महिला डॉक्टर की करतूत: 36 माह से बाहर की दुनिया से बेदखल है ये बच्चे
पड़ोसियों की सूचना पर बाल कल्याण कमेटी और स्थानीय पुलिस की टीम ने बच्चों को कमरे से निकालकर बाल संरक्षण गृह में पहुंचाया है।
नई दिल्ली [ जेएनएन ]। जनकपुरी में महिला डॉक्टर ने पिछले तीन साल से दो बेटों को घर के एक कमरे में बंद कर रखा था। वह खुद भी बाहर नहीं निकलती थी। पड़ोसियों की सूचना पर बाल कल्याण कमेटी और स्थानीय पुलिस की टीम ने बच्चों को कमरे से निकालकर बाल संरक्षण गृह में पहुंचाया है। वहां फिलहाल उनकी काउंसलिंग कराई जा रही है, जबकि महिला को इहबास अस्पताल में भर्ती कराया गया है।
पुलिस अधिकारी के अनुसार, जनकपुरी ए ब्लॉक में महिला डॉक्टर दो बेटों के साथ रहती है। उनके एक बेटे की उम्र 20 साल व दूसरे की 18 साल है। महिला के पति करीब सात साल पहले परिवार को छोड़कर जा चुके हैं। वह भी डॉक्टर हैं। बताया जा रहा है कि पति के छोड़कर जाने के बाद वह डिप्रेशन का शिकार हो गई।
इसके बाद बेटों को घर में बंदकर रखने लगी। वह खुद भी बहुत कम बाहर निकलती थी। बृहस्पतिवार को पड़ोसियों ने बाल कल्याण कमेटी की टीम को घर में लंबे समय से दोनों बच्चों के बंधक होने की सूचना दी। इसके बाद कमेटी ने पुलिस की मदद से घर पर छापा मारा। वहां बंद कमरे से दोनों बच्चों को मुक्त कराया। साथ ही महिला को भी इहबास में भर्ती किया गया है।
स्थानीय लोगों ने बताया कि पति के जाने के बाद शुरुआती दिनों में आर्थिक स्थिति अच्छी होने के चलते वह घर से बाहर केवल सामान लेने ही आती थी, लेकिन धीरे-धीरे घर से बाहर निकलना बंद कर दिया।