आप चाहें तो एमबीए इन फाइनेंस, एमएस इन फाइनेंस, मास्टर डिग्री इन फाइनेंशियल इंजीनियरिंग, पोस्ट ग्रेजुएट डिप्लोमा इन बैंकिंग एंड फाइनेंस, एडवांस डिप्लोमा इन बैंकिंग एंड फाइनेंस, मास्टर्स इन कमोडिटी एक्सचेंज आदि जैसे कोर्स कर सकते हैं।
नौकरी के अवसर
फाइनेंशियल एडवाइजर किसी कंपनी में अकाउंटेंट, आडिटर, इकोनामिस्ट, इंश्योरेंस सेल्स एजेंट, इंश्योरेंस अंडरराइटर, लोन आफिसर, पर्सनल फाइनेंशियल एडवाइजर, टैक्स इंस्पेक्टर, रेवेन्यू एजेंट आदि के तौर पर काम कर सकते हैं। फाइनेंस में ग्रेजुएशन करने के बाद आप किसी बिजनेस अखबार, पत्रिका आदि में संवाददाता और वित्तीय विश्लेषक के रूप में भी काम कर सकते हैं। बैंक, इंश्योरेंस और ट्रेडिंग कंपनियां अपने वित्तीय उत्पादों मसलन, कर्ज, इंश्योरेंस, शेयर, ब्रांड्स और म्युचुअल फंड को बेचने के लिए फाइनेंशियल एडवाइजर्स को नियुक्त करती हैं। विदेश में भी फाइनेंशियल एडवाइजर की मांग काफी है। प्रोफेशनल चाहें, तो इंटरनेशनल फाइनेंसिंग कंपनी, लेंडिंग एंड बारोइंग, मल्टी करेंसी ट्रेडिंग आदि फाइनेंशियल कंपनियों में भी नौकरी की तलाश कर सकते हैं।
सैलरी पैकेज: फाइनेंशियल एडवाइजर के तौर पर करियर की शुरुआत करने पर ज्यादातर कंपनियां सैलरी के साथ-साथ कमीशन भी देती हैं। वैसे, शुरुआती दौर में सैलरी 20 हजार से 30 हजार रुपये प्रतिमाह हो सकती है। अनुभवी प्रोफेशल्स की सैलरी एक लाख से दो लाख रुपये प्रतिमाह तक हो सकती है।
डायरेक्टर, टीकेडब्लूएस इंस्टीटयूट आफ बैंकिंग एंड फाइनेंस, नई दिल्ली
प्रमुख संस्थान
डिपार्टमेंट आफ फाइनेंशियल स्टडीज, दिल्ली विश्वविद्यालय, नई दिल्ली।
www.du.ac.in
टीकेडब्लूएस इंस्टीटयूट आफ बैंकिंग एंड फाइनेंस, नई दिल्ली
www.tkwsibf.edu.in
द इंस्टीट्यूट आफ चार्टर्ड फाइनेंशियल एनालिस्ट आफ इंडिया,
हैदराबाद, लखनऊ, कोलकाता, चेन्नई और पुणे।
www.icfai.org
इंस्टीट्यूट आफ फाइनेंशियल मैनेजमेंट एंड रिसर्च, चेन्नई
www.ifmr.ac.in
जेवियर इंस्टीट्यूट आफ मैनेजमेंट, भुवनेश्वर
www.ximb.ac.in