सुनंदा पुष्कर मामले में अंतिम सुनवाई नौ अक्टूबर को, थरूर की बढ़ सकती हैं मुश्किलें
17 जनवरी 2014 को दिल्ली के फाइव स्टार होटल में हुई सुनंदा पुष्कर की मौत के मामले में दिल्ली पुलिस ने एक जनवरी 2015 को हत्या का केस दर्ज किया था, लेकिन सुबूत नहीं मिले थे।
नई दिल्ली (जेएनएन)। सुनंदा पुष्कर को खुदकशी के लिए उकसाने के मामले में आरोपित उनके पति व कांग्रेस सांसद शशि थरूर की जल्द मुश्किलें बढ़ सकती हैं। दिल्ली हाई कोर्ट ने मामले में अंतिम सुनवाई के लिए नौ अक्टूबर की तिथि निर्धारित की है। अंतिम सुनवाई के दिन ही कोर्ट अपना आदेश भी सुना सकती है।
मंगलवार को मामले में हुई सुनवाई के दौरान दिल्ली पुलिस ने इस केस में कोर्ट के समक्ष स्टेटस रिपोर्ट पेश की। इसके बाद ही कोर्ट ने नौ अक्टूबर को मामले में अंतिम सुनवाई के लिए तिथि निर्धारित की है। इससे पहले 20 सितंबर को मामले में सुनवाई करते हुए हाई कोर्ट ने दिल्ली पुलिस को आदेश दिया था कि वह कांग्रेस सांसद शशि थरूर को प्रकरण से जुड़े सभी जरूरी दस्तावेज उपलब्ध कराए। एडिशनल चीफ मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट समर विशाल ने यह आदेश तब दिया था, जब शशि थरूर के वकील ने अदालत को बताया कि उपलब्ध कराए गए दस्तावेजों में कई पढ़ने लायक नहीं हैं और कुछ गायब हैं।
फाइव स्टार होटल में मृत मिली थीं सुनंदा
17 जनवरी 2014 को दिल्ली के फाइव स्टार होटल में हुई सुनंदा पुष्कर की मौत के मामले में दिल्ली पुलिस ने एक जनवरी 2015 को हत्या का केस दर्ज किया था, लेकिन सुबूत नहीं मिले थे। फिर फोरेंसिक साइकलॉजिकल प्रोफाइलिंग, विशेषज्ञ की राय और तकनीकी जांच के आधार पर आइपीसी की धारा 306 यानी आत्महत्या के लिए उकसाने और 498 ए यानी प्रताडि़त करने की धाराओं के तहत शशि थरूर के खिलाफ आरोप पत्र दाखिल किया गया था।