Delhi: सहायता प्राप्त स्कूलों में शिक्षकों की भर्ती में फर्जीवाड़े की आशंका, सतर्कता निदेशालय ने की जांच की सिफारिश
सहायता प्राप्त स्कूलों में शिक्षकों की भर्ती में फर्जीवाडे़ के दाे बड़े मामले पिछले छह माह के अंदर आ चुके हैं। ताजा मामले में दिल्ली सरकार के सतर्कता निदेशालय ने सहायता प्राप्त इन स्कूलों में पिछले दस सालों में भर्ती प्रक्रिया की जांच की सिफारिश की है। इस तरह के एक मामले में कुछ माह पहले ही सीबीआइ ने एफआइआर दर्ज की है ।

वी के शुक्ला, नई दिल्ली। दिल्ली सरकार को सहायता प्राप्त स्कूलों में शिक्षकों की भर्ती में बड़े स्तर पर फर्जीवाड़े की आशंका है। सरकार के सतर्कता निदेशालय ने सहायता प्राप्त इन स्कूलों में पिछले दस सालों में भर्ती प्रक्रिया की जांच की सिफारिश की है।
निदेशालय ने अपनी रिपोर्ट में कहा कि एक साल में ही फर्जी दस्तावेजों के आधार पर बड़े मामले सामने आ चुके हैं । इस तरह के एक मामले में कुछ माह पहले ही सीबीआइ ने एफआइआर दर्ज की है ।
भर्ती में फर्जीवाडे़ के दाे बड़े मामले आ चुके हैं सामने
सहायता प्राप्त स्कूलों में शिक्षकों की भर्ती में फर्जीवाडे़ के दाे बड़े मामले पिछले छह माह के अंदर आ चुके हैं।पहला मामला उस समय सामने आया जब गत जून में सीबीआइ ने फर्जी दस्तावेजों के आधार पर शिक्षक की नाैकरी पाने वाले छह लाेगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया था।
यह मामला वी एस एग्रीकल्चर सीनियर सेकेंडरी स्कूल खेड़ा गढ़ी का है, जिसे वैदिक संस्कृति एग्रीकल्चर सोसायटी द्वारा चलाया जा रहा है। सीबीआइ ने प्रथम स्तर पर जांच के बाद शिक्षक प्रवीण बाज, चित्र रेखा, सोनिया, प्रतिभा, पिंकी आर्य व मनीष कुमार के मामले में फर्जी दस्तावेजों के उपयोग का पता लगाया था।
मुकदमा दर्ज कर दिए जाने के बाद सीबीआइ ने मामले की जांच शुरू कर दी है। इससे घपला करने वाले अब तनाव में हैं। इस बारे में सीबीआइ को नौ मार्च 2022 को शिकायत मिली थी। जांच संजीब कुमार को सौंपी गई थी, गड़बड़ी मिलने पर आगे की जांच का कार्य टीके सिंह को सौंपा गया है।
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दूसरा मामला अब दिल्ली सरकार के सतर्कता निदेशालय ने पकड़ा है, यह मामला 2008 बैच के निलंबित आइएएस उदित प्रकाश राय की पत्नी शिल्पी राय द्वारा सहायता प्राप्त स्कूल में नौकरी पाने के दस्तावेजों की जांच के बाद सामने आया है।
गत 10 अक्टूबर को तैयार हुई रिपोर्ट के अनुसार उनके दस्तावेजों की जांच पर उनके अलावा दो अन्य के दस्तावेज भी फर्जी पाए गए हैं। जिसमें उन सहित तीन के अनुभव प्रमाणपत्र फर्जी निकले हैं।
तीन मामले में स्कूल संबंधित शिक्षक के उनके यहां पाने के स्कूल दस्तावेज नहीं दे सके हैं।केवल एक ही मामला सही पाया गया है। यानी सात में से एक ही ही मामले को सही पाया गया है।
कितनी है ऐसे शिक्षकों की संख्या?
बता दें कि दिल्ली सरकार के शिक्षा के क्षेत्र में सहायता स्कूलों का भी योगदान माना जाता है।दिल्ली में 200 से अधिक ऐसे स्कूल हैं, इनमें कुल मिलाकर 8000 के करीब शिक्षक हैं। एक-एक स्कूल में 40 से लेकर 50 तक शिक्षकों के पद सृजित हैं। यहां पद रिक्त भी हैं।
समय समय पर यहां पद भरे जाने के लिए प्रक्रिया चलती रही है। कई स्कूलों में भर्ती प्रक्रिया को लेकर कई बार विवाद हुआ है। मगर जांच के नाम पर खानापूर्ति होती रही है। जिससे गलत दस्तावेजों पर नौकरी प्राप्त करने वालों के हौसले बुलंद होते रहे हैं।
शिक्षकों के इन दस्तावेजाें की हो सकती है जांच
अब सतर्कता निदेशालय ने फर्जीवाड़े का मामला पकड़ने पर पिछले 10 साल तक स्कूलों में हुईं नियुक्तियों की जांच कराए जाने की सिफारिश की है।
निदेशालय के अनुसार खासकर भर्ती किए गए शिक्षकों के अनुभव प्रमाणपत्र और नाैकरी पाने के लिए जारी किए गए उनके अन्य स्कूलों व कालेजों के बारे में दिए गए दस्तावेजाें की जांच की जानी चाहिए।

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